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ट्रेनों में हाई-टेक LHB कोचों पर रेलवे की बड़ी उपलब्धि, जानिए इससे आपको क्‍या-क्‍या फायदे

Indian Railways के मुताबिक, Tains में लगने वाले LHB कोच आधुनिक, सुरक्षित और आरामदायक यात्री कोच होते हैं, जो जर्मन डिजाइन से विकसित हैं. ये कोच आधुनिक सुविधाएं जैसे स्टेनलेस स्टील बॉडी, एडवांस्ड डिस्क ब्रेक्स से लैस हाेते हैं और इसकी बदौलत ट्रेनें 160 किमी/घंटा तक की ऊंची रफ्तार पकड़ पाती हैं.

ट्रेनों में हाई-टेक LHB कोचों पर रेलवे की बड़ी उपलब्धि, जानिए इससे आपको क्‍या-क्‍या फायदे

भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने उच्च तकनीक वाले लिंके हॉफमैन बुश (एलएचबी) कोचों के उत्पादन में लगातार बेहतरी दिखाई है, जो यात्रियों के लिए बेहतर सुरक्षा, सुविधाजनक यात्रा और रेलवे के बेहतर कार्य प्रदर्शन को दर्शाते हैं. रेलवे ने मौजूदा वित्त वर्ष 2025-26 (नवंबर 2025 तक) के दौरान कुल 4,224 एलएचबी कोच बनाए हैं, जो कि पिछले साल की तुलना में 18 फीसदी ज्‍यादा है. पिछले वित्त वर्ष में केवल 3,590 कोच बनाए गए थे. रविवार को रेल मंत्रालय ने बताया कि उत्पादन में ये बढ़ोतरी रेलवे की अलग-अलग कोच फैक्‍ट्रीज की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता और बेहतर प्रोडक्‍शन प्‍लान का परिणाम है.

किस फैक्‍ट्री में बनाए गए कितने कोच? 

वित्त वर्ष 2025-26 में (नवंबर 2025 तक) चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) ने 1,659 एलएचबी कोच बनाए, जबकि रायबरेली स्थित मॉडर्न कोच फैक्ट्री (एमसीएफ) ने 1,234 कोच और कपूरथला स्थित रेल कोच फैक्ट्री (आरसीएफ) ने 1,331 कोच बनाए, जिससे कुल मिलाकर एलएचबी कोचों के उत्पादन में अच्‍छी बढ़ोतरी हुई है.

दीर्घकालिक तुलना में पिछले कुछ वर्षों में काफी प्रगति हुई है. 2014 से 2025 तक भारतीय रेलवे ने 42,600 एलएचबी कोच बनाए, जो 2004 से 2014 के बीच बने 2,300 कोच से 18 गुना ज्यादा है. यह विस्तार सुरक्षा मानकों और कम रख-रखाव की विशेषताओं के कारण एलएचबी कोचों की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है.

LHB कोच से आम लोगों को क्या-क्‍या फायदे? 

एलएचबी कोच आधुनिक, सुरक्षित और आरामदायक यात्री कोच होते हैं, जो जर्मन डिजाइन से विकसित हैं. ये कोच आधुनिक सुविधाएं जैसे स्टेनलेस स्टील बॉडी, एडवांस्ड डिस्क ब्रेक्स से लैस हाेते हैं और इसकी बदौलत ट्रेनें 160 किमी/घंटा तक की ऊंची रफ्तार पकड़ पाती हैं.  

इन कोचों में एंटी-क्लाइम्बिंग डिवाइस जैसे सुरक्षा फीचर्स होते हैं, जो पुराने आईसीएफ कोचों की जगह लेते हैं और राजधानी और शताबदी एक्सप्रेस जैसी लंबी दूरी की ट्रेनों में इस्तेमाल होते हैं.

भारतीय रेलवे आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पहल में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है, जिससे घरेलू उत्पादन में वृद्धि हो रही है और आयात पर निर्भरता कम हो रही है. 

भारतीय रेलवे का लक्ष्य उत्पादन क्षमता को और बढ़ाना है, ताकि देश की बढ़ती यातायात आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके और यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिल सके.

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