उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी विधायक इंद्रजीत सरोज ने हाल ही में एक विवाद बयान दिया, जिस पर बवाल मच गया है. उन्होंने कहा कि अगर भारत के मंदिरों में ताकत होती, तो मोहम्मद बिन कासिम, महमूद गजनवी और मोहम्मद गोरी जैसे लुटेरे देश में नहीं आते. अपनी पार्टी के विधायक के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मैंने उनका बयान नहीं सुना है, हालांकि मैं पार्टी में कहूंगा कि इतिहास से जुड़ा कोई सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए.

समाजवादी पार्टी प्रमुख ने कहा, "मैंने उनका बयान नहीं सुना है, मैंने रामजी लाल सुमन का बयान भी नहीं सुना है, लेकिन मैं पार्टी में कहूंगा कि इतिहास से जुड़ा कोई सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए. मैं चाहता हूं कि अगर इतिहास की चीजें हमें अच्छा रास्ता नहीं दिखा सकती हैं, अगर यह हमें सकारात्मक रास्ते पर नहीं ले जा सकती हैं, अगर यह हमें सकारात्मक दिशा नहीं दे सकती हैं, तो इतिहास को इतिहास ही रहने देना चाहिए. इतिहास पर चर्चा नहीं होनी चाहिए."
#WATCH | Azamgarh, Uttar Pradesh: On the statement of Samajwadi Party MLA Indrajeet Saroj on temples of India, Samajwadi Party Chief Akhilesh Yadav says, "I have not heard his statement, I have not even heard Ramji Lal Suman's statement but I will say in the party that no… pic.twitter.com/ZgjbprdMLQ
— ANI (@ANI) April 15, 2025
उन्होंने कहा कि समाजवादियों ने इतनी प्रगतिशील चीजें की हैं, इतनी प्रगतिशील बातें कही हैं.
वहीं इंद्रजीत सरोज ने बयान पर विपक्षी दलों ने बी पलटवार किया है. उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री संजय निषाद ने कहा कि यह बयान भारत की संस्कृति और आस्था का अपमान है. जब भारत का बंटवारा हुआ, तब जो शरीयत पसंद लोग थे वे पाकिस्तान चले गए और जिन्हें भारत की संस्कृति प्रिय थी वे यहीं रह गए. आज पाकिस्तान के लोग भारत में आने की बात कर रहे हैं क्योंकि भारत की संस्कृति और सभ्यता में ताकत है, जो पाकिस्तान में नहीं है.

उन्होंने समाजवादी पार्टी को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें अपनी सोच और सलाहकारों को बदलने की जरूरत है. जैसे रामायण में मंथरा मीठा बोलती थी, लेकिन उसी की वजह से भगवान राम को 14 वर्षों का वनवास भुगतना पड़ा, वैसे ही अगर अखिलेश यादव गलत सलाहकारों की बात मानते रहे तो समाजवादी पार्टी का सत्ता में लौटना मुश्किल हो जाएगा. अखिलेश को अपने सलाहकारों की समीक्षा करनी चाहिए.

वहीं बीजेपी प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि देश में एक प्रतियोगिता सी चल रही है कि कौन सबसे ज्यादा जहरीला बयान दे सकता है. इंद्रजीत सरोज, रामजीलाल सुमन और तेजस्वी यादव जैसे नेताओं की सोच यह बन चुकी है कि जितना ज्यादा हिंदुओं के खिलाफ बोलेंगे, उतना मुसलमानों का वोट बैंक मजबूत होगा. यह मानसिकता देश को तोड़ने वाली है.
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