ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो (Zomato) को 401.7 करोड़ रुपये की टैक्स लायबिलिटी पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी जीएसटी (GST) नोटिस मिला है. जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) ने डिलीवरी चार्ज पर जीएसटी का भुगतान नहीं करने के लिए ज़ोमैटो और स्विगी को टैक्स नोटिस भेजा था. इस नोटिस में कहा गया था कि डिलीवरी चार्ज सर्विस कैटेगरी के अंतर्गत आते हैं और इसपर कंपनियां 18 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं.
वहीं, डीजीजीआई द्वारा कारण बताओ टैक्स नोटिस मिलने के बाद जोमैटी की तरफ से इसका जवाब दिया गया है. जोमैटो ने कहा कि वह किसी भी टैक्स का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी नहीं है .
ज़ोमैटो ने कहा कि हमारे एक्सटरनल लीगल एंड टैक्स एडवाइडर की राय भी इससे मिलती है. बयान ने ज़ोमैटो ने कहा, "कंपनी कारण बताओ नोटिस का उचित जवाब दाखिल करेगी."
अक्टूबर 2019 से मार्च 2022 तक जुर्माना और ब्याज को लेकर नोटिस
बता दें कि टैक्स अथॉरिटी ने Zomato को डिलीवरी चार्ज पर टैक्स का भुगतान नहीं करने पर अक्टूबर 2019 से मार्च 2022 तक जुर्माना और ब्याज का भुगतान करने के लिए कहा है, जो उसने डिलीवरी पार्टनर्स की ओर से अपने प्लेटफॉर्म के जरिये जुटाया था.
जनवरी 2022 में, जीएसटी परिषद ने फूड डिलिवरी सर्विस पर 5 प्रतिशत टैक्स की घोषणा की और रेस्टोरेंट सर्विस को जीएसटी के दायरे में लाया गया.
टैक्स नोटिस मिलने के बाद जोमैटो के शेयरों में गिरावट
फूड डिलीवरी कंपनी को जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय से 402 करोड़ रुपये का कारण बताओ नोटिस मिलने के बाद गुरुवार को ज़ोमैटो के शेयरों में गिरावट आई.आज के शुरुआती कारोबार में बीएसई पर जोमैटो का शेयर 4 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ गिरकर 121.70 रुपये पर आ गया.
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