कोरोना काल में विषम परिस्थितियों से जूझ रहे ग्रामीण और महिलाएं जिला प्रशासन द्वारा ऋण माफी की खबर सुनते ही परिवार सहित कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच गईं. देखते ही देखते मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के कलेक्ट्रेट परिसर में ग्रामीणों और महिलाओं का हुजूम इकट्ठा हो गया. दरअसल, कुछ लोगों ने भ्रम फैला दिया था कि माइक्रो प्लान के द्वारा जो छोटे-छोटे ऋण वितरित किए गए हैं सरकार उन्हें माफ करने जा रही है, लेकिन कुछ देर बाद जब उन्हें मालूम हुआ कि किसी ने इनके साथ शरारत की है, तो वे लोग भड़क गए.
इतना ही नहीं, कर्ज माफी के नाम पर कुछ लोगों ने ग्रामीणों से दो सौ रुपए का प्रोफार्मा तक बेच डाले. यह सब कही और नहीं बल्कि कलेक्ट्रेट परिसर में चलता रहा. जिसके बाद मौके पर पहुंचे जिला के प्रशासनिक अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाया और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही. तब जाकर ग्रामीण शान्त हुए और निराश होकर अपने घर को लौट गए. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग को भीड़ ने रौंद दिया.
शहडोल कलेक्ट्रेट में लगा ग्रामीण महिलाओं का मेला, ऋण माफी की खबर सुनते ही उमड़ी महिलाएं,
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) September 15, 2020
प्रशासन ने कहा अफवाह, इतना ही नहीं ऋण माफी के नाम पर कुछ लोगों ने ग्रामीणों से 2 सौ रुपए के फॉर्म तक बेच डाले @ndtvindia @ndtv pic.twitter.com/oY793xX4ZG
आश्चर्य इस बात का है कि जहां पुलिस का मुख्य कार्यालय कलेक्ट्रेट है. हर पल अधिकारियों का आना-जाना लगा रहता है, फिर भी इस फरेबी पन पर किसी की नजर नहीं पड़ रही है. वहीं, अब प्रशासन मामले में कार्रवाई की बात कह रहा है.
शहडोल ने एसडीएम (सोहागपुर) धर्मेन्द्र मिश्रा ने कहा, "यहां पर बहुत पर काफी संख्या में लोग मौजूद थे. जब हमने जानकारी की थी तो पता चला कि किसी ने ऋण माफी की अफवाह उड़ाई थी. लोगों को गुमराह किया गया है, ऐसी कोई योजना नहीं है. जिन लोगों या दलालों ने यह अफवाह उड़ाई हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस को निर्देश दिए गए हैं."
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