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वैक्सीनेशन बढ़ाने के लिए अनूठी पहल, दिल्ली के गांवों में चल रही प्रतियोगिता, नुक्कड़ नाटक
- Friday June 25, 2021
वैक्सीनेशन के सामने सबसे बड़ी चुनौती अफवाह है. इसे दूर करने के लिए जिला प्रशासन की टीमें अब गांव में घर-घर जा रही हैं. NDTV की टीम भी एक ऐसी टीम के साथ चल पड़ी. ये गांव के लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए राजी कर रही हैं. लेकिन जितने लोग उतनी ही तरह की अफवाहें गांवों में पसरी हैं.
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गांवों-गांवों में खोले कोविड केयर सेंटर, पैसे कम पड़े तो दुकान तक बेच दी...
- Thursday June 24, 2021
अब तक अरविंद अरोड़ा 50 जिलों और दर्जनों गांवों में कोविड केयर की किट पहुंचा चुके हैं. अभी भी मजबूत इरादे से कोरोना संक्रमण से निपटने की तैयारी में ये और इनकी टीम जुटी हुई है. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर भले ही कम हो गई हैं लेकिन अभी भी इनके दफ्तर में CCTV का काम कम और कोरोना संक्रमण से निपटने की तै़यारी ज्यादा हो रही है.
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ग्रेटर नोएडा: गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल, कोरोना पर कैसे होगा मुकाबला?
- Monday May 24, 2021
ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) के दादुपुर का प्राथमिक स्वास्थ्य उप केंद्र झाड़ियों के बीच बना है. इस केन्द्र के एक कमरे में ताला लगा है और बाकी के दरवाजे खुले हैं. किसी भी कमरे में कुर्सी टेबल या फिर दवा देखने को नहीं मिलेगी. जब कुर्सी और दवा नही तो फिर नर्स और डॉक्टर कहां दिखेंगे? गांव वालों के मुताबिक यह इमारत बनी तो दस साल पहले पर स्वास्थ्य केन्द्र नहीं खुल पाया. शायद यही वजह है कि यहां बोर्ड भी नहीं लगा है. पूर्व प्रधान प्रेम राज सिंह कहते हैं कि ''यहां कोई डॉक्टर नहीं आया, सब लोग झोला छाप डाक्टर के भरोसे हैं.'' दस हजार की आबादी के लिए बना यह केन्द्र दस साल में खुल नहीं पाया. कोविड से गांव में चार लोगों की मौत हो गई. तबीयत खराब होने पर इलाज के लिए लोगों को आठ किलोमीटर दूर दनकौर जाना पड़ता है.
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दिल्ली के कुतुबगढ़ गांव में कोरोना से दर्जनों मौतें, चार साल पहले बने अस्पताल में स्टाफ नहीं
- Saturday May 22, 2021
कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के चलते अस्थाई कोविड अस्पताल टेंट और बैंक्वेट हॉल में बनाए जा रहे हैं, लेकिन दिल्ली (Delhi) के कुतुबगढ़ (Qutubgarh) गांव में चार साल पहले बनकर तैयार अस्पताल आज तक नहीं चल सका, जबकि कुतुबगढ़ गांव में कोरोना संक्रमण से दर्जन भर से ज्यादा मौतें हुई हैं. दिल्ली के कुतुबगढ़ गांव की आलीशान डिस्पेंसरी सफेद हाथी साबित हो रही है. करीब 15 करोड़ की लागत से इसकी इमारत बनाई गई थी. चार साल पहले इस डिस्पेंसरी का उद्घाटन भी हुआ. उदघाटन के दो शिलापट्टों पर पार्षद से लेकर इंजीनियर तक के नाम भी लिखे गए लेकिन डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ आज तक नहीं पहुंचा.
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NDTV पर खबर दिखाए जाने के बाद पहुंचा स्वास्थ्य विभाग का अमला, ग्रामीणों की हुई कोरोना जांच
- Friday May 21, 2021
स्वास्थ्य अधिकारियों ने भी स्वीकारा कि एनडीटीवी पर खबर दिखाए जाने के बाद ही वे सक्रिय हुए. अधिकारियों ने कोरोना अभियान में लगी टीम को और ज्यादा सक्रिय तरीके से काम करने के निर्देश दिए हैं. अधिकारियों ने स्वास्थ्य जांच के साथ ही गांव में टीकाकरण करने पर भी जोर देने की बात भी स्वीकार की.
