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This Article is From Sep 26, 2023

पंजाब के वित्त मंत्री ने विपक्षी पार्टियों के कर्ज संबंधी मुद्दे को बताया झूठा प्रचार, दिया ब्योरा

वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि राज्य में जीएसटी में 17 प्रतिशत, उत्पाद शुल्क राजस्व में 44 प्रतिशत, वाहनों पर कर में 13 प्रतिशत तथा स्टांप और पंजीकरण से राजस्व में 3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.

पंजाब के वित्त मंत्री ने विपक्षी पार्टियों के कर्ज संबंधी मुद्दे को बताया झूठा प्रचार, दिया ब्योरा
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा के साथ मुख्यमंत्री भगवंत मान.
चंडीगढ़:

पंजाब सरकार ने विपक्षी नेताओं द्वारा उठाए गए कर्ज के मुद्दे को झूठा प्रचार करार दिया है. वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कुल कर्ज का उल्लेख करते हुए वर्तमान राज्य सरकार द्वारा कर्ज के रूप में उठाए गए पैसों का विवरण दिया. उन्होंने बताया कि पिछली अकाली-भाजपा और कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा लिए गए कर्ज के ब्याज के रूप में 27 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. उन्होंने पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से केंद्र सरकार से 8145 करोड़ रुपये का बकाया दिलाने में राज्य सरकार की मदद करने की भी अपील की.

पंजाब भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने पिछले डेढ़ साल के दौरान पंजाब पर चढ़े 47,109 करोड़ रुपये के कर्ज के जवाब में 48,530 करोड़ रुपये का हिसाब दिया. वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले डेढ़ साल के दौरान 47109 करोड़ रुपये का कर्ज उठाया है, जिसमें वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान उठाया गया 32,448 करोड़ रुपये और 1 अप्रैल, 2023 से 31 अगस्त तक 2023 तक 14661 करोड़ रुपये का कर्ज शामिल है. उन्होंने कहा कि इसमें से 27,106 करोड़ रुपये पिछली अकाली-भाजपा और कांग्रेस नीत राज्य सरकारों द्वारा उठाए गए कर्ज पर ब्याज के रूप में दिए गए थे.

बकाया बिजली सब्सिडी के लिए PSPCL को 2556 करोड़ रुपये का भुगतान
उन्होंने कहा कि पूंजीगत व्यय पर 10,208 करोड़ रुपये खर्च करने के अलावा, राज्य सरकार ने इन संस्थानों को संकट से उबारने के लिए PUNSUP और पंजाब राज्य सहकारी कृषि विकास बैंक का 1148 करोड़ रुपये का कर्ज वहन किया. साथ ही सरकार ने पिछली बकाया बिजली सब्सिडी के लिए PSPCL को 2556 करोड़ रुपये का भुगतान किया. उन्होंने कहा कि इसके अलावा ग्रामीण विकास निधि के 798 करोड़ रुपये, गन्ना किसानों के 1008 करोड़ रुपये, केंद्र प्रायोजित योजनाओं के 1750 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. उन्होंने कहा कि सस्ती दरों पर कर्ज दिलाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा स्थापित सिंकिंग फंड में भी 4000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया.

केंद्र पर पंजाब का 8145 करोड़ रुपये बकाया
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि केंद्र पर कुल 8145 करोड़ रुपये बकाया है, जिसमें ग्रामीण विकास निधि से 5637 करोड़ रुपये, विशेष पूंजी सहायता से 1857 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) से 651 करोड़ रुपये शामिल हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को पत्र लिखने के अलावा, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने केंद्र सरकार की ओर लंबित ग्रामीण विकास निधि (आरडीएफ) सहित राज्य के बकाया की मांग के लिए संबंधित केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की. उन्होंने पंजाब के राज्यपाल से केंद्र सरकार से बकाया दिलाने में मदद की अपील की.

विपक्षी नेता कर रहे गलत बयानी
आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार के खिलाफ गलत बयानबाजी करने वाले विपक्षी नेताओं को कड़ा जवाब देते हुए हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि राज्य में जीएसटी में 17 प्रतिशत, उत्पाद शुल्क राजस्व में 44 प्रतिशत, वाहनों पर कर में 13 प्रतिशत तथा स्टांप और पंजीकरण से राजस्व में 3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि वर्तमान पंजाब सरकार केंद्र सरकार के साथ बातचीत के बाद अकाली-भाजपा सरकार द्वारा पंजाब को दिए गए 32,000 करोड़ रुपये के कैश क्रेडिट लिमिट ऋण पर ब्याज दर को घटाकर 7.35 प्रतिशत करने में भी सफल रही है, जिससे राज्य को 3,500 करोड़ रुपये की बचत हुई है.

चंडीगढ़ पंजाब का है- वित्त मंत्री
इस मौके पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि मंगलवार से अमृतसर में होने वाली नॉर्थ जोनल काउंसिल की बैठक में राज्य के मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाया जाएगा. उन्होंने कहा कि काउंसिल की पिछली बैठक में बीबीएमबी और पंजाब यूनिवर्सिटी जैसे मुद्दे प्रभावी ढंग से उठाए गए थे. अलग विधानसभा बनाने के लिए चंडीगढ़ से जमीन लेने के हरियाणा के प्रयासों के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ पंजाब का है और पंजाब का ही रहेगा, हरियाणा पंचकुला में अपनी अलग विधानसभा बना सकता है.

कनाडा-भारत विवाद के बारे में एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि सिर्फ पंजाब से ही नहीं, बल्कि पूरे भारत से छात्र कनाडा में पढ़ते हैं और कई भारतीय पेशेवर भी वहां काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को कनाडा के प्रधानमंत्री से बातचीत के जरिए इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाना चाहिए.

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