
- अली अहमद, माफिया अतीक अहमद के छोटे बेटे, नैनी सेंट्रल जेल से झांसी जेल स्थानांतरित किए जा रहे हैं
- अली अहमद पर अपने रिश्तेदार से पांच करोड़ की रंगदारी मांगने और उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी होने के आरोप हैं
- नैनी जेल में अली की संदिग्ध गतिविधियों और नकदी मिलने के कारण प्रशासन ने सख्त कदम उठाए थे
अली अहमद को यूपी पुलिस प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल से शिफ्ट कर रही है. अली अहमद माफिया रहे अतीक अहमद के छोटे बेटे हैं और बीते तीन साल से नैनी जेल में बंद हैं. अली अहमद की जेल बदलने का आदेश भी जेल प्रशासन को मिल चुका है और जल्द ही एक से दो दिन में अली को झांसी जेल भेज दिया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक अली अहमद के जेल बदलने की वजह साफ नहीं है लेकिन चर्चा है कि नैनी जेल में अली अहमद की गतिविधियों को देखते हुए शासन ने उसकी जेल बदलने का बड़ा फैसला लिया है.
आपको बता दें कि अली अहमद पर अपने ही रिश्तेदार प्रापर्टी डीलर जीशान उर्फ जानू से पांच करोड़ की रंगदारी मांगने का आरोप है. इस मामले में फरारी काटने के बाद अली ने कोर्ट में सरेंडर किया था जिसके बाद उसे नैनी जेल भेजा गया था. प्रयागराज में 24 फरवरी 2023 को हुए चर्चित उमेश पाल हत्याकांड में भी माफिया अतीक अहमद के छोटे बेटे अली अहमद को पुलिस द्वारा आरोपी बनाया गया है. अली पर आरोप है कि उसने उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने के लिए जेल से ही अपने छोटे भाई असद और अन्य लोगों के साथ मिलकर साजिश रची थी. यही नहीं उमेश पाल हत्याकांड में ही अतीक के बड़े बेटे मोहम्मद उमर को भी आरोपी बनाया गया है.
उमर भी कई मुकदमों में पहले से ही लखनऊ जेल में बंद है. उमेश पाल हत्याकांड में शामिल अतीक का एक बेटा असद पुलिस एनकाउंटर में मारा जा चुका है. 15 अप्रैल 2023 को माफिया अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की भी कॉल्विन अस्पताल में तीन हमलावरों द्वारा गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी. उमेश पाल हत्याकांड में पांच लाख के अन्य तीन आरोपी अभी तक फरार चल रहे है. वहीं अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन, उसके भाई अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा और बहन भी फरार चल रही है. इन तीनों पर भी इनाम घोषित है.
नैनी सेंट्रल जेल में बंद अली की बैरक से जून 2025 में 1100 रुपए नकदी मिली थी जिसके बाद शासन ने सख्त रुख अपनाते हुए एक डिप्टी जेलर और एक हेड वार्डर को निलंबित कर दिया था. इस घटना के बाद अली को हाई सिक्योरिटी बैरक में शिफ्ट कर दिया गया था. ये भी सामने आया कि अली से जेल में मिलने कई लोग ऐसे आते है जिनपर जेल प्रशासन कड़ी नजर रखता आया है। कई बार नैनी सेंट्रल जेल में अली की गतिविधियां संदिग्ध भी पाई गई है.
यही नहीं बीच में ये हड़कंप मचा था कि अली ने अपने बैरक में एलईडी टीवी लगवाने की मांग जेल प्रशासन से की है. हालांकि जेल प्रशासन ने जेल मैनुअल का हवाला देते हुए इस सुविधा से इनकार कर दिया था. उमेश पाल हत्याकांड के बाद से अली को जेल में डर भी सता रहा है. दिसंबर 2023 में अली अहमद की सुरक्षा की मांग वाली याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी. नैनी सेंट्रल जेल में बंद अली अहमद ने कोर्ट में पेशी के समय खुद की जान को खतरा बताते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोई ठोस आधार नहीं होने के चलते उसकी सुरक्षा की मांग वाली याचिका को खारिज किया था. जेल में बंद अली और उसके बड़े भाई उमर पर कई मुकदमे दर्ज है.
सूत्रों की माने तो अली को नैनी सेंट्रल जेल से झांसी जिला जेल भेजने का फरमान शासन ने जारी कर दिया है और कहा जा रहा है कि इसका पत्र भी नैनी जेल प्रशासन को मिल चुका है.हालांकि अली की जेल बदलने को लेकर कोई भी आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.
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