
आज उत्तर प्रदेश सरकार अपना बजट पेश करेगी, जिसपर पूरे देश की निगाहें हैं. जनसंख्या के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा राज्य होने के नाते, यह बजट सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर भी असर डालता है. इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और कल्याणकारी योजनाओं पर होने वाले वित्तीय खर्च राज्य की विकास गति को तय करेंगे. इस बजट से किसानों, युवाओं, उद्योगपतियों और आम जनता को बड़ी उम्मीदें हैं. क्या यह बजट नए अवसरों को खोलेगा या सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी होगी? यह देखना बेहद दिलचस्प होगा. लेकिन इससे पहले आइए जानते हैं यूपी का पिछला बजट कैसा था?
उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 7,36,438 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था. यह 2023-24 के संशोधित अनुमान से 16.5% अधिक था. इसमें 5,32,655 करोड़ रुपये राजस्व व्यय और 1,54,747 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए निर्धारित किए गए थे.
उत्तर प्रदेश सरकार का राजकोषीय घाटा 2024-25 के बजट में ₹86,531 करोड़ अनुमानित था, जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) का 3.46% है. यह घाटा पिछले वर्षों की तुलना में नियंत्रण में रखा गया था.
कैटेगरी | आंकड़े (₹ करोड़ में) | रिमार्क |
कुल बजट आकार | 7,36,438 | इतिहास का सबसे बड़ा बजट |
राजस्व व्यय | 5,32,655 | संचालन और प्रशासनिक खर्च |
पूंजीगत व्यय | 1,54,747 | आधारभूत संरचना और विकास |
राजस्व अधिशेष | 74,147 | GSDP का 3% |
राजकोषीय घाटा | 86,531 | GSDP का 3.46% |
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण | 25,711 | चिकित्सा सुविधाओं के लिए |
शिक्षा, खेल, कला और संस्कृति | 1,00,335 | स्कूलों, कॉलेजों और छात्रवृत्तियों के लिए |
कृषि | 22,644 | कृषि योजना पर खर्च |
ग्रामीण विकास | 38,964 | ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधा |
सड़कें और पुल | 43,274 | परिवहन इंफ्रास्ट्रक्चर |
ऊर्जा क्षेत्र | 45,832 | बिजली आपूर्ति और वितरण |
पाकिस्तान के बजट से भी बड़ा था यूपी का बजट
उत्तर प्रदेश सरकार का 2024-25 का बजट ₹7.36 लाख करोड़ का था, जो पाकिस्तान के केंद्रीय बजट से बड़ा है. पाकिस्तान ने 2024-25 के लिए अपना बजट 18.9 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये (PKR) घोषित किया था. जब इसे भारतीय रुपये में बदला जाए (1 INR ≈ 3.35 PKR), तो पाकिस्तान का बजट लगभग ₹5.65 लाख करोड़ होता है, जो यूपी के बजट से ₹1.71 लाख करोड़ कम है.
बजट का आकार: यूपी का बजट पाकिस्तान से 30% बड़ा था
- जनसंख्या: यूपी (~25 करोड़) और पाकिस्तान (~24 करोड़) की आबादी लगभग समान है, फिर भी यूपी का बजट बड़ा है.
- विकास और व्यय: यूपी का बजट सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और ऊर्जा क्षेत्र में निवेश बढ़ाने पर केंद्रित है, जबकि पाकिस्तान का बजट कर्ज़ चुकाने और रक्षा खर्च में ज्यादा जाता है.
- राजकोषीय स्थिति: पाकिस्तान का आधे से ज्यादा बजट ऋण और ब्याज चुकाने में चला जाता है, जबकि यूपी में खर्च का बड़ा हिस्सा विकास कार्यों में लगाया जाता है.
