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This Article is From Mar 04, 2022

मध्यप्रदेश : खरगोन में दलित महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने से रोका गया, मामला दर्ज

महाशिवरात्रि पर हुई घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो एक दलित संगठन सड़क पर उतर आया

मध्यप्रदेश : खरगोन में दलित महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने से रोका गया, मामला दर्ज
प्रतीकात्मक फोटो.
भोपाल:

मध्यप्रदेश के खरगोन से एक चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई जिसमें युवती "पूजा" सहित आधा दर्जन दलित महिलाओं को ही "पूजा करने से" गांव के दबंगों ने रोक दिया. इसका वीडियो साथी युवती ने बना लिया जिसमें पुजारी एवं कुछ महिलाओं द्वारा दलित महिलाओं को मंदिर में प्रवेश से रोकने एवं विरोध करने का खुलासा हो रहा है. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. इसके बाद दलित संगठन सड़क पर उतर आया. मामला बिगड़ते देख खुद मेनगांव थाना पुलिस टेमला गांव पहुंची और पीड़ित युवतियों की शिकायत पर मंदिर के पुजारी व दो महिलाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. 

इस पूरे मामले में चौकाने वाली बात यह भी है कि यह पूरा घटनाक्रम भाजपा के पूर्व कृषि मंत्री बालकृष्ण पाटीदार के गृह ग्राम टेमला का है, जहां मंदिर में दलितों का प्रवेश बंद है. यही नहीं पीड़िता की मानें तो निमाड़ के प्रसिद्ध पर्व गणगौर पर भी दलितों को गांव के मुख्यमार्ग से जाने से रोकने के कारण उन्हें पथरीले, कंटीले रास्तों से गणगौर माता की बाड़ी जाना पड़ता है. 2023 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इसके पूर्व पंचायतों के चुनाव भी हैं. ऐसे में यह मामला राजनीतिक समीकरण बिगाड़ सकता है.

मध्यप्रदेश के खरगोन जिला मुख्यालय से मात्र सात किलोमीटर दूर गांव टेमला है. यहां शिवरात्रि पर्व पर दलित महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने से गांव की महिलाओं और पुजारी ने रोक दिया. यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इसके बाद दलित संगठन विरोध दर्ज कराने के साथ भेदभाव करने एवं जातिसूचक व्यवहार करने पर पुजारी सहित अन्य दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर सड़क पर उतर आया. हालांकि मामला गर्माते देख खुद पुलिस गांव पहुंची और मामला दर्ज किया.  

पीड़िता पूजा का आरोप है कि खरगोन के ग्राम टेमला ही नहीं बल्कि ज़िले के अधिकांश गांवों में दलितों के साथ मंदिर में प्रवेश और त्योहारों के दौरान भेदभाव किया जाता है. शिकायतें होती हैं लेकिन सुनवाई और कार्रवाई नहीं होती. संविधान के अनुसार हमें भी मंदिर जाने का अधिकार है. लेकिन दलितों से भेदभाव होता है तो दलित वर्ग धर्म परिवर्तन करता है. इसके बाद भी उसे घर वापसी के नाम पर प्रताड़ित करते हैं. पूजा का कहना है कि हमें किसी राजनीतिक पार्टी से कोई मतलब नहीं, हम से भेदभाव करना गलत है. उन्होंने निमाड़ के गणगौर पर्व पर भी भेदभाव पूर्ण व्यवहार करने पर नाराजगी जताते हुए उचित कार्रवाई की मांग की. 

दलित संगठन के जिला अध्यक्ष राजू गांगले का कहना है कि  दुर्भाग्यपूर्ण है कि दलित वर्ग को मंदिर में प्रवेश पर रोका जाता है. कार्रवाई की मांग पुलिस से की है. पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी ने शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है एवं उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

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