हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में एक डॉक्टर द्वारा मरीज की पिटाई का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. इस घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ आपातकालीन बैठक की और जांच रिपोर्ट के आधार पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में एक डॉक्टर द्वारा मरीज की पिटाई का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. इस घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ आपातकालीन बैठक की और जांच रिपोर्ट के आधार पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में एक डॉक्टर द्वारा मरीज की पिटाई का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. इस घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ आपातकालीन बैठक की और जांच रिपोर्ट के आधार पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
CM ने आईजीएमसी शिमला में 22 दिसंबर को हुई इस घटना को 'निंदनीय' करार दिया है. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और निदेशालय चिकित्सा शिक्षा को निर्देश दिए कि इस मामले की जांच 24 दिसंबर 2025 तक पूरी कर ली जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी संस्थान में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने अधिकारियों को सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए 'इंडक्शन ट्रेनिंग' शुरू करने के भी निर्देश दिए ताकि भविष्य में पेशेवरों का व्यवहार मरीजों के प्रति सौम्य और शांत रहे.
एक तरफ जहां सरकार सख्त है, वहीं आईजीएमसी रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन आरोपी डॉक्टर के समर्थन में उतर आई है. RDA अध्यक्ष सोहेल शर्मा ने दावा किया कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो अधूरा है और मामले को एकतरफा दिखाया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि मरीज ने पहले डॉक्टर के साथ बदतमीजी और हाथापाई की थी, जिसके कारण यह स्थिति पैदा हुई. एसोसिएशन का कहना है कि आरोपी डॉक्टर इस समय भारी मानसिक तनाव में है.
वहीं, दूसरी ओर पीड़ित मरीज के पिता ने स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल से मुलाकात कर अपनी व्यथा सुनाई. भावुक होते हुए पिता ने कहा कि डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है. लेकिन डॉ. राघव नरूला ने उनके बेटे के साथ 'हैवानियत' की है. परिजनों ने आरोपी डॉक्टर को तुरंत नौकरी से बर्खास्त करने और 'अटेम्प्ट टू मर्डर' का मामला दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग की है.
स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए आरोपी डॉक्टर को सस्पेंड करने की पुष्टि की है. उन्होंने कहा, "डॉक्टर का मरीज के साथ ऐसा व्यवहार कतई सहन नहीं किया जाएगा. वह डॉक्टर बनने के योग्य ही नहीं है." मंत्री ने आश्वासन दिया कि उच्चस्तरीय जांच रिपोर्ट आज शाम तक आ जाएगी, जिसके बाद आगे की कड़ी कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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