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बिहार के गांवों में बढ़ रहा मौतों का आंकड़ा, कैमूर गांव में 70% लोग बीमार, कुछ का ही हुआ कोविड टेस्ट
- Friday May 14, 2021
गांव के अशोक कुमार चौधरी ने कोरोना की दूसरी लहर में अपनी चाची को खोया है. अशोक कहते हैं, 'पहले बुखार आया ..फिर गला में कफ हुआ और फिर मौत हो गई कोरोना का टेस्ट हुआ लेकिन काग़ज़ नहीं लिया. गांव के ही आलोक सिंह की कहानी अशोक कुमार चौधरी से अलग नहीं है. कोरोना के कारण उन्होंने पिता को गंवाया है.
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गांव की तरफ रुख करता खतरनाक कोरोना वायरस, UP और बिहार की नदियों में दिखे शव, 10 बातें
- Tuesday May 11, 2021
कोरोना के प्रकोप के आगे अब सारी व्यवस्थाएं बौनी लगने लगी हैं, स्वास्थ्य सुविधाएं वेंटिलेटर पर हैं तो मानवीय संवेदनाओं ने भी मानों मास्क लगा लिया हो. तमाम प्रयासों के बाद स्थिति नियंत्रण में नहीं मालूम पड़ रही है. उत्तर प्रदेश और बिहार में शव अब श्मशानों के बजायों नदियों में तैरते दिख रहे हैं. हालांकि वैक्सीनेशन अभियान में हम तेजी से चल रहे हैं लेकिन अभी भी बड़ी आबादी इस टीके की खुराक से मरहूम है, कई राज्यों में इसकी कमी लगातार बनी हुई है. वहीं सबसे चिंता जनक बात ये है कि अब इस खतरनाक वायरस ने गांवों की तरफ अपना रुख किया है, जहां स्वास्थ्य सुविधाओं की बात ही बेमानी लगती है. लगातार चार दिन कोरोना वायरस संक्रमण के चार लाख से अधिक नए मामले सामने आने के बाद भारत में सोमवार को एक दिन में कोविड-19 के 3,66,161 मामले सामने आए और इसी के साथ देश में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 2,26,62,575 हो गए हैं.
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UP में पंचायत चुनावों के साथ ही बड़े पैमाने पर गांवों में फैल रहा कोरोना, मौतों की तादाद भी बढ़ रही
- Monday May 3, 2021
उत्तर प्रदेश में रविवार को कोरोना वायरस के संक्रमण से 290 मरीजों की मौत हो गई और 30,983 नए मरीज पाए गए. राज्य में पिछले 24 घंटे में 290 संक्रमितों की मौत हो गई और अब तक कुल 13,162 संक्रमित अपनी जान गंवा चुके हैं.
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कोरोना के बीच टीचर इस जुगाड़ से पढ़ा रहे हैं 200 बच्चों को, बना डाली स्पेशल क्लास, हर्ष गोयनका बोले- 'अद्भुत'
- Tuesday October 6, 2020
बिजनेसमैन हर्ष गोयनका (Harsh Goenka) ने झारखंड के एक स्कूल (Jharkhand School) की सराहना करते हुए एक ट्वीट साझा किया है, जहां शिक्षकों ने कोरोनोवायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के बीच सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) को बनाए रखते हुए 200 छात्रों को पढ़ाने का एक रचनात्मक तरीका खोजा है.
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महामारी के दौर में शिक्षा से दूर हुए गांव के बच्चों के शिक्षक बन गए कॉलेज छात्र, स्कूल शुरू किया
- Monday September 28, 2020
महाराष्ट्र (Maharashtra) में मुंबई से लगभग 130 किलोमीटर दूर पालघर (Palghar) जिले के जौहर तालुका के एक आदिवासी गांव तरालपाड़ा में विभिन्न आयु वर्गों के करीब 30 बच्चे हर दिन सुबह नौ बजे एकत्रित होते हैं. यह सभी एक ऐसे वैकल्पिक स्कूल में इकट्ठे होते हैं जो यहां के पुराने छात्रों द्वारा संचालित किया जा रहा है. यह एक फन स्कूल (Fun school) है जहां वे ज्ञानवर्धक खेल खेलते हैं, नियमित पढ़ाई करते हैं और साथ में गाने भी गाते हैं.
