महाराष्ट्र के गोंदिया जिले के अर्जुनी मोरगांव तहसील के नवेगांव बांध वन परिक्षेत्र अंतर्गत आने वाले जब्बार खेड़ा में अपनी फसल की रखवाली करने वाले किसान पर जंगली हाथी कहर बनकर टूट पड़े. तिड़का गांव के 20- 25 किसान हाथियों को खेत से भगाने का प्रयास करने लगे. इसके लिए किसानों ने ढोल डफली ताशे पटाखे और चिल्लाने की आवाज की. इसी बीच हाथियों के झुंड ने क्रोधित होकर अपनी फसल बचाने का प्रयास करने वाले किसानों पर जानलेवा हमला कर दिया.
इस हमले में सुरेंद्र जेटू कढ़ाईबाघ नामक 52 वर्षीय किसान की मौत हो गई और जोहरू पोरेटी नामक किसान यह जख्मी हो चुका है. 23 हाथियों का झुंड यह पड़ोसी राज्य से गोंदिया जिले की सीमा में गत 24 सितंबर को घुस आया है. इस छोटे बड़े हाथियों के झुंड ने आतंक फैला कर अब तक कई किसानों की फसलें रौंद दी है.
किसान की मौत की सूचना मिलने पर वन विभाग के अधिकारी हरकत में आ गए हैं और वह ग्रामीणों को हाथियों से सतर्क लेने की सलाह दे रहे हैं. इसी बीच गोंदिया जिले के पालक मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने वन विभाग को इस घटना का तुरंत संज्ञान लेने और हाथी के हमले में मरने वाले किसान के परिवार को तत्काल 20 लाख रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं.
इस प्रकरण के संदर्भ में बताया जाता है कि 03 अक्टूबर को जब हाथियों का झुंड नवेगांव राष्ट्रीय उद्यान की ओर बढ़ रहा था, तब नवेगांव राष्ट्रीय उद्यान की सीमा पर स्थित चुटिया गांव के ग्रामीणों ने हाथियों को दूसरी दिशा में खदेड़ दिया. नतीजा यह हुआ कि हाथियों का झुंड फिर तिड़का गांव की ओर मुड़ गया. जब्बरखेड़ा के वन कक्ष क्रमांक 197 के रिजर्व फॉरेस्ट में हाथियों का बिखरा झुंड घूम रहा था. बहरहाल वन विभाग के 60 से 70 कर्मी दिन-रात हाथियों की निगरानी कर रहे हैं तथा पंचनामा बनाकर फसल को हुए नुकसान का तत्काल मुआवजा दिलाने का भी प्रयास किया जा रहा है.
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