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7777, 9999...कैसे मिलता है कार का ऐसा VIP नंबर, यूपी में क्‍यों फंस गए थे लोगों के पैसे? ऐसे मिलेगा रिफंड

आते-जाते सड़कों पर आपने कई ऐसे कार, थार या अन्‍य वाहनों के नंबर प्‍लेट में स्‍पेशल नंबर देखे होंगे. राज्‍य और जिले के कोड के साथ स्‍पेशल नंबर, जैसे- 1111, 9999, 2000, 0786, 7777 वगैरह के लिए एक तय प्रक्रिया है. इसके लिए अलग से पैसे भी लगते हैं. 

7777, 9999...कैसे मिलता है कार का ऐसा VIP नंबर, यूपी में क्‍यों फंस गए थे लोगों के पैसे? ऐसे मिलेगा रिफंड

उत्तर प्रदेश में अपने वाहनों के लिए मनचाहा VIP नंबर पाने की लालसा रखने वाले करीब 4,000 लोगों ने जिला प्रशासन के पास करीब 3.23 करोड़ रुपये जमा किए थे. अब ये राशि उन्‍हें जल्‍द वापस मिल सकती है. इसके लिए उन्‍हें एआरटीओ कार्यालयों में आवेदन करना होगा. ये वो 4,000 लोग हैं, जिन्‍होंने VIP नंबर के लिए बोली प्रक्रिया में हिस्‍सा लिया था, लेकिन उन्‍हें VIP नंबर आवंटित नहीं हुए.  परिवहन विभाग ने लंबे समय से अपने रिफंड का इंतजार कर रहे लोगों को पैसे लौटाने के लिए व्‍यवस्‍था बनाई है. 

कैसे मिलता है VIP नंबर?

आते-जाते सड़कों पर आपने कई ऐसे कार, थार या अन्‍य वाहनों के नंबर प्‍लेट में स्‍पेशल नंबर देखे होंगे. राज्‍य और जिले के कोड के साथ स्‍पेशल नंबर, जैसे- 1111, 9999, 2000, 0786, 7777 वगैरह के लिए एक तय प्रक्रिया है. इसके लिए अलग से पैसे भी लगते हैं. 

दरअसल परिवहन विभाग ने कार मालिकों को मनचाहा नंबर आवंटित करने के लिए एक व्‍यवस्‍था बना रखी है. इसके लिए परिवहन विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होता है. सुविधा ऑनलाइन होने के बाद शुरुआती चार दिनों तक रजिस्‍ट्रेशन होता है और फिर तीन दिन तक ऑनलाइन बोली (E-Auction) लगती है. 

दूसरे चरण में 7 दिन तक ई-ऑक्‍शन की प्रक्रिया चलती है, जबकि रजिस्‍ट्रेशन के 21 दिन बाद ऑनलाइन सबसे अधिक बोली लगाने वाले को VIP नंबर आवंटित किया जाता है. बोली के लिए पंजीकरण शुल्‍क के तौर पर राशि जमा करनी होती है और जिन्‍हें नंबर आवंटित नहीं हो पाता, उन्‍हें राशि वापस की जाती है. हालांकि लंबे समय से रिफंड नहीं किया जा सका है. 

आखिर क्‍यों फंस गए थे लोगों के पैसे?

दरअसल RBI की ओर से मई 2024 में एक गाइडलाइन जारी गई थी, इसमें इस बात पर आपत्ति जताई गई थी कि वीआईपी नंबर पाने के लिए जमा धनराशि एआरटीओ दफ्तर के अलग-अलग बैंक खातों में क्‍यों रखी जा रही है, जबकि ये सरकारी धन है. निर्देश में कहा गया था कि इस धनराशि को आरबीआई के ही कोर बैंकिंग प्‍लेटफॉर्म ई-कुबेर में जमा कराया जाए. जुलाई 2024 से  ये राशि ई-कुबेर में ही जमा कराई जाने लगी. इसी वजह से वापसी की राशि फंस गई. 

अब कैसे क्‍या करना होगा?

परिवहन विभाग ने अब राशि लौटाने के लिए पहल की है. इसके लिए व्‍यवस्‍था बनाई गई है. अब ये राशि उन्‍हें जल्‍द वापस मिल सकती है. इसके लिए उन्‍हें एआरटीओ कार्यालयों में आवेदन करना होगा.

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