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बांग्लादेश चुनाव: शेख हसीना की सीट से उतर रहा यह हिंदू उम्मीदवार, जमात-ए-इस्लामी ने रेजाउल करीम पर खेला दांव

Bangladesh Election 2026: बांग्लादेश में अगले साल 12 फरवरी को नई सरकार के लिए वोट डाले जाएंगे. हिंसा के बीच बांग्लादेश में इस आगामी चुनाव ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है.

बांग्लादेश चुनाव: शेख हसीना की सीट से उतर रहा यह हिंदू उम्मीदवार, जमात-ए-इस्लामी ने रेजाउल करीम पर खेला दांव
Bangladesh Election 2026: शेख हसीना की सीट से गोबिंदा चंद्र प्रमाणिक उम्मदवारी ठोकने वाले हैं

Bangladesh Election 2026: हत्याओं और हिंसा से झुलसते बांग्लादेश में चुनावी सरगर्मी बढ़ चुकी है. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान भी आखिरकार 17 साल के वनवास के बाद चुनावी मैदान में उतरने के लिए बांग्लादेश आ चुके हैं. एक खास बात यह भी है कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ चल रहे अत्याचारों के बीच, एक हिंदू व्यक्ति 12 फरवरी 2026 को होने जा रहे चुनावों में अपदस्थ प्रधान मंत्री शेख हसीना की सीट से लोगों का जनादेश जीतने की कोशिश कर रहा है. बांग्लादेश जातीय हिंदू मोहजोत की केंद्रीय समिति के महासचिव, वकील गोबिंदा चंद्र प्रमाणिक, चुनाव में गोपालगंज -3 (कोटलीपारा-तुंगीपारा) सीट से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल करने की योजना बना रहे हैं.

द डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार हिंदू मोहजोत के गोपालगंज जिला अध्यक्ष बिजन रॉय ने बताया है कि गोबिंद चंद्र प्रमाणिक 28 दिसंबर को अपना नामांकन पत्र जमा करने वाले हैं. प्रमाणिक खुद को एक "तटस्थ व्यक्ति" बताते हैं, जिसका "किसी भी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है". उन्होंने कहा है कि मैं कभी पार्टी की राजनीति में शामिल नहीं रहा हूं.

बांग्लादेश के इस अखबार से बात करते हुए उन्होंने कहा, "राजनीतिक दलों के निर्वाचित सांसद अक्सर पार्टी अनुशासन के कारण आम लोगों की समस्याएं नहीं उठा सकते. मैं उस सीमा को पार करना चाहता हूं और लोगों की ओर से बोलना चाहता हूं."

अब आपके मन में यह भी सवाल आ रहा होगा कि हसीना की सीट से और कौन-कौन मैदान में है. तो यह रही पूरी लिस्ट

  • बीएनपी-नामांकित उम्मीदवार एसएम जिलानी
  • नेशनल सिटीजन पार्टी (एनसीपी) के अरिफुल दरिया
  • जमात-ए-इस्लामी के एमएम रेजाउल करीम
  • गोनो ओधिकार परिषद के अबुल बशर
  • इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश के मारूफ शेख
  • नेशनल पीपुल्स पार्टी के शेख सलाउद्दीन
  • खिलाफत मजलिस के ओली अहमद
  • स्वतंत्र उम्मीदवार मोहम्मद हबीबुर रहमान
  • स्वतंत्र उम्मीदवार मोहम्मद अनवर हुसैन

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ता अत्याचार

पिछले साल हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद, कट्टरपंथी गुटों ने बांग्लादेश में सत्ता की पर कब्जा जमा लिया है. हिंदुओं, ईसाइयों, सूफियों और अहमदिया मुसलमानों सहित अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा में वृद्धि हुई है. इन समूहों ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों को सही ठहराने और मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत एक कट्टरपंथी इस्लामी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए बढ़ती भारत विरोधी भावना का फायदा उठाया है.

ढाका में जातीय प्रेस क्लब के बाहर अल्पसंख्यक एकता मोर्चा द्वारा आयोजित सभा को संबोधित करते हुए अल्पसंख्यक नेताओं ने कहा कि अपर्याप्त जांच और न्याय के अभाव ने बांग्लादेश में भय और अविश्वास का माहौल पैदा कर दिया है. हाल ही में, बांग्लादेश में मैमनसिंह में एक युवा हिंदू व्यक्ति दीपू चंद्र दास की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी. इससे हिंदुओं को टारगेट बनाकर की जा रही हिंसा को पूरी दुनिया ने एक बार फिर देखा. बांग्लादेश में अल्पसंख्यक संगठनों के कई नेताओं ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक मानव श्रृंखला बनाई, जिसमें मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर देश भर में अल्पसंख्यक समुदायों की हिंसा, हत्याओं और उत्पीड़न को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया गया.

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