- ठाणे के मुंब्रा रेलवे हादसे में पांच महीने बाद दो इंजीनियरों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है
- 9 जून को हुई इस दुर्घटना में पांच यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई और आठ गंभीर रूप से घायल हुए थे
- रेलवे ने शुरुआती जांच में दावा किया था कि हादसा तकनीकी खराबी नहीं बल्कि यात्रियों के बैग टकराने से हुआ था
मुंबई से सटे ठाणे के मुंब्रा रेलवे हादसे के मामले में आखिरकार पांच महीने बाद मामला दर्ज किया गया है. 9 जून को हुई इस दर्दनाक दुर्घटना में पांच यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि आठ अन्य गंभीर रूप से घायल हुए थे. अब जीआरपी ने इस मामले में आखिरकार दो इंजीनियरों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है. दरअसल, 9 जून को लोकल ट्रेन में अचानक एक झटका लगने से यात्री गिर गए थे, कुछ ट्रेन के दरवाज़े से नीचे जा गिरे थे. हादसे के बाद मध्य रेलवे की ओर से दावा किया गया था कि यह कोई तकनीकी खराबी नहीं, बल्कि यात्रियों के बैग आपस में टकराने से हुआ हादसा था.
तब हादसे पर रेलवे आईजी हेमंत कुमार ने कहा था कि मुंब्रा रेलवे स्टेशन पर शार्प कर्व होने की वजह से यह हादसा हुआ है. हादसे के वक्त लोकल ट्रेन की रफ्तार 100 किमी प्रति घंटे के आसपास थी. शार्प कर्व होने की वजह से लोग जो लोकल ट्रेन के दरवाजे पर लटके थे वे गिर गए.
बता दें कि इस हादसे में 4 लोगों को मौत और 6 अन्य लोग घायल हो गए थे. इस हादसे के बाद रेलवे की ओर से पर्याप्त कदम न उठाए जाने की आलोचना हुई थी.
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