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पाकिस्तान ही नहीं कई अन्य पड़ोसी देश भी हैं काफी पीछे
पाकिस्तान ही नहीं कई अन्य देशों से भी बड़ा रहा है यूपी का बजट अगर हम पाकिस्तान की बात करें, तो उसका 2024-25 का कुल बजट 18.9 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये है, जो भारतीय मुद्रा में लगभग ₹5.65 लाख करोड़ होता है. इसी तरह, बांग्लादेश का बजट 7.61 ट्रिलियन बांग्लादेशी टका यानी ₹5.70 लाख करोड़, नेपाल का बजट 1.75 ट्रिलियन नेपाली रुपया यानी ₹1.09 लाख करोड़, अफगानिस्तान का बजट 529.9 बिलियन अफगानी यानी ₹4.97 लाख करोड़, और भूटान का बजट 80.5 बिलियन भूटानी न्गुल्ट्रम यानी ₹80.5 अरब है. यह तुलना स्पष्ट रूप से दिखाती है कि उत्तर प्रदेश अकेले ही कई देशों के मुकाबले अधिक बजट रखता है.
देश | राष्ट्रीय बजट | भारतीय रुपये में (लगभग) |
पाकिस्तान | 18.9 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये | ₹5.65 लाख करोड़ |
बांग्लादेश | 7.61 ट्रिलियन बांग्लादेशी टका | ₹5.70 लाख करोड़ |
नेपाल | 1.75 ट्रिलियन नेपाली रुपया | ₹1.09 लाख करोड़ |
अफगानिस्तान | 529.9 बिलियन अफगानी | ₹4.97 लाख करोड़ |
भूटान | 80.5 बिलियन भूटानी नगुल्टम | ₹8,050 करोड़ |
उत्तर प्रदेश सरकार की 2024-2025 की प्रमुख बातें
- उत्तर प्रदेश सरकार ने 2024-25 के लिए ₹7.36 लाख करोड़ (₹7,36,438 करोड़) का बजट प्रस्तुत किया था.
- शिक्षा और कौशल विकास पर कितना खर्च: उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षा क्षेत्र को प्राथमिकता देते हुए ₹1,00,335 करोड़ का आवंटन किया था, जो कुल बजट का 13.6% है.
- स्वास्थ्य और परिवार कल्याण: स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए ₹25,711 करोड़ का बजट राज्य सरकार ने प्रस्तावित किया था.
- ग्रामीण विकास और कृषि: योगी सरकार की तरफ से लाये गए बजट में कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए ₹38,964 करोड़ का आवंटन किया गया था.
- बुनियादी ढांचा और परिवहन: सड़कों, पुलों और एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए ₹43,274 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया था. गंगा एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और मेट्रो के लिए बजट प्रस्तावित किए गए थे.
- ऊर्जा और बिजली आपूर्ति: ऊर्जा क्षेत्र के लिए ₹45,832 करोड़ का बजट आवंटित किया गया था. ग्रामीण इलाकों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का लक्ष्य सरकार ने रखा था.
- महिला और बाल विकास: महिला सशक्तिकरण और बाल कल्याण के लिए ₹12,000 करोड़ का प्रावधान योगी सरकार ने किया था.
क्या बजट का आकार ही उसकी मजबूती को बताता है?
किसी भी देश या राज्य का बजट आर्थिक विकास, जनसंख्या, और क्षेत्रफल के आधार पर भिन्न होते हैं. भारत में विभिन्न राज्यों के बजट उनके आर्थिक आकार, जनसंख्या, और विकासात्मक प्राथमिकताओं के आधार पर निर्धारित होते हैं. राज्यों या देश के बजट का विश्लेषण करते समय, यह समझना आवश्यक है कि बजट का आकार राज्य की आर्थिक गतिविधियों, विकासात्मक योजनाओं, और राजस्व संग्रहण क्षमता पर निर्भर करता है. उत्तर प्रदेश की बड़ी जनसंख्या और क्षेत्रफल के कारण उसका बजट भी बड़ा है. दूसरी ओर, गोवा जैसे छोटे राज्यों का बजट अपेक्षाकृत कम होता है. ऐसा देशों के मामले में भी होते हैं.
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