बिजनेसमैन हर्ष गोयनका (Harsh Goenka) ने झारखंड के एक स्कूल (Jharkhand School) की सराहना करते हुए एक ट्वीट साझा किया है, जहां शिक्षकों ने कोरोनोवायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के बीच सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) को बनाए रखते हुए 200 छात्रों को पढ़ाने का एक रचनात्मक तरीका खोजा है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, दुमका के डुमथर गांव के सरकारी स्कूल के शिक्षकों ने घरों की दीवारों पर ब्लैकबोर्ड पेंट कर दिए हैं, ताकि बिना स्मार्टफोन के छात्र क्लास अटेंड कर सकें.
टीचर्स लाउडस्पीकर्स के जरिए बोलते हैं और बच्चे ब्लेकबोर्ड पर लिखते हैं. वे सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए पंक्तियों में बैठते हैं, स्कूल की "अविश्वसनीय पहल" के लिए धन्यवाद. छात्रों के लिए क्लासरूम पास लाने की यह पहल काफी पसंद की जा रही है. सोशल मीडिया पर इस स्कूल की खूब तारीफ हो रही है. सामान्य से कुछ अलग करने के लिए स्कूल की खूब तारीफ की जा रही है. इस तरह स्कूल का हर बच्चा आराम से पढ़ाई कर पा रहा है.
कोरोनावायरस के चलते स्कूलों और कॉलेजों को बंद कर दिया गया है. जिसके चलते ऑनलाइन क्लास हो रही हैं. इसमें दिक्कत उन लोगों को आ रही है, जो रिमोट एरिया में रहते हैं और जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है.
हर्ष गोयनका ने तस्वीर शेयर की है, जहां खुले में 200 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने लिखा, 'झारखंड के एक गांव में, सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए यहां बच्चों के लिए ब्लेकबोर्ड लगा दिए गए हैं. टीचर्स लाउड स्पीकर के जरिए पाठ पढ़ाते हैं. इस स्पेशल क्लास में 200 बच्चे पढ़ाई करते हैं. हमारे अतुल्य भारत में अद्भुत पहल.'
In a village in Jharkhand, blackboards have been placed with social distancing where students write their lessons and the teacher uses a loudspeaker to teach them. 200 students are taught in this special class.
— Harsh Goenka (@hvgoenka) October 5, 2020
Amazing initiative in our incredible India! pic.twitter.com/OJH4JPRMkd
इस ट्वीट को हर्ष गोयनका ने 5 अक्टूबर को शेयर किया था, जिसके अब तक 3 हजार से ज्यादा लाइक्स और 500 से ज्यादा रि-ट्वीट्स हो चुके हैं.
एएनआई के अनुसार, एक शिक्षक ने कहा: "COVID-19 के कारण शिक्षा प्रभावित हुई है. यहां के छात्रों के पास स्मार्टफोन नहीं थे. हमने 'शिक्षा आपके द्वार' (आपके द्वार पर शिक्षा) की शुरुआत की, ताकि बच्चे शिक्षा से न चूकें. छात्रों को उनके घरों में पढ़ाने के लिए दीवारों पर 100 से अधिक ब्लैकबोर्ड बनाए गए हैं.”
Jharkhand: Government school teachers in Dumka have made arrangements for students who cannot afford online classes by bringing education to their doorstep.
— ANI (@ANI) September 28, 2020
A teacher says, "We started 'shiksha apke dwar' to provide education to children while maintaining social distancing." pic.twitter.com/N8klZlNDso
इस बीच, दुमका के उपायुक्त राजेश्वर बी ने भी इस पहल की प्रशंसा की. उन्होंने कहा, "हमारे शिक्षक नए तरीके अपना रहे हैं. चूंकि स्कूल बंद हैं, व्हाट्सएप पर छात्रों को सामग्री भेजी जा रही है. लेकिन कई क्षेत्रों में, छात्रों के घरों में स्मार्टफोन नहीं हैं. इस पहल की प्रशंसा की जानी चाहिए. हम अन्य शिक्षकों को अपनाने के लिए प्रेरित करेंगे.''
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