
Chhattisgarh State Legal Services Authority: छत्तीसगढ़ में इंसाफ के लिए लंबे वक्त से कोर्ट के चक्कर काट रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है. दरअसल, सालों से अदालतों में लंबित पड़े मामलों के जल्द निपटारे और सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने विशेष मध्यस्थता अभियान की शुरुआत की है. यह अभियान 1 जुलाई से 7 अक्टूबर 2025 तक चलेगा. इस दौरान प्रदेश के सभी जिलों के न्यायालयों में सक्रिय मध्यस्थता केंद्रों के माध्यम से लंबित मामलों का समाधान कराया जाएगा.
अभियान से जुड़ी मुख्य बातें
- अवधि: 7 अक्टूबर 2025 तक किए जाएंगे समाधान
- आयोजक: छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण
- लाभ: समय और धन की बचत, सौहार्दपूर्ण समाधान
- स्थान: सभी जिलों के मध्यस्थता केंद्र
- मामले: पारिवारिक, संपत्ति, मोटर दुर्घटना, किराया विवाद आदि
समय और धन की होगी बचत
अधिकारियों के अनुसार, मध्यस्थता एक प्रभावपूर्ण प्रक्रिया है, जिसमें विवादित पक्ष आपसी संवाद और सहमति से न्यायालय की औपचारिक सुनवाई के बिना ही मामलों को निपटा लेते हैं. इससे समय और धन की बचत होती है और आपसी संबंध भी बेहतर बने रहते हैं. अभियान के दौरान लोगों को जोड़ने के लिए जन-जागरुकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं.
ऐसे मामले निपटाए जाएंगे
अभियान में पारिवारिक विवाद, संपत्ति विवाद, मोटर दुर्घटना दावा, किराया विवाद, आपसी सहमति से तलाक और अन्य सिविल व आपराधिक मामलों को प्राथमिकता दी जाएगी. प्रशिक्षित मध्यस्थ इन मामलों को सुलझाने में पक्षकारों की मदद करेंगे.
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न्यायालयों पर बोझ होगा कम
मध्यस्थता के जरिए समाधान होने से न केवल लोगों को जल्दी राहत मिलेगी, बल्कि न्यायालयों पर मामलों का बोझ भी कम होगा, जिससे न्यायिक प्रणाली के सुचारू संचालन में मदद मिलेगी.
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