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This Article is From Jul 18, 2023

जबलपुर में GST को ED के दायरे में लाने का विरोध, व्यापारियों को सता रहा डर

सरकार जीएसटी को मनी लॉन्ड्रिंग कानून में लाना ही चाहती थी तो उसे एक सीमा तय करनी चाहिए ताकि छोटा व्यापारी इसकी जद में न आए.

जबलपुर में GST को ED के दायरे में लाने का विरोध, व्यापारियों को सता रहा डर
सरकार जीएसटी को मनी लॉन्ड्रिंग कानून में लाना ही चाहती थी तो उसे एक सीमा तय करनी चाहिए

जबलपुर: जबलपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री ने जीएसटी को ईडी के दायरे में लाने पर विरोध किया. व्यापारियों के मन में इस फैसले को लेकर संशय की स्थिति है कि मनी लॉन्ड्रिंग जैसे क्रिमनल एक्ट को जीएसटी कानून में लाने से क्या व्यापारियों को छोटी सी गलती पर भी जेल जाना होगा, प्रताड़ना सहनी पड़ेगी या मुजरिम करार देने के एवज में विभागों एवं अधिकारियों को घूस देनी होगी.

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व्यापारियों पर इतनी सख्ती की क्या जरूरत
चेंबर के पदाधिकारियों ने कहा है कि आखिर सरकार को व्यापारियों पर इतनी सख्ती की आवश्यकता क्या है?, अगर मनी लॉन्ड्रिंग को जीएसटी में लाना ही था तो कम से कम छोटे व्यापारियों को इससे राहत दी जाती. अभी तक टैक्स चोरी में जेल जाने का प्रावधान तभी आता है, जब टैक्स चोरी की रकम 1 करोड़ से ज्यादा हो, लेकिन अब छोटे व्यापारियों को भी ईडी का डर सता रहा है. 

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सरकार जीएसटी को मनी लॉन्ड्रिंग कानून में लाना ही चाहती थी तो उसे एक सीमा तय करनी चाहिए ताकि छोटा व्यापारी इसकी जद में न आए. केवल 5 करोड़ से अधिक के कर चोरी मामले में ही जीएसटी को मनी लॉन्ड्रिंग कानून के अंतर्गत लाना चाहिए.

जबलपुर चेंबर के प्रेम दुबे, कमल ग्रोवर, राधेश्याम अग्रवाल, पंकज माहेश्वरी, अजय अग्रवाल, नरिंदर सिंह पांधे, अजय बखतावर, रोहित खटवारी, विनीत गोकलानी, अरुण पवार, रजनीश त्रिवेदी, सीए अनिल अग्रवाल, शिशिर नेमा, दीपक सेठी, शशिकांत पांडेय आदि ने इस नोटिफिकेशन का पुरजोर विरोध किया.

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