नई दिल्ली:
लड़कियां पढ़ने या जॉब के लिए जब दूसरे शहर में शिफ्ट होती हैं तो उनके मन में होता है कि अब वह बंदिशों से दूर अपनी मर्जी की जिंदगी जी पाएंगी. यहां वह जैसे ही हॉस्टल में शिफ्ट होती है तो वॉर्डन उनके ख्वाबों पर पहरा बिठा देते हैं. हॉस्टल में लड़कियों पर इतने सारे नियम लाद दिए जाते हैं कि उन्हें कई बार जेल में रहने जैसी फीलिंग होती है. कई बार लड़कियों का मन करता है कि वह रात में हॉस्टल से बाहर जाएं, पर बंदिशों के चलते वह काफी परेशान हो जाती हैं. ऐसे में वो ऐसे बहाने तलाशती है कि ताकि वार्डन उन्हें हॉस्टल से बाहर जाने की इजाजत दे. इसी परेशानी को दूर करने वाला एक एप्लीकेशन इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस एप्लीकेशन में ऐसा कारण बताया गया है, जिसे पढ़कर शायद वार्डन लड़कियों को रात में बाहर जाने की इजाजत दे दें.
'पिंजरा तोड़: ब्रेक द हॉस्टल लॉक्स' फेसबुक पेज से जेएनयू एक कावेरी हॉस्टल के वार्डन को लिखा एप्लीकशेन शेयर किया गया है. इस एप्लीकेशन को सार्वजनिक करने के पीछे का उद्देश्य यह है कि गर्ल्स हॉस्टल में लड़कियों के रात में आने जाने की पांबदी खत्म हो.
ये है पूरा एप्लीकेशन
सेवा में,
वार्डन
कावेरी हॉस्टल
16 फररवरी 2017
विषय: लेट नाइट (देर रात बाहर)
आदरणीय मैम
अपनी अकादमिक जिंदगी को लेकर हम दोनों थोड़ी परेशानी में हैं. कृप्या हमें हॉस्टल से थोड़े देर रात तक के लिए बाहर रहने की इजाजत दें. सिर्फ आज के लिए, ताकि हम अपनी टेंशन से मुक्ति पा सकें.
शुक्रिया
आपकी विश्वासी
प्रीति, अदिति
फेसबुक पोस्ट को सच मानें तो इस एप्लीकेशन के बाद कावेरी हॉस्टल के वार्डन ने दोनों लड़कियों को रात में बाहर जाने की इजाजत दे दी.
इस एप्लीकेशन के सार्वजनिक होने के बाद लोगों के तरह के तरह कमेंट आ रहे हैं. जो लड़कियां हॉस्टल में रह रही हैं वे इसे दोहराने की बातें कर रही हैं तो जो हॉस्टल लाइफ से बाहर आ चुकी हैं वह सोच रही हैं काश...पहले ये बहाना उन्हें पता चल जाता.
मालूम हो कि दिल्ली सहित देशभर के गर्ल्स हॉस्टल में नियम है कि लड़कियां रात नौ-दस बजे तक लौट आएं. ग्यारह के बाद हॉस्टल से बाहर जाने की इजाजत नहीं होगी. विशेष परिस्थितियों को छोड़कर रात में उन्हें पार्टी करने की इजाजत नहीं होती है. इन बंदिशों को खत्म करने के लिए 'पिंजरा तोड़: ब्रेक द हॉस्टल लॉक्स' फेसबुक पेज बनाकर कैंपेन चलाया जा रहा है.
'पिंजरा तोड़: ब्रेक द हॉस्टल लॉक्स' फेसबुक पेज से जेएनयू एक कावेरी हॉस्टल के वार्डन को लिखा एप्लीकशेन शेयर किया गया है. इस एप्लीकेशन को सार्वजनिक करने के पीछे का उद्देश्य यह है कि गर्ल्स हॉस्टल में लड़कियों के रात में आने जाने की पांबदी खत्म हो.
ये है पूरा एप्लीकेशन
सेवा में,
वार्डन
कावेरी हॉस्टल
16 फररवरी 2017
विषय: लेट नाइट (देर रात बाहर)
आदरणीय मैम
अपनी अकादमिक जिंदगी को लेकर हम दोनों थोड़ी परेशानी में हैं. कृप्या हमें हॉस्टल से थोड़े देर रात तक के लिए बाहर रहने की इजाजत दें. सिर्फ आज के लिए, ताकि हम अपनी टेंशन से मुक्ति पा सकें.
शुक्रिया
आपकी विश्वासी
प्रीति, अदिति
फेसबुक पोस्ट को सच मानें तो इस एप्लीकेशन के बाद कावेरी हॉस्टल के वार्डन ने दोनों लड़कियों को रात में बाहर जाने की इजाजत दे दी.
इस एप्लीकेशन के सार्वजनिक होने के बाद लोगों के तरह के तरह कमेंट आ रहे हैं. जो लड़कियां हॉस्टल में रह रही हैं वे इसे दोहराने की बातें कर रही हैं तो जो हॉस्टल लाइफ से बाहर आ चुकी हैं वह सोच रही हैं काश...पहले ये बहाना उन्हें पता चल जाता.
मालूम हो कि दिल्ली सहित देशभर के गर्ल्स हॉस्टल में नियम है कि लड़कियां रात नौ-दस बजे तक लौट आएं. ग्यारह के बाद हॉस्टल से बाहर जाने की इजाजत नहीं होगी. विशेष परिस्थितियों को छोड़कर रात में उन्हें पार्टी करने की इजाजत नहीं होती है. इन बंदिशों को खत्म करने के लिए 'पिंजरा तोड़: ब्रेक द हॉस्टल लॉक्स' फेसबुक पेज बनाकर कैंपेन चलाया जा रहा है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
जेएनयू, JNU, कावेरी हॉस्टल, Kaveri Hoste, छुट्टी का बहाना, गर्ल्स हॉस्टल, Girls Hostel, रात को बाहर जाना, Late Night Outing