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देश के हर गांव में कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने बनाया प्लान
- Saturday August 15, 2020
आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने आज देशभर के पार्टी वॉलिंटियर्स को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि देश कोरोना वायरस (Coronavirus) से जूझ रहा है. दिल्ली में भी एक समय ऐसा ही था. फिर हमने सबको साथ लेकर उस पर काबू पाया. अभी बाजी जीती नहीं है, लेकिन हालात ठीक हुए हैं. इसके लिए प्लाज्मा बैंक बनाए, बेड बढ़ाए. अभी देश में बढ़ते कोरोना को लेकर चिंता होती है. जो कर रहे हैं, वो अच्छी बात है, लेकिन अब कोरोना गांव तक पहुंच रहा है.
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महाराष्ट्र के इस गांव में सरकारी स्कूल के बच्चे बोलते हैं जापानी भाषा, रोबोटिक्स में है दिलचस्पी
- Friday August 14, 2020
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के एक दूर-दराज गांव में जिला परिषद के सरकारी स्कूल में रोबोटिक्स और प्रौद्योगिकी का ज्ञान अर्जित करने की चाह में छात्र जापानी भाषा (Japanese Language) सीख रहे हैं. औरंगाबाद से 25 किलोमीटर दूर स्थिति गदिवत गांव में अच्छी सड़कें और अन्य आवश्यक बुनियादी सुविधाएं भले ना पहुंच पाई हो लेकिन, इंटरनेट सेवा स्थानीय जिला परिषद स्कूल के बच्चों के लिए वरदान साबित हुई हैं. सरकारी स्कूल ने पिछले साल सितम्बर में एक विदेशी भाषा कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया था. इसके कार्यक्रम के तहत चौथी से आठवीं कक्षा के छात्रों से अपनी पसंद की एक भाषा चुनने को कहा गया.
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खुद के पास नहीं हैं मूलभूत सुविधाएं, हरियाणा के पांच गांवों ने COVID फंड में 50 करोड़ किए दान
- Thursday August 13, 2020
हरियाणा के पांच गांवों ने महामारी कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में कुल मिलाकर 50 करोड़ का डोनेशन दिया है. दान देने वाले इन पांचों गांवों में कुल मिलाकर कोविड के अभी पांच केस ही सामने आए हैं. बता दें कि ये डोनेशन गांव की पंचायतों ने गांवों के डेवलपेंट फंड से दिए गए हैं.
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यूपी : COVID-19 जांच के लिए सैंपल लेने पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम पर लाठी-डंडों से हमला
- Tuesday August 11, 2020
Attack on Health Team in UP: पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार मिश्रा ने बताया कि तमकुही स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की एक टीम कोविड-19 के एक मरीज के संपर्क में आए लोगों के नमूने लेने पथेरवा इलाके में स्थित पगरा पडरी गांव गयी थी, जहां 40-50 ग्रामीणों ने लाठी-डंडों से उस पर हमला कर दिया और पथराव भी किया
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स्मार्टफोन न सही, पेड़ की छाया तो है! कोरोना के दौर में कर्नाटक के गांव में बच्चों को पढ़ाने की नई पहल
- Sunday July 19, 2020
कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण और ऑनलाइन क्लास (Online Classes) के दौर में कर्नाटक (Karnataka) के एक गांव में एक स्कूल हैडमास्टर ने नई पहल की है. सरकारी स्कूल के गांव के बच्चों के लिए उन्होंने खुली जगह पर पाठशाला लगा दी. पेड़ के नीचे लगने वाली इस शाला के पीछे कारण यह है कि गांव के बच्चों के पास ऑनलाइन या ऑफलाइन क्लासेज के लिए न तो स्मार्टफोन है और न ही सरकारी स्कूल में ऑनलाइन क्लास संचालित करने की कोई व्यवस्था की गई है. गांव के छायादार पेड़ों के नीचे चल रही कक्षाओं की काफी चर्चा हो रही है.
