'बदलाव और निरंतरता वाला शहर है दिल्ली'
Reported by अमित, Edited by सचिन झा शेखर,दिल्ली भारत की राजधानी के अलावा तेजी से बढ़ता हुआ एक शहर है. इस शहर की अपनी एक संस्कृति है, एक अलग रंग है, एक अलग बनावट है. दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों पर कई किताबे लिखी जा चुकी है. लेकिन पूरे दिल्ली के इतिहास को एक जगह समग्र रुप में नहीं लिखा गया था. दिल्ली विश्वविद्यालय में इतिहास की प्रोफेसर डॉ. मनीषा चौधरी ने दिल्ली के इतिहास पर अपनी एक किताब लिखी है(Delhi A History).
नाट्य समीक्षा : भारत रंग महोत्सव में आज के हालात का स्वाद देने वाले 'सुदामा के चावल'
सूर्यकांत पाठक,भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता की पौराणिक कथा दोस्ती की मिसाल के रूप में उद्धृत की जाने वाली कहानी है. लेकिन इस सीधी सपाट कहानी में सुदामा के चरित्र का कोई प्रतिपक्ष भी हो सकता है. द्वापर युग के सुदामा के चरित्र की यदि कलयुग की परिस्थितियों में कल्पना की जाए तो उसमें आज की दूषित मानसिकता भी दिखाई दे सकती है. कहानी वही है, चरित्र भी वही हैं लेकिन इन चरित्रों का आचार-विचार वह है जो आज के आम जीवन में देखा जाता है. नाटक 'सुदामा के चावल' में इस पौराणिक कथा की प्रभावी प्रस्तुति हुई. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के प्रतिष्ठित आयोजन 'भारत रंग महोत्सव' के तहत रविवार को दिल्ली के कमानी थिएटर में हुई इस शानदार नाट्य प्रस्तुति का प्रेक्षकों ने जमकर आनंद लिया. प्रस्तुति के दौरान हाल कई बार तालियों और ठहाकों से गूंजा.
पद्मश्री से सम्मानित और ‘पहला गिरमिटिया’ के लेखक गिरिराज किशोर का निधन
Reported by भाषा, Edited by शहादत,गिरिराज का जन्म आठ जुलाई 1937 को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फररनगर में हुआ था. उनके पिता ज़मींदार थे. गिरिराज ने कम उम्र में ही घर छोड़ दिया और स्वतंत्र लेखन किया. वह जुलाई 1966 से 1975 तक कानपुर विश्वविद्यालय में सहायक और उपकुलसचिव के पद पर सेवारत रहे तथा दिसंबर 1975 से 1983 तक आईआईटी कानपुर में कुलसचिव पद की जिम्मेदारी संभाली. राष्ट्रपति द्वारा 23 मार्च 2007 में साहित्य और शिक्षा के लिए गिरिराज किशोर को पद्मश्री पुरस्कार से विभूषित किया गया.
इस बार जयपुर में समानांतर साहित्य उत्सव में गांधी और युवाओं पर होंगे विशेष सत्र
Reported by भाषा,आमतौर पर इसका आयोजन जयपुर लिटरेचर फेस्टीवल (JLF) के साथ किया जाता है, लेकिन इस बार यह लगभग एक महीने बाद 21 से 23 फरवरी को होगा. इस बार आयोजन स्थल भी रविंद्र मंच के बजाय जवाहर कला केंद्र का शिल्पग्राम होगा. संघ के मुख्य संयोजक ईशमधु तलवार ने बताया कि इस बार PLF में पांच मंचों पर लगभग सौ सत्र तीन दिन में आयोजित किए जाएंगे.
किताब-विताब : लोक और भाषा के रस में पगा उपन्यास
प्रियदर्शन,एक रंगकर्मी और रंग निर्देशक के रूप में हृषीकेश सुलभ की पहचान इतनी प्रबल रही है कि इस बात की ओर कम ही ध्यान जाता है कि वे बहुत समर्थ कथाकार भी रहे हैं. उनका नया उपन्यास 'अग्निलीक' हमें मजबूर करता है कि हम उन्हें समकालीन उपन्यासकारों की भी प्रथम पंक्ति में रखें.
पुस्तक मेले में सामाजिक कार्यकर्ता व लेखिका शीला डागा की किताब ‘किन्नर गाथा' का लोकार्पण
ख़बर न्यूज़ डेस्क,प्रगति मैदान में चल रहा विश्व पुस्तक मेला रविवार को समाप्त हो गया. इस बार मेले में तमाम नई किताबें आईं और इन पर चर्चा-परिचर्चा हुई.
