उत्तराखंड के धराली में मंगलवार को आई आपदा ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है. पहाड़ से आए भयानक सैलाब में पूरा का पूरा गांव मलबे के ढेर में बदल गया. इस दुखद घटना के बाद सामने आ रही तस्वीरें और वीडियो बहुत ही डरावनी हैं. हादसे की जगह पर अभी भी बड़े पैमाने पर राहत और बचाव अभियान जारी है. बताया जा रहा है कि मलबे में अभी भी कई और लोग दबे हो सकते हैं. ITBP, NDRF और SDRF की कई टीमें बिना रुके लगातार लोगों को बचाने का काम कर रही हैं.

आपदा की एक्सक्लूसिव तस्वीरें
उत्तरकाशी में 5 अगस्त को आई आपदा की कुछ एक्सक्लूसिव तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें हर्षिल में भागीरथी नदी का विकराल रूप साफ देखा जा सकता है. इन तस्वीरों से पता चलता है कि बादल फटने से नदी में अचानक सैलाब आ गया, जिससे भारी तबाही हुई.

नया वैली ब्रिज बनाया जाएगा
गंगनानी में पुल बह जाने के बाद, उसकी जगह एक नया वैली ब्रिज बनाया जाएगा. बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) की टीम ने पुल बनाने का सामान मौके पर पहुंचा दिया है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा.
वहीं, उत्तराखंड शासन के लोक निर्माण विभाग के अपर सचिव विनीत कुमार ने एनडीटीवी से खास बातचीत में बताया कि सड़कों की मरम्मत जल्द ही पूरी कर ली जाएगी ताकि यातायात फिर से शुरू हो सके. उन्होंने यह भी कहा कि गंगनानी में पुल का निर्माण भी बीआरओ की टीम जल्दी ही कर देगी.

हर्षिल में सेना के कैंप में भी भारी तबाही
बादल फटने से धराली गांव के साथ-साथ हर्षिल में सेना के कैंप में भी भारी तबाही हुई है. वायरल वीडियो में दिख रहा है कि सैलाब अपने साथ सेना के वाहन और पूरे कैंप को बहा ले गया. इस आपदा से कैंप को कितना नुकसान हुआ है, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है. आशंका जताई जा रही है कि इस हादसे में कई जवान लापता हो गए हैं. हर्षिल में सेना की 14 राजरिफ़ यूनिट तैनात है.

गंगोत्री नेशनल हाईवे का 30 मीटर हिस्सा धंस गया
कहर से यहां भी गंगोत्री नेशनल हाईवे का 30 मीटर हिस्सा धंस गया है. सड़क टूटी हुई है, आगे कई जगहों पर खाई बन चुकी है. जहां से रेस्क्यू टीमें यहां से आगे नहीं बढ़ पा रहीं. भटवारी से लगभग 50 किलोमीटर दूर घरावी गांव में राहत सामग्री पहुंचानी है, लेकिन रास्ता मौत का जाल बन चुका है. बारिश के बाद भूस्खलन हुआ है, जिस वजह से रास्ता ब्लॉक हो गया है.

हर्षिल घाटी में स्थित धराली गांव में खीरगंगा नदी में अचानक सैलाब आ गया. इस सैलाब के साथ पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा भी आया, जिससे पूरा गांव तबाह हो गया. इसी आपदा के कारण हर्षिल के हेलीपैड पर एक अस्थायी झील बन गई है. वहीं, गंगोत्री नेशनल हाईवे पर कई जगह भूस्खलन और सड़कें टूटने से भारी नुकसान हुआ है. खासकर गगनानी में पुल टूट जाने से हर्षिल और धराली तक पहुंचने में काफी दिक्कत आ रही है. फिलहाल, सड़कों को ठीक करने का काम जारी है.
रेस्क्यू ऑपरेशन में वायुसेना के चिनूक और एमआई-17 सहित कुल 6 हेलीकॉप्टर, राज्य सरकार की ओर