नेशनल हेराल्ड केस से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले (National Herald money laundering case) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड अखबार के दफ्तर समेत 10 ठिकानों पर छापेमारी की है. ईडी इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से पूछताछ कर चुकी है. वहीं कांग्रेस का आरोप है कि नेशनल हेराल्ड में कोई अनियमितता या पैसों का लेनदेन नहीं हुआ. मोदी सरकार राजनीतिक लाभ के लिए गांधी परिवार को परेशान कर रही है. फिलहाल आज हम आपको बताते हैं कि नेशनल हेराल्ड केस क्या है, जिसको लेकर ईडी सोनिया आर राहुल गांधी से पूछताछ कर चुकी है.
क्या है नेशनल हेराल्ड केस
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू समेत कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने साल 1938 में एसोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड (Associate Journal Limited) नाम से एक कंपनी बनाई थी, जो नेशनल हेराल्ड (National Herald) नाम से एक अखबार प्रकाशित करती थी. ये कंपनी अखबार प्रकाशित करती थी, इसलिए इसे कई शहरों में सस्ते दामों पर सरकारों से जमीनें मिली थीं.
क्या है सोनिया- राहुल गांधी पर आरोप
सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर आरोप है कि इन्होंने यंग इंडिया लिमिटेड कंपनी बनाई, जिसका मकसद कारोबार करना नहीं था, बल्कि वो इस कंपनी के जरिए एसोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को खरीदकर उसकी 2 हज़ार करोड़ रुपये की संपत्ति को अपने नाम पर करना चाहते थे. साल 2011 में ऐसा ही हुआ. उस समय सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कंपनी यंग इंडिया लिमिटेड ने एसोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को टेकओवर कर लिया. इस तरह केवल 50 लाख रुपये चुकाकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी 2 हजार करोड़ रुपये की संपति के मालिक बन गये.
कांग्रेस ने इस मामले में क्या कहा?
इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नेशनल हेराल्ड को गौरवशाली अतीत बताया. कहा कि अंग्रेजी हुकूमत को उखाड़ने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने साल 1937 में 'नेशनल हेराल्ड' अखबार निकाला था. अंग्रेजों को इस अखबार से इतना खतरा महसूस हुआ कि उन्होंने साल 1942 में 'भारत छोड़ो आंदोलन' के दौरान नेशनल हेराल्ड पर प्रतिबंध लगा दिया, जो साल 1945 तक जारी रहा.
सुरजेवाला ने कहा कि आज फिर उस अंग्रेजी हुकूमत का समर्थन करने वाली विचारधारा 'आज़ादी के आंदोलन की आवाज़' दबाने का षडयंत्र कर रही है. इस षडयंत्र के मुखिया स्वयं प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी हैं. उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में अब प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्षा, सोनिया गांधी व राहुल गांधी को परेशान करने के लिए ईडी से नोटिस जारी करवाया है. लेकिन हम ऐसी नोटिस से डरने वाले नहीं हैं. इसका जमकर मुकाबला करेंगे.
कैसे हुआ था खुलासा
साल 2012 में बीजेपी नेता और वरिष्ठ वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्रायल कोर्ट में एक याचिका दायर कर आरोप लगाया कि कुछ कांग्रेसी नेताओं ने गलत तरीके से यंग इंडियन लिमिटेड (वाईआईएल) के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) का अधिग्रहण किया है. स्वामी का आरोप था कि ये सारा काम दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित ‘हेराल्ड हाउस' की 2000 करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया है.
7 साल से जमानत पर बाहर हैं सोनिया-राहुल
नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नाडिस के अलावा सुमन दूबे और सैम पित्रोदा को आरोपी बनाया गया था. इन आरोपियों में से मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नाडिस की साल 2020 और 2021 में मौत हो चुकी है. बाकी सभी आरोपियों को दिसंबर 2015 में इस मामले में निचली अदालत से जमानत मिल गई थी. साल 2014 में प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले की मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच शुरू की. 18 सितंबर 2015 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड केस को जांच के लिए फिर से खोल दिया था.
राहुल और सोनिया से पहली बार होगी पूछताछ
नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया और राहुल गांधी से पहली बार पूछताछ होगी. इस मामले में दोनों 2015 से जमानत पर हैं. ईडी ने कुछ समय पहले ही इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन बंसल से पूछताछ की थी. ईडी के बड़े अधिकारी का कहना है कि मामले में आगे की कार्रवाई के लिए मामले से जुड़े लोगों से पूछताछ जरूरी है.
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