'विश्व पुस्तक मेले में पाठकों को देखकर किताबों के प्रति भरोसा मजबूत हुआ'
ख़बर न्यूज़ डेस्क,प्रगति मैदान में चल रहा विश्व पुस्तक मेला रविवार को समाप्त हो गया. इस बार मेले में तमाम नई किताबें आईं और इन पर चर्चा-परिचर्चा हुई.
फैज अहमद फैज की नज्म 'हम देखेंगे' पर हुए विवाद के बाद बढ़ी उनकी किताबों की मांग
Reported by IANS,मशहूर पाकिस्तानी शायर फैज अहमद फैज की मशहूर नज्म 'हम देखेंगे' को लेकर छिड़े विवाद ने भले ही साहित्य जगत में उथल-पुथल मचा दी है, लेकिन इससे युवा पीढ़ी के बीच फैज की किताबों की मांग बढ़ गई है. छात्र और युवा पेशेवरों के बीच फैज की जीवनी और नज्मों को बढ़ने को लेकर खासा उत्साह है और पुस्तक विक्रेता फैज की किताबों की सप्लाई के ऑर्डर कर रहे हैं.
किताब अपने आप में एक मुश्किल चीज : कुमार विश्वास
ख़बर न्यूज़ डेस्क,प्रगति मैदान में चल रहे विश्व पुस्तक मेले के आठवें दिन राजकमल प्रकाशन के स्टॉल जलसा घर में कवि कुमार विश्वास ने अपनी किताब फिर मेरी याद पर बातचीत की.
पुस्तक मेले में ‘कश्मीर और कश्मीरी पंडित’ और 'माटी मानुष चून' का लोकार्पण
ख़बर न्यूज़ डेस्क,विश्व पुस्तक मेले के छठवें दिन राजकमल प्रकाशन के ‘जलसाघर' के मंच से अशोक कुमार पांडेय की किताब ‘कश्मीर और कश्मीरी पंडित'का लोकार्पण किया गया. इस किताब में अशोक कुमार पांडेय ने कश्मीर के 1500 साल के कश्मीर के इतिहास और कश्मीरी पंडितों के पलायन को समेटा है.
पुस्तक विमोचन : डिप्रेशन की गुत्थी खोलकर आत्महत्या से बचाने वाली किताब है ‘जीवन संवाद’
Written by सूर्यकांत पाठक,अवसाद और आत्महत्या के विरुद्ध वरिष्ठ पत्रकार दयाशंकर मिश्र की बहुत मशहूर हुई वेबसीरीज 'डियर जिंदगी- जीवन संवाद' किताब की शक्ल में आ गई. रविवार को नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में 'जीवन संवाद' का लोकार्पण किया गया. किताब की शक्ल में आने से पहले इस वेबसीरीज को एक करोड़ से अधिक बार डिजिटल माध्यम में पढ़ा जा चुका है.
दिल्ली पुस्तक मेले में लगा महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय का स्टाल
Edited by अर्चित गुप्ता,नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित विश्व पुस्तक मेले (World Book Fair) में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा द्वारा प्रकाशित पुस्तकों और पत्रिकाओं का स्टाल लगाया गया है. हाल संख्या 12 ए में स्टाल संख्या 174 और 175 में विश्वविद्यालय के पुस्तकों को प्रदर्शित किया गया है. विदित है कि नई दिल्ली में 4 जनवरी से 12 जनवरी तक विश्व पुस्तक मेला चल रहा है जिसमें देश-विदेश के पुस्तक प्रकाशक सम्मिलित हुए हैं.
Faiz Ahmad Faiz: कौन थे फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ जिनकी नज्म को बताया जा रहा है 'हिंदू विरोधी'
Written by अर्चित गुप्ता,मशहूर शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ (Faiz Ahmad Faiz) की कविता 'हम देखेंगे (Hum Dekhenge) लाजिम है कि हम भी देखेंगे' को लेकर बढ़ते विवाद के बाद आईआईटी कानपुर ने एक समिति कठित की है जो यह तय करेगी कि फैज की नज्म हिंदू विरोधी है या नहीं. आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) के छात्रों ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI) के छात्रों के समर्थन में परिसर में 17 दिसंबर को फैज की ये नज्म गाई थी जिसको फैकल्टी के सदस्यों ने 'हिंदू विरोधी' बताया था.
