- ISRO का बाहुबली रॉकेट LVM3 अब तक का सबसे भारी सैटेलाइट BlueBird 6 लॉन्च करते ही एक और इतिहास रचने जा रहा है.
- भारत अब तक का सबसे भारी सैटेलाइट लॉन्च करने जा रहा है जिसका वजन करीब 6100 किलो है.
- इतना ही नहीं BlueBird 6 सैटेलाइट लॉन्च कर भारत अंतरिक्ष स्पेस कॉमर्स में एक बड़ी छलांग भी लगाने जा रहा है.
क्रिसमस से ठीक एक दिन पहले भारत और अमेरिका की एक ऐतिहासिक जुगलबंदी होने वाली है. भारत का बाहुबली रॉकेट अमेरिका के इनोवेटर AST SpaceMobile के नेक्स्ट-जेन कम्युनिकेशन सैटेलाइट ब्लू बर्ड 6 को लेकर सुबह 8.54 मिनट पर अंतरिक्ष में जाएगा और इसके साथ ही देश के अंतरिक्ष इतिहास में एक और सुनहरा अध्याय जुड़ जाएगा. दरअसल, भारत अपने अंतरिक्ष इतिहास का अब तक का सबसे भारी सैटेलाइट लेकर अंतरिक्ष की उड़ान भर रहा है. ब्लू बर्ड करीब 6,100 किलोग्राम भारी है. यही कारण है कि यह न केवल महत्वकांक्षी और चुनौतीपूर्ण मिशन है बल्कि भारत के लिए ग्लोबल स्पेस कॉमर्स में अपने मजबूत कदम को और सशक्त बनाने का संकेत भी है.
LIVE- भारत के बाहुबली LVM3 का अमेरिकी BlueBird 6 का अंतरिक्ष में लॉन्च देखें
इसरो के अध्यक्ष डॉ. वी नारायण ने NDTV को बताया, "यह भारत के लॉन्च व्हीकल के जरिए उठाया गया अब तक का सबसे भारी सैटेलाइट है.”
BlueBird 6 का वजन करीब 6100 किलो है, जो इसे भारत से लॉन्च किया गया अब तक का सबसे भारी सैटेलाइट बनाता है. यह उपलब्धि ISRO की तकनीकी क्षमता और भरोसेमंद इंजीनियरिंग का बड़ा प्रमाण मानी जा रही है.
LVM3 क्यों है भारत का बाहुबली रॉकेट?
करीब 43.5 मीटर ऊंचा और लगभग 640 टन वजनी LVM3 भारत का सबसे शक्तिशाली रॉकेट है. यह रॉकेट 4200 किलोग्राम तक का भार GTO (Geosynchronous Transfer Orbit) में और इससे भी ज्यादा वजन LEO (Low Earth Orbit) में ले जाने में सक्षम है. इसी ताकत के कारण इसे ‘बाहुबली' कहा जाता है और यह नाम इस मिशन में पूरी तरह सार्थक होता दिख रहा है.
Meet #LVM3M6
— ISRO (@isro) December 22, 2025
ISRO's operational heavy-lift launch vehicle with a proven record of reliable missions. Ready to deliver BlueBird Block-2 to Low Earth Orbit.
Launch on 24 Dec 2025 at 08:54 IST.
Youtube Livestreaming link: https://t.co/FMYCs31L3j
🗓️ 24 Dec 2025 | 🕗 08:24 IST… pic.twitter.com/K85ef7aNqY
100% सफलता का रिकॉर्ड
LVM3 का ट्रैक रिकॉर्ड अब तक बेहद शानदार रहा है. अब तक इसके सभी सात मिशन पूरी तरह सफल रहे हैं. इनमें 2023 का ऐतिहासिक चंद्रयान-3 मिशन भी शामिल है, जिसने भारत को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचाने वाला पहला देश बनाया था. यह सफलता ISRO को दुनिया की सबसे भरोसेमंद लॉन्च एजेंसियों में शामिल करती है.
आठवां मिशन, तीसरा कमर्शियल लॉन्च
यह मिशन LVM3-M6 के नाम से जाना जाएगा. यह LVM3 का आठवां उड़ान मिशन और तीसरा पूरी तरह कमर्शियल मिशन है. यह साफ संकेत है कि ISRO के वैज्ञानिक मिशनों की वैश्विक भूमिका अब और बढ़ रही है.

BlueBird 6: तकनीक का चमत्कार
BlueBird 6 को तकनीकी दुनिया में किसी चमत्कार से कम नहीं माना जा रहा. इस सैटेलाइट में 2200 वर्ग मीटर (लगभग 2400 वर्ग फुट) में फैला फेज्ड एरे एंटीना लगा है, जो Low Earth Orbit में अब तक तैनात सबसे बड़ा एंटीना होगा और यह अपने पुराने मॉडल्स की तुलना में 10 गुना अधिक डेटा देने में सक्षम है.
सीधे स्मार्टफोन से कनेक्टिविटी
स्टारलिंक या वनवेब के विपरीत AST SpaceMobile की टेक्नोलॉजी सीधे आम स्मार्टफोन से कनेक्ट होती है, जिससे स्पेशल टर्मिनल या ग्राउंड स्टेशन की जरूरत खत्म हो जाती है.
बहुत बड़ा अवसर
यह लॉन्च भारत के लिए मल्टी-बिलियन डॉलर स्पेस मार्केट में एंट्री का मजबूत संकेत है. जो अब SpaceX, Arianespace और Roscosmos जैसे बड़े दिग्गजों से मुकाबला करेगा.

AST SpaceMobile की महत्वाकांक्षी योजना
अमेरिका के टेक्सास स्थित AST SpaceMobile का लक्ष्य है कि उसे 2026 के अंत तक 45 से 60 सैटेलाइट अंतरिक्ष में तैनात करनी है, ताकि सीधे स्पेस से ही हर जगह 5G ब्रॉडबैंड मिल सके और इस समय दुनिया में मौजूद डिजिटल डिवाइड को पूरी तरह खत्म किया जा सके.
भारत में इसे लॉन्च करने में क्या हैं अड़चनें?
बेशक भारत इसे लॉन्च कर रहा है पर यहां सैटेलाइट पर आधारित इंटरनेट सेवा का लाइसेंस किसी को नहीं दिया गया है. लिहाजा सुरक्षा और स्पेक्ट्रम आवंटन की चिंताओं के बीच भविष्य की पॉलिसी में बदलाव के बारे में सवाल उठते हैं.
भविष्य की झलक
अगर यह मिशन सफल रहता है, तो यह कनेक्टिविटी की परिभाषा बदल देगा क्योंकि इससे स्मार्टफोन सीधे स्पेस से कनेक्ट होंगे. आपदा प्रबंधन में क्रांति लाएगा और दूर-दराज के उन इलाकों को भी जोड़ देगा जहां मोबाइल नेटवर्क आज भी एक सपना है.
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