Income tax Relief for middle class: पिछले कुछ समय से मिडिल क्लास से जुड़े लोग सरकार से टैक्स में छूट देने की मांग कर रहे हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने रविवार को एक सोशल मीडिया यूजर द्वारा मिडिल क्लास के लिए टैक्स (Tax) राहत की मांग को लेकर किए गए ट्वीट का जवाब दिया है. यूजर ने ट्वीट में वित्त मंत्री से मिडिल क्लास पर टैक्स के बोझ को कम करने का अनुरोध किया था.
एक्स यूजर्स ने पोस्ट किया था कि ''मैं आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि मिडिल क्लास के लिए कुछ राहत देने पर विचार करें. मैं इसमें शामिल चुनौतियों को समझता हूं, लेकिन यह सिर्फ एक दिल से किया गया अनुरोध है.''
Thank you for your kind words and your understanding. I recognise and appreciate your concern.
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) November 17, 2024
PM @narendramodi ‘s government is a responsive government. Listens and attends to people's voices. Thanks once again for your understanding. Your input is valuable. https://t.co/0C2wzaQtYx
मोदी सरकार लोगों की चिंताओं पर देती है ध्यान: निर्मला सीतारमण
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व वाली सरकार लोगों की आवाजों को सुनती है और उनके सुझावों को महत्व देती है. उन्होंने यूजर के सुझाव को मूल्यवान बताते हुए कहा कि सरकार लोगों की चिंताओं पर गंभीरता से विचार करती है.
पिछले 10 साल में मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ घटा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व वाली सरकार के 10 साल के कार्यकाल के दौरान मध्यम वर्ग यानी 20 लाख रुपये सालाना से कम आय वाले व्यक्तियों पर टैक्स (Income Tax) का बोझ घटा है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दस लाख रुपये से कम आय वाले टैक्सपेयर्स से इनकम टैक्स कलेक्शन का प्रतिशत घटकर 2024 में 6.22 प्रतिशत पर आ गया जो 2014 में 10.17 प्रतिशत था.
टैक्स में छूट देने को लेकर सरकार का रुख
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बयान से यह स्पष्ट होता है कि सरकार मिडिल क्लास की समस्याओं से अवगत है. हालांकि, सरकार अभी तक इस मुद्दे पर कोई ठोस फैसला नहीं ले पाई है. उम्मीद है कि आने वाले बजट में सरकार मिडिल क्लास को कुछ राहत देने के बारे में विचार करेगी.
वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को मिडिल क्लास को राहत देने के लिए कुछ कदम उठाने चाहिए. इसमें इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव, स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि और कुछ आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी में कमी शामिल हो सकती है.
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