साल 2019: हिंदी साहित्य में इन 10 किताबों का रहा जलवा, रही सबसे ज्यादा लोकप्रिय और चर्चित
Written by शहादत,साल भर किन किताबों की सोशल मीडिया पर चर्चा हुई, समीक्षाएं प्रकाशित हुई, लेकिन ज़ाहिर है कि हज़ारों किताबों में कुछ किताबों को ही चुना जा सकता था. इसलिए एक आधार यह भी रहा कि किताबें अलग-अलग विधाओं की हों, जैसे इस साल हिंदी में कम से कम चार जीवनियां ऐसी आई, जो हिंदी के लिए नई बात रही. इसलिए इस विधा को भी रेखांकित किया जाना ज़रूरी था.
Flashback 2019: साल 2019 की वो 5 चर्चित किताबें, जो आपको जरूर पढ़नी चाहिए...
प्रभात उपाध्याय,हर साल तमाम विधाओं की अनेक किताबें प्रकाशित होती हैं, लेकिन कुछ किताबें लोगों के बीच अपनी खास जगह बना लेती हैं. साल 2019 भी ऐसा ही रहा.
Mirza Ghalib Birth Anniversary: हर दिल अजीज शायर हैं मिर्जा गालिब, जानिए उनके बारे में 6 बातें
Written by सुबोध आनंद गार्ग्य,मिर्जा गालिब न सिर्फ हिंदुस्तान बल्कि पूरे भारतीय उपमहाद्वीप के एक ऐसे लोकप्रिय शायर हैं जिनका रुतबा बहुत ऊंचा है. गालिब की शेरो-शायरी का जिक्र लोग रोजमर्रा की जिंदगी में और बोलचाल की भाषा में करते हैं जो गालिब को हर दिल अजीज बनाता है. गालिब या मिर्जा असदुल्लाह बेग खान का जन्म 27 दिसंबर 1797 को आगरा उत्तर प्रदेश में हुआ था. गालिब के पिता का नाम मिर्जा अबदुल्ला बेग और माता का नाम इज्जत-उत-निसा बेगम था. गालिब सिर्फ 5 साल के थे जब उनके पिता की मृत्यु हो गई.
हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार गंगा प्रसाद विमल का श्रीलंका में सड़क हादसे में निधन
भाषा,हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार गंगा प्रसाद विमल (Ganga Prasad Vimal) तथा उनके दो परिजनों का दक्षिण श्रीलंका में एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया.
युगों का यात्री: साहस ही किसी कवि को बड़ा बनाता है- नागार्जुन
Reported by शहादत,नागार्जुन का जीवन यायावरी का जीवन था. बुढ़ापे में भी वह यह कहते पाए जाते कि जब भी बीमार पड़ूं, किसी ट्रेन का टिकट कटाकर गाड़ी में चढ़ा देना, ठीक हो जाऊंगा. जब वह सरकार की विकास-अवधारणा पर खिसियाते तो कहते कि यदि और कुछ भी करने में सरकार बिलकुल ही नाकाम है तो यही कर दे कि हर नागरिक को देश-भ्रमण करवा दे, इससे कूपमंडूकता तो खत्म होगी. काशी की विद्वत्परंपरा से निकलकर वह आर्यसमाज की तरफ गए, श्रीलंका जाकर बौद्ध बने, उधर से लौटकर आजादी की लड़ाई में शामिल हुए.
'महाबली': इतिहास का वो 'किस्सा', जो असगर वजाहत की कल्पना के हिस्से आया...
Written by अनिता शर्मा,Book Review: कोई भी नाटक देखने या पढ़ने से पहले हम सभी को उसका एक छोटा सा 'ट्रेलर' चाहिए होता है. तो चलिए हम दिखाते हैं आपको असगर वजाहत के नए नाटक महाबली का ये 'ट्रेलर'... तो अपनी कल्पना शक्ति की पेटी बांध लीजिए और सुनिए-
गणेश शंकर विद्यार्थी के जीवन के अनसुने पहलुओं को उकेरती किताब ‘अंतर्वेद प्रवरः गणेश शंकर विद्यार्थी’ का लोकार्पण
Edited by प्रभात उपाध्याय,पुस्तक ‘अंतर्वेद प्रवरः गणेश शंकर विद्यार्थी’ का लोकार्पण शुक्रवार को नई दिल्ली के 10, राजाजी मार्ग पर किया गया. पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को उनके आवास पर लेखक अमित राजपूत ने अपनी किताब की पहली प्रति भेंट की.