यूक्रेन और रूस में जारी जंग के बीच (Ukraine Russia War ) एक रूसी सैनिक (Russian soldier) का मैसेज सामने आया है, जिसमें उसने लिखा है-"मां, मैं यूक्रेन में हूं, यहां असली जंग छिड़ी हुई है. मैं दहशत में हूं". उसने मां को भेजे आखिरी संदेश में यह भी लिखा, 'रूसी फौज आम जनता को भी निशाना बना रही है. रूसी सैनिक ने मौत के पहले भेजे गए संदेश में लिखा था, हम सभी शहरों पर एक साथ गोलाबारी कर रहे हैं और यहां तक कि आम आबादी को भी निशाना बना रहे है.'खबरों के मुताबिक, ताबड़तोड़ प्रतिबंधों और बहिष्कार के बीच रूस ने अब रिहायशी इलाकों और आबादी को भी निशाना बनाकर शुरू किया है. कीव (Kyiv)और खारकीव (Kharkiv) में लगातार रिहायशी इमारतों पर रॉकेट और मिसाइल हमले हो रहे हैं.
यूक्रेन के यूएन में राजदूत सर्गेई कित्सलोव ने कहा कि ये संदेश उस मृत सैनिक के फोन से मिला है. उन्होंने संदेश पढ़ते हुए कहा कि यूक्रेन में लड़ाई मुश्किल हो रही है. लोग भी सैन्य वाहनों के सामने आकर उनका रास्ता रोक रहे हैं, जबकि हमें बताया गया था कि लोग वहां पहुंचने पर हमारा स्वागत करेंगे. लेकिन इसके उलट यूक्रेनी जनता हमारे सैन्य वाहनों के सामने लेट जाती है और हमें आगे बढ़ने से रोकती है. वे हमें फासीवादी कहते हैं.
यूक्रेन के विदेश मंत्रालय (Foreign Affairs ) ने एक वीडियो ट्विटर पर शेयर किया है, जिसमें कहा गया है कि खारकीव (Kharkiv) में एक प्रशासनिक इमारत को दिखाया गया है. राजधानी कीव के बाद खारकीव यूक्रेन का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. इसमें इमारत को मिसाइल हमले के तेज धमाके के साथ आग की लपटों में घिरने और मलबे में तब्दील होने का दृश्य है. यूक्रेन ने कहा है कि रूस अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का उल्लंघन कर रहा है और युद्ध के दौरान के नियम-कानूनों की भी धज्जियां उड़ा रहा है. वो रिहायशी ढांचो को निशाना बनाकर ध्वस्त कर रहा है. उसकी मिसाइलों के निशाने पर बड़े शहर हैं.
वैश्विक मंच पर बड़े अलगाव का सामना करते हुए रूस (Russia) को सोमवार (28 फरवरी) को 193 सदस्यों वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में समर्थन जुटाने के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा का सामना करना पड़ा. UNGA ने कल से एक आपातकालीन विशेष सत्र का आयोजन किया है, जिसमें यूक्रेन पर रूसी हमले के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पर चर्चा हुई. संयुक्त राष्ट्र के 77 साल के इतिहास में यह 11वां मौका है, जब महासभा ने ऐसे आपातकालीन विशेष सत्र का आयोजन किया है. इस दौरान सदस्य देशों के बार-बार शांति की अपील करने के बावजूद रूस ने अपने पड़ोसी यूक्रेन पर आक्रमण करने के अपने फैसले का बचाव किया.
यूक्रेन-रूस युद्ध के पीड़ितों के लिए एक मिनट के मौन के साथ महासभा का सत्र शुरू होने के बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने चेतावनी देते हुए दो टूक कहा, "यूक्रेन में लड़ाई बंद होनी चाहिए." उन्होंने कहा, "बहुत हो गया. अब सैनिकों को अपने बैरक में वापस जाने की जरूरत है और नेताओं को शांति की ओर कूच करने की जरूरत है. नागरिकों की हर हाल में रक्षा की जानी चाहिए."
Ukraine में 'Russia के पर काटेगी' Stinger Missile, US, जर्मनी से मिलेगी यूक्रेन को ये बड़ी ताक़त...
100 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों के महासभा में बोलने की उम्मीद है. वैश्विक निकाय यह तय करेगा कि क्या वह उस प्रस्ताव का समर्थन करता है, जिसमें कहा गया है कि रूस यूक्रेन से तुरंत सैनिकों की वापस करे. हालांकि, यह रिजॉल्यूशन गैर-बाध्यकारी है, लेकिन यह इस बात का प्रतीक होगा कि रूस वैश्विक मंच पर कितना अलग-थलग है.
समाचार एजेंसी AFP द्वारा देखे गए प्रस्ताव के मसौदे के अनुसार, अधिकतम समर्थन जुटने की कोशिश करने के लिए उसके शब्दों को कम प्रभावी कर दिया गया है. UNGA में पेश प्रस्ताव में अब रूस की आक्रामकता की कड़े शब्दों में "निंदा" नहीं, बल्कि इसकी "निंदा" करता है लिखा गया है.
Ukraine मामले में भारत क्यों रख रहा है फूंक फूंककर कदम, ये हैं 5 बड़े कारण
इस प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र में बुधवार को मतदान होने की संभावना है. इसके प्रस्तावकों को उम्मीद है कि उनके पक्ष में 100 से अधिक वोट हो सकते हैं. हालांकि, सीरिया, चीन, क्यूबा और भारत सहित देशों द्वारा रूस का समर्थन करने या वोटिंग से परहेज किए जाने की संभावना है.
(Except for the headline, this story has not been edited by NDTV staff and is published from a press release)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं