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This Article is From Jun 24, 2022

"मेरी सरकार के खिलाफ काम कर रहीं केंद्रीय एजेंसियां" : NDTV से बोले छत्‍तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल

रिसॉर्ट पॉलिटिक्स पर उन्‍होंने कहा, "राज्‍यसभा चुनाव में तो अपनी-अपनी पार्टी के विधायक थे, लेकिन महाराष्‍ट्र का मामला बिल्कुल अलग है.

"मेरी सरकार के खिलाफ काम कर रहीं केंद्रीय एजेंसियां" : NDTV से बोले छत्‍तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल
छत्‍तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने महाराष्‍ट्र के सियासी घटनाक्रम को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा

छत्‍तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोप लगाया है कि बीजेपी की शह पर केंद्रीय एजेंसियां उनकी सरकार के खिलाफ काम कर रही हैं. एनडीटीवी के साथ विशेष बातचीत में बघेल ने कहा कि कि ऐसे राज्‍य जहां उनका शासन नहीं है, बीजेपी के रडार पर हैं और इसके लिए वे किसी भी हद तक जा सकते हैं. मध्यप्रदेश के बाद महाराष्ट्र के सियासी घटनाक्रम पर टिप्‍पणी करते हुए बघेल ने कहा कि सत्‍ता के लिए वे (बीजेपी) किसी भी हद तक जा सकते हैं. इसका उदाहरण मध्य प्रदेश, राजस्थान, गोवा, कर्नाटक और अभी हमें महाराष्ट्र में देखने को मिल रहा है. किस प्रकार से वहां खरीद-फरोख्त, धनबल का उपयोग हुआ है ये पूरा देश देख रहा है.  प्रजातंत्र के लिए उचित नहीं है.

रिसॉर्ट पॉलिटिक्स पर उन्‍होंने कहा, "राज्‍यसभा चुनाव में तो अपनी-अपनी पार्टी के विधायक थे, लेकिन महाराष्‍ट्र का मामला बिल्कुल अलग है. यहां तो सीधा-सीधा उठाकर ले जाया गया. पहले सूरत और फिर गुवाहाटी ले गए. यह दूसरे प्रकार की घटना है. दोनों को साथ नहीं जोड़ा जा सकता है. ये घटना प्रजातंत्र की हत्या है.  अपने राज्‍य छत्तीसगढ़ में सियासी उठापटक करवाने के सवाल पर कहा, "सेंट्रल एजेंसी  काम कर रही हैं. ये लगातार इस प्रकार से लगे हुए हैं. जब हम दिल्ली में प्रदर्शन में थे तो  राजस्थान के मुख्यमंत्री के भाई के घर पर ED का छापा हुआ. मुझे संकेत मिल रहे हैं यहां पर भी कुछ करने की सोच रहे हैं."

राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ के दौरान कांग्रेस में दिखी एकजुटता को लेकर बघेल ने कहा, "प्रजातंत्र की हत्या हो रही थी. कांग्रेस के दफ्तर में कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और मुख्यमंत्री के जाने नहीं दिया गया. जो कर्मचारी रोज जा रहे, उन्‍हें वहां आने जाने नहीं दे रहे. वहां कार्यालय में  घुसकर कार्यकर्ताओं के साथ बदसलूकी की गई. प्रजातंत्र में राजनीतिक दल नहीं  रहेंगे तो प्रजातंत्र नहीं होगा. राजनैतिक दल के कार्यालय भी होंगे और उनके पदाधिकारी-कार्यकर्ता भी जाएंगे. वहां एक-एक सप्ताह तक कार्यालय को सील करके रखेंगे, यह उचित नहीं है. पत्रकारों के साथ भी मारपीट की गई.

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