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वैक्सीनेशन बढ़ाने के लिए अनूठी पहल, दिल्ली के गांवों में चल रही प्रतियोगिता, नुक्कड़ नाटक
- Friday June 25, 2021
वैक्सीनेशन के सामने सबसे बड़ी चुनौती अफवाह है. इसे दूर करने के लिए जिला प्रशासन की टीमें अब गांव में घर-घर जा रही हैं. NDTV की टीम भी एक ऐसी टीम के साथ चल पड़ी. ये गांव के लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए राजी कर रही हैं. लेकिन जितने लोग उतनी ही तरह की अफवाहें गांवों में पसरी हैं.
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गांवों-गांवों में खोले कोविड केयर सेंटर, पैसे कम पड़े तो दुकान तक बेच दी...
- Thursday June 24, 2021
अब तक अरविंद अरोड़ा 50 जिलों और दर्जनों गांवों में कोविड केयर की किट पहुंचा चुके हैं. अभी भी मजबूत इरादे से कोरोना संक्रमण से निपटने की तैयारी में ये और इनकी टीम जुटी हुई है. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर भले ही कम हो गई हैं लेकिन अभी भी इनके दफ्तर में CCTV का काम कम और कोरोना संक्रमण से निपटने की तै़यारी ज्यादा हो रही है.
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ग्रेटर नोएडा: गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल, कोरोना पर कैसे होगा मुकाबला?
- Monday May 24, 2021
ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) के दादुपुर का प्राथमिक स्वास्थ्य उप केंद्र झाड़ियों के बीच बना है. इस केन्द्र के एक कमरे में ताला लगा है और बाकी के दरवाजे खुले हैं. किसी भी कमरे में कुर्सी टेबल या फिर दवा देखने को नहीं मिलेगी. जब कुर्सी और दवा नही तो फिर नर्स और डॉक्टर कहां दिखेंगे? गांव वालों के मुताबिक यह इमारत बनी तो दस साल पहले पर स्वास्थ्य केन्द्र नहीं खुल पाया. शायद यही वजह है कि यहां बोर्ड भी नहीं लगा है. पूर्व प्रधान प्रेम राज सिंह कहते हैं कि ''यहां कोई डॉक्टर नहीं आया, सब लोग झोला छाप डाक्टर के भरोसे हैं.'' दस हजार की आबादी के लिए बना यह केन्द्र दस साल में खुल नहीं पाया. कोविड से गांव में चार लोगों की मौत हो गई. तबीयत खराब होने पर इलाज के लिए लोगों को आठ किलोमीटर दूर दनकौर जाना पड़ता है.
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दिल्ली के कुतुबगढ़ गांव में कोरोना से दर्जनों मौतें, चार साल पहले बने अस्पताल में स्टाफ नहीं
- Saturday May 22, 2021
कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के चलते अस्थाई कोविड अस्पताल टेंट और बैंक्वेट हॉल में बनाए जा रहे हैं, लेकिन दिल्ली (Delhi) के कुतुबगढ़ (Qutubgarh) गांव में चार साल पहले बनकर तैयार अस्पताल आज तक नहीं चल सका, जबकि कुतुबगढ़ गांव में कोरोना संक्रमण से दर्जन भर से ज्यादा मौतें हुई हैं. दिल्ली के कुतुबगढ़ गांव की आलीशान डिस्पेंसरी सफेद हाथी साबित हो रही है. करीब 15 करोड़ की लागत से इसकी इमारत बनाई गई थी. चार साल पहले इस डिस्पेंसरी का उद्घाटन भी हुआ. उदघाटन के दो शिलापट्टों पर पार्षद से लेकर इंजीनियर तक के नाम भी लिखे गए लेकिन डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ आज तक नहीं पहुंचा.
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NDTV पर खबर दिखाए जाने के बाद पहुंचा स्वास्थ्य विभाग का अमला, ग्रामीणों की हुई कोरोना जांच
- Friday May 21, 2021
स्वास्थ्य अधिकारियों ने भी स्वीकारा कि एनडीटीवी पर खबर दिखाए जाने के बाद ही वे सक्रिय हुए. अधिकारियों ने कोरोना अभियान में लगी टीम को और ज्यादा सक्रिय तरीके से काम करने के निर्देश दिए हैं. अधिकारियों ने स्वास्थ्य जांच के साथ ही गांव में टीकाकरण करने पर भी जोर देने की बात भी स्वीकार की.
