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This Article is From Feb 13, 2023

"मुझे नौकरी से निकाल दो...", आखिर, क्‍यों कुछ कर्मचारी काम से निकाले जाने पर हो रहे खुश?

26 साल के बोबिन सिंह को ही लीजिए. उनका कहना है कि लॉस एंजिल्स में एक एस्पोर्ट्स कंपनी में सोशल मीडिया प्रोड्यूसर के रूप में अपनी नौकरी से छंटनी का नोटिस मिलने के बाद उनकी पहली प्रतिक्रिया थी- "शानदार".

"मुझे नौकरी से निकाल दो...", आखिर, क्‍यों कुछ कर्मचारी काम से निकाले जाने पर हो रहे खुश?

रोजगार की स्थिति: नौकरी से निकाल दिया गया, फिर भी खुश...! 
नौकरी में फंसे कर्मचारियों के एक छोटे, लेकिन मुखर समूह की मनोदशा वॉल स्ट्रीट से सिलिकॉन वैली में कुछ यही देखने को मिल रही है. नौकरी से निकाल दिया जाना आमतौर पर कर्मचारी के करियर का सबसे बड़ा संकट का समय होता है. लेकिन इन दिनों जॉब मार्केट की अजीब-सी स्थिति है, जहां बेरोजगारी दर जनवरी में 1969 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई थी. ये स्थिति तब थी, जब गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और अमेज़न जैसी बड़ी तकनीकी कंपनियों से हजारों लोगों को निकाल दिया गया है.    

ब्‍लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, नौकरी से निकाला जाना, उन कर्मचारियों की जिंदगियों को आसान बना रहा है जो खुद कुछ नया करने की चाह रखते हैं. ऐसे कर्मचारी जो अपने पद से संतुष्‍ट नहीं थे, अपने मन का काम नहीं कर पा रहे थे, अपने शौक के लिए समय नहीं निकाल पा रहे थे, वे जॉब से निकाले जाने के बाद आजाद महसूस कर रहे हैं. अब जिंदगी और करियर में उन्‍हें नई संभावनाएं नजर आ रही हैं. 

26 साल के बोबिन सिंह को ही लीजिए. उनका कहना है कि लॉस एंजिल्स में एक एस्पोर्ट्स कंपनी में सोशल मीडिया प्रोड्यूसर के रूप में अपनी नौकरी से छंटनी का नोटिस मिलने के बाद उनकी पहली प्रतिक्रिया थी- "शानदार". अब वह फ्रीलांस वीडियो एडिटिंग पर ध्यान दे रहे हैं, खासकर टिकटॉक पर शॉर्ट-फॉर्म वीडियो के लिए. सिंह ने बताया, "मेरा नए साल का संकल्प जुनूनी परियोजनाओं को करने के लिए अधिक समय देने के लिए कम काम करना था. मुझे ऐसा लग रहा है कि ब्रह्मांड सुन रहा है."

दरअसल, नए आंकड़े भी इसी तरफ इशारा कर रहे हैं. खासकर युवा कर्मचारियों के बीच जॉब को लेकर कुछ ऐसी ही भावना देखने को मिल रही है. पिछले महीने ब्लूमबर्ग न्यूज के लिए हैरिस पोल द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 20 फीसदी युवा कर्मचारियों ने कहा कि अगर उन्हें आज नौकरी से हटा दिया जाता है, तो वे खुश होंगे. हालांकि, ये स्थिति सिर्फ किसी एक देश में नहीं है. दुनियाभर में लाखों युवा ऐसे हैं, जो अपना खुद का व्‍यापार या काम शुरू करना चाहते हैं. भारत में हजारों स्‍टार्टअप इसका सटीक उदाहरण है.  

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