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क्या आपको भी आया इनकम टैक्स नोटिस ? पेनाल्टी से बचना है तो जान लें ये जरूरी बातें

ITR Filing 2025: अक्सर लोग सोचते हैं कि ITR फाइल कर दिया यानी टैक्स से जुड़ा काम खत्म हो गया, लेकिन कई बार रिटर्न फाइल करने और वेरिफिकेशन के बाद भी नोटिस आ सकता है.

क्या आपको भी आया इनकम टैक्स नोटिस ? पेनाल्टी से बचना है तो जान लें ये जरूरी बातें
Income Tax Notice: ज्यादातर नोटिस रूटीन होते हैं जिन्हें सही से समझकर और जवाब देकर आसानी से सुलझाया जा सकता है.
नई दिल्ली:

इनकम टैक्स नोटिस (Income Tax Notice) मिलना अक्सर टेंशन देने वाला होता है, लेकिन अगर इसकी वजह और प्रोसेस को समझ लिया जाए तो डरने की जरूरत नहीं है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कई तरह के नोटिस भेजता है जिनकी वजह TDS में गड़बड़ी, पेंडिंग टैक्स या एक्स्ट्रा जानकारी की मांग हो सकती है. ऐसे में सही समय पर एक्शन लेना, सही जानकारी देना और जरूरत पड़ने पर एक्सपर्ट की मदद लेना बहुत जरूरी होता है, ताकि पेनल्टी से बचा जा सके और फालतू की परेशानी ना हो.

अक्सर लोग सोचते हैं कि ITR फाइल कर दिया यानी टैक्स से जुड़ा काम खत्म हो गया, लेकिन कई बार रिटर्न फाइल करने और वेरिफिकेशन के बाद भी नोटिस आ सकता है. इनमें से ज्यादातर नोटिस रूटीन होते हैं जिन्हें सही से समझकर और जवाब देकर आसानी से सुलझाया जा सकता है. अगर किसी को नोटिस आए तो घबराने की जगह इन बातों को फॉलो करने से दिक्कतों से बचा जा सकता है.

नोटिस के बारे में क्या करें और क्या न करें?

  1. कभी भी नोटिस को नजरअंदाज न करें, हर नोटिस की एक डेडलाइन होती है जिसे मिस करने पर पेनल्टी लग सकती है.
  2. फॉर्म 26AS और AIS की मदद से अपनी इनकम और TDS डिटेल्स को मैच करें.
  3. पूरी जानकारी सही दें क्योंकि छोटी-छोटी गलती भी बड़ी जांच की वजह बन सकती है.
  4. समय रहते जवाब दें क्योंकि छोटी बात भी बाद में बड़ी परेशानी बन सकती है.
  5. अगर मामला थोड़ा पेचीदा लगे तो चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स एक्सपर्ट की मदद लें.

कितने तरह के नोटिस आते हैं और उनका क्या मतलब होता है?

Section 143(1): रिटर्न प्रोसेसिंग के बाद इंटिमेशन

ये सबसे आम नोटिस होता है जिसमें आपकी फाइल की गई डिटेल्स को डिपार्टमेंट के रिकॉर्ड से मिलाया जाता है. अगर इसमें TDS मिसमैच, कैलकुलेशन एरर, गलत डिडक्शन या लेट फाइलिंग मिलती है तो ये नोटिस आता है.

क्या करें- पोर्टल पर लॉग इन करें और नोटिस चेक करें. अगर सब सही है तो कोई एक्शन नहीं लेना. अगर टैक्स देना है तो 30 दिन में भरें. अगर गड़बड़ी लगती है तो डाक्यूमेंट्स के साथ रेक्टिफिकेशन फाइल करें.

Section 245: पुराने बकाए के लिए एडजस्टमेंट

अगर आपको रिफंड बन रहा है लेकिन पुराने साल का टैक्स बकाया है तो डिपार्टमेंट उसे एडजस्ट कर सकता है.

क्या करें: ‘e-Proceedings' सेक्शन में नोटिस चेक करें. 15 दिन में हां या ना में जवाब दें. अगर कोई जवाब नहीं देंगे तो रिफंड ऑटोमैटिकली एडजस्ट हो जाएगा.

Section 142(1): असेसमेंट से पहले पूछताछ

अगर आपने रिटर्न फाइल नहीं किया या डिपार्टमेंट को एक्स्ट्रा जानकारी चाहिए तो ये नोटिस आता है.

क्या करें-अगर रिटर्न पेंडिंग है तो फाइल करें. जो डॉक्यूमेंट मांगे गए हैं वो डेडलाइन के अंदर सबमिट करें. इसे नजरअंदाज करने पर पेनल्टी या स्क्रूटनी हो सकती है.

Section 139(9): डिफेक्टिव रिटर्न

अगर आपके रिटर्न में कोई गलती है या जानकारी अधूरी है तो उसे डिफेक्टिव मान लिया जाता है.

क्या करें: 15 दिन के अंदर सही करके दोबारा फाइल करें. ‘e-Proceedings' में जाकर नोटिस का जवाब दें. समय पर सुधार नहीं किया तो रिटर्न इनवैलिड हो सकता है.

Section 133(6): फाइनेंशियल जानकारी की मांग

अगर आपने बड़ी कैश डिपॉजिट या प्रॉपर्टी खरीदी है तो डिपार्टमेंट उससे जुड़े दस्तावेज मांग सकता है.

क्या करें- बैंक स्टेटमेंट या एग्रीमेंट जैसी डिटेल्स समय रहते सबमिट करें ताकि स्क्रूटनी से बचा जा सके.

HRA और TDS मिसमैच नोटिस

अगर आपकी HRA क्लेम या TDS डिटेल डिपार्टमेंट के रिकॉर्ड से मेल नहीं खाती तो ये नोटिस आ सकता है.

क्या करें: अगर रेंट 50 हजार से ज्यादा है तो टेनेन्ट का TDS कम्प्लायंस भी चेक करें. रेंट रिसीप्ट और मकान मालिक का PAN रखें. अगर मिसमैच सही है तो अपडेटेड रिटर्न फाइल करें और सभी डाक्यूमेंट्स संभालकर रखें.

Section 143(2): स्क्रूटनी नोटिस

अगर आपका रिटर्न डिटेल जांच के लिए चुना गया है तो ये नोटिस आता है.

क्या करें: इनकम, डिडक्शन या खर्च से जुड़े सारे सबूत सबमिट करें. अगर बुलाया जाए तो सुनवाई में जाएं या पोर्टल के जरिए जवाब दें. जवाब नहीं देने पर डिपार्टमेंट अंदाजा लगाकर टैक्स तय कर सकता है.

Section 148: इनकम छुपाने का शक

अगर डिपार्टमेंट को लगे कि आपने पहले किसी इनकम को छुपाया है तो ये नोटिस आता है.

क्या करें: रिवाइज रिटर्न फाइल करें या नोटिस के मुताबिक सफाई दें. इनकम के सोर्स का प्रूफ दें. नजरअंदाज करने पर पुरानी असेसमेंट दोबारा खुल सकती है और पेनल्टी भी लग सकती है.

Section 271AAC(1): अनएक्सप्लेंड इनकम पर पेनल्टी

अगर स्क्रूटनी में अचानक बड़ा डिपॉजिट या कोई इनकम का सोर्स नहीं मिलता तो ये पेनल्टी नोटिस आ सकता है.

क्या करें: इनकम के सोर्स का सही डाक्यूमेंटेशन दें. अगर इनकम अनएक्सप्लेंड पाई गई तो 60% तक पेनल्टी लग सकती है.

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