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बिहार के गांवों में बढ़ रहा मौतों का आंकड़ा, कैमूर गांव में 70% लोग बीमार, कुछ का ही हुआ कोविड टेस्ट
- Friday May 14, 2021
गांव के अशोक कुमार चौधरी ने कोरोना की दूसरी लहर में अपनी चाची को खोया है. अशोक कहते हैं, 'पहले बुखार आया ..फिर गला में कफ हुआ और फिर मौत हो गई कोरोना का टेस्ट हुआ लेकिन काग़ज़ नहीं लिया. गांव के ही आलोक सिंह की कहानी अशोक कुमार चौधरी से अलग नहीं है. कोरोना के कारण उन्होंने पिता को गंवाया है.
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गांव की तरफ रुख करता खतरनाक कोरोना वायरस, UP और बिहार की नदियों में दिखे शव, 10 बातें
- Tuesday May 11, 2021
कोरोना के प्रकोप के आगे अब सारी व्यवस्थाएं बौनी लगने लगी हैं, स्वास्थ्य सुविधाएं वेंटिलेटर पर हैं तो मानवीय संवेदनाओं ने भी मानों मास्क लगा लिया हो. तमाम प्रयासों के बाद स्थिति नियंत्रण में नहीं मालूम पड़ रही है. उत्तर प्रदेश और बिहार में शव अब श्मशानों के बजायों नदियों में तैरते दिख रहे हैं. हालांकि वैक्सीनेशन अभियान में हम तेजी से चल रहे हैं लेकिन अभी भी बड़ी आबादी इस टीके की खुराक से मरहूम है, कई राज्यों में इसकी कमी लगातार बनी हुई है. वहीं सबसे चिंता जनक बात ये है कि अब इस खतरनाक वायरस ने गांवों की तरफ अपना रुख किया है, जहां स्वास्थ्य सुविधाओं की बात ही बेमानी लगती है. लगातार चार दिन कोरोना वायरस संक्रमण के चार लाख से अधिक नए मामले सामने आने के बाद भारत में सोमवार को एक दिन में कोविड-19 के 3,66,161 मामले सामने आए और इसी के साथ देश में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 2,26,62,575 हो गए हैं.
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UP में पंचायत चुनावों के साथ ही बड़े पैमाने पर गांवों में फैल रहा कोरोना, मौतों की तादाद भी बढ़ रही
- Monday May 3, 2021
उत्तर प्रदेश में रविवार को कोरोना वायरस के संक्रमण से 290 मरीजों की मौत हो गई और 30,983 नए मरीज पाए गए. राज्य में पिछले 24 घंटे में 290 संक्रमितों की मौत हो गई और अब तक कुल 13,162 संक्रमित अपनी जान गंवा चुके हैं.
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कोरोना के बीच टीचर इस जुगाड़ से पढ़ा रहे हैं 200 बच्चों को, बना डाली स्पेशल क्लास, हर्ष गोयनका बोले- 'अद्भुत'
- Tuesday October 6, 2020
बिजनेसमैन हर्ष गोयनका (Harsh Goenka) ने झारखंड के एक स्कूल (Jharkhand School) की सराहना करते हुए एक ट्वीट साझा किया है, जहां शिक्षकों ने कोरोनोवायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के बीच सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) को बनाए रखते हुए 200 छात्रों को पढ़ाने का एक रचनात्मक तरीका खोजा है.
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महामारी के दौर में शिक्षा से दूर हुए गांव के बच्चों के शिक्षक बन गए कॉलेज छात्र, स्कूल शुरू किया
- Monday September 28, 2020
महाराष्ट्र (Maharashtra) में मुंबई से लगभग 130 किलोमीटर दूर पालघर (Palghar) जिले के जौहर तालुका के एक आदिवासी गांव तरालपाड़ा में विभिन्न आयु वर्गों के करीब 30 बच्चे हर दिन सुबह नौ बजे एकत्रित होते हैं. यह सभी एक ऐसे वैकल्पिक स्कूल में इकट्ठे होते हैं जो यहां के पुराने छात्रों द्वारा संचालित किया जा रहा है. यह एक फन स्कूल (Fun school) है जहां वे ज्ञानवर्धक खेल खेलते हैं, नियमित पढ़ाई करते हैं और साथ में गाने भी गाते हैं.
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देश के हर गांव में कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने बनाया प्लान
- Saturday August 15, 2020
आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने आज देशभर के पार्टी वॉलिंटियर्स को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि देश कोरोना वायरस (Coronavirus) से जूझ रहा है. दिल्ली में भी एक समय ऐसा ही था. फिर हमने सबको साथ लेकर उस पर काबू पाया. अभी बाजी जीती नहीं है, लेकिन हालात ठीक हुए हैं. इसके लिए प्लाज्मा बैंक बनाए, बेड बढ़ाए. अभी देश में बढ़ते कोरोना को लेकर चिंता होती है. जो कर रहे हैं, वो अच्छी बात है, लेकिन अब कोरोना गांव तक पहुंच रहा है.
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महाराष्ट्र के इस गांव में सरकारी स्कूल के बच्चे बोलते हैं जापानी भाषा, रोबोटिक्स में है दिलचस्पी
- Friday August 14, 2020
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के एक दूर-दराज गांव में जिला परिषद के सरकारी स्कूल में रोबोटिक्स और प्रौद्योगिकी का ज्ञान अर्जित करने की चाह में छात्र जापानी भाषा (Japanese Language) सीख रहे हैं. औरंगाबाद से 25 किलोमीटर दूर स्थिति गदिवत गांव में अच्छी सड़कें और अन्य आवश्यक बुनियादी सुविधाएं भले ना पहुंच पाई हो लेकिन, इंटरनेट सेवा स्थानीय जिला परिषद स्कूल के बच्चों के लिए वरदान साबित हुई हैं. सरकारी स्कूल ने पिछले साल सितम्बर में एक विदेशी भाषा कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया था. इसके कार्यक्रम के तहत चौथी से आठवीं कक्षा के छात्रों से अपनी पसंद की एक भाषा चुनने को कहा गया.
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खुद के पास नहीं हैं मूलभूत सुविधाएं, हरियाणा के पांच गांवों ने COVID फंड में 50 करोड़ किए दान
- Thursday August 13, 2020
हरियाणा के पांच गांवों ने महामारी कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में कुल मिलाकर 50 करोड़ का डोनेशन दिया है. दान देने वाले इन पांचों गांवों में कुल मिलाकर कोविड के अभी पांच केस ही सामने आए हैं. बता दें कि ये डोनेशन गांव की पंचायतों ने गांवों के डेवलपेंट फंड से दिए गए हैं.
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यूपी : COVID-19 जांच के लिए सैंपल लेने पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम पर लाठी-डंडों से हमला
- Tuesday August 11, 2020
Attack on Health Team in UP: पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार मिश्रा ने बताया कि तमकुही स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की एक टीम कोविड-19 के एक मरीज के संपर्क में आए लोगों के नमूने लेने पथेरवा इलाके में स्थित पगरा पडरी गांव गयी थी, जहां 40-50 ग्रामीणों ने लाठी-डंडों से उस पर हमला कर दिया और पथराव भी किया
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स्मार्टफोन न सही, पेड़ की छाया तो है! कोरोना के दौर में कर्नाटक के गांव में बच्चों को पढ़ाने की नई पहल
- Sunday July 19, 2020
कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण और ऑनलाइन क्लास (Online Classes) के दौर में कर्नाटक (Karnataka) के एक गांव में एक स्कूल हैडमास्टर ने नई पहल की है. सरकारी स्कूल के गांव के बच्चों के लिए उन्होंने खुली जगह पर पाठशाला लगा दी. पेड़ के नीचे लगने वाली इस शाला के पीछे कारण यह है कि गांव के बच्चों के पास ऑनलाइन या ऑफलाइन क्लासेज के लिए न तो स्मार्टफोन है और न ही सरकारी स्कूल में ऑनलाइन क्लास संचालित करने की कोई व्यवस्था की गई है. गांव के छायादार पेड़ों के नीचे चल रही कक्षाओं की काफी चर्चा हो रही है.
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