- मुंबई बीएमसी चुनाव से पहले ठाकरे बंधुओं के गठबंधन को लेकर राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं.
- उत्तर भारतीय संगठनों ने मुंबई की सड़कों पर पोस्टर्स लगाए जिनमें 'उत्तर भारतीय बंटोगे तो पिटोगे' लिखा था.
- MNS नेता ने उत्तर भारतीय विकास सेना के अध्यक्ष के बयान को मराठी अपमान बताया और आक्रामक प्रतिक्रिया दी.
मुंबई बीएमसी चुनाव से पहले ठाकरे बंधुओं का गठबंधन चर्चा में है. इस बीच MNS नेता संदीप देशपांडे का विवादित बयान सामने आया है. बता दें कि बुधवार को मुंबई की सड़कों पर उत्तर भारतीय संगठनों की ओर से कुछ पोस्टर्स लगाए गए थे, जिनमें लिखा था, "उत्तर भारतीय बंटोगे तो पिटोगे”. विवाद तब बढ़ा जब उत्तर भारतीय विकास सेना के अध्यक्ष सुनील शुक्ला ने एक बयान दिया, जिसे MNS ने मराठी भाषा और मराठी मानुस का अपमान माना.
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'तुम एकजुट भी रहो, तब भी मनसे तुम्हें पीटेगी'
सुनील शुक्ला ने मनसे और राज ठाकरे के संदर्भ में कहा था कि अगर हमें छेड़ा गया, तो ईंट का जवाब पत्थर से नहीं, बल्कि लोहे से दिया जाएगा. उन्होंने उत्तर भारतीय वोट बैंक की ताकत दिखाते हुए कुछ बातें कहीं, जिस पर MNS नेता संदीप देशपांडे ने आक्रामक भाषा में जवाब देते कहा, “जो लोग कह रहे हैं कि 'बंटोगे तो पिटोगे', वे कान खोलकर सुन लें-अगर मराठी का अपमान किया तो "नहीं बंटोगे, तो भी पिटोगे" यानी तुम एकजुट भी रहो, तब भी मनसे तुम्हें पीटेगी.
MNS का बीजेपी पर आरोप
एमएनएस नेता देशपांडे ने कहा की यह सब बीजेपी की सोची-समझी साजिश है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी चुनाव जीतने के लिए उत्तर भारतीय वोट बैंक का ध्रुवीकरण करना चाहती है. इसके लिए वह कुछ नेताओं को जानबूझकर आगे कर रही है. संदीप देशपांडे ने इस विवाद में एक नया शब्द इस्तेमाल किया, “AI जनरेटेड बंदर". उनका ये जुबानी हमला कुछ नेताओं पर था. उन्होंने कहा कि ये असली नेता नहीं हैं, बल्कि बीजेपी द्वारा चुनाव के लिए तैयार किए गए 'बंदर' हैं जो माहौल खराब कर रहे हैं.
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