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रणथंभौर में दहशत के वो 90 मिनट, बाघों के बीच पर्यटकों को अंधेरे में छोड़कर भागा गाइड

पर्यटकों ने आरोप लगाया कि उन्हें बार-बार कहा गया कि विभाग जिम्मेदार नहीं है. मामले को गंभीर मानते हुए रणथंभौर टाइगर रिजर्व के पर्यटन डीएफओ प्रमोद धाकड़ ने कड़ी कार्रवाई की है.

रणथंभौर में दहशत के वो 90 मिनट, बाघों के बीच पर्यटकों को अंधेरे में छोड़कर भागा गाइड
  • सवाई माधोपुर के रणथंभौर नेशनल पार्क में टाइगर जोन में सफारी के दौरान कैंटर अचानक जंगल के बीच खराब हो गया था.
  • कैंटर में सवार पर्यटकों को गाइड ने जंगल में छोड़ दिया और वापस आने का वादा कर अपशब्द भी कहे थे.
  • पर्यटक शाम छह से साढ़े सात बजे तक अंधेरे में फंसे रहे, मदद के लिए बार-बार गुहार लगाई गई थी.
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जयपुर:

सवाई माधोपुर राजस्थान के सवाई माधोपुर रणथंभौर नेशनल पार्क में पर्यटकों की सुरक्षा से जुड़ी बड़ी लापरवाही सामने आई है. जोन नंबर-6 में  टाइगर से भरे जंगल के भी बीच सफारी के दौरान पर्यटकों से भरा एक कैंटर अचानक जंगल के बीच खराब हो गया. इस कैंटर में महिला और बच्चे भी सवार थे. आरोप है कि कैंटर में मौजूद गाइड पर्यटकों को यह कहकर जंगल में छोड़ गया कि वह दूसरा कैंटर लेकर आ रहा है लेकिन जाते-जाते अपशब्द भी बोल गया. इसके बाद पर्यटक शाम 6 बजे से 7:30 बजे तक अंधेरे और डर के माहौल में फंसे रहे. एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें अंधेरे में बच्चे मोबाइल की रोशनी में बैठे दिखाई दे रहे हैं और रोने की आवाज सुनाई दे रही है.

समय पर नहीं मिली मदद 

पर्यटकों का कहना है कि मदद के लिए उन्होंने बार-बार गुहार लगाई लेकिन वन विभाग की ओर से समय पर मदद नहीं पहुंची. अंततः एक पर्यटक दूसरी जिप्सी में सवार होकर राजबाग नाका चौकी तक पहुंचा और वहां से साधन लेकर बाकी पर्यटकों को बाहर निकाला. शिकायत के बाद वन विभाग ने करीब ढाई घंटे की देरी से बिना लाइट वाला कैंटर भेजा, जिसे ड्राइवर टॉर्च की रोशनी में लेकर आया. घटना के बाद पर्यटकों और राजबाग नाका चौकी पर तैनात वनपाल विजय मेघवाल के बीच बहस भी हुई.

क्‍या बोले टूरिस्‍ट्स  

पर्यटकों ने आरोप लगाया कि उन्हें बार-बार कहा गया कि विभाग जिम्मेदार नहीं है. मामले को गंभीर मानते हुए रणथंभौर टाइगर रिजर्व के पर्यटन डीएफओ प्रमोद धाकड़ ने कड़ी कार्रवाई की है. आदेश जारी कर कैंटर गाइड मुकेश कुमार बैरवा (द्वितीय), कैंटर चालक कन्हैया, शहजाद चौधरी और लियाकत अली पर आगामी आदेशों तक पार्क प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. डीएफओ ने आदेश में कहा कि 16 अगस्त की शाम की पारी में कैंटर संख्या आरजे25-पीए-2171 जंगल में खराब हो गया. वेटिंग ड्यूटी पर मौजूद कैंटर संख्या आरजे25-पीए-2230 नियमानुसार गेट पर उपलब्ध नहीं था और काफी देर से पहुंचा. वहीं गाइड मुकेश कुमार बैरवा पर्यटकों को जंगल में छोड़कर बाहर निकल गया और अन्य चालक भी वनाधिकारियों के निर्देशों का पालन नहीं कर पाए. 

पार्क में एंट्री हुई बैन 

इस बीच रणथंभौर टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर और चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट्स (CCF) अनूप के.आर. ने कहा कि पार्क में पर्यटकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने स्पष्ट किया कि नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी भी गाइड या चालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इसी लापरवाही के चलते चारों को रणथंभौर पार्क में प्रवेश से प्रतिबंधित कर दिया गया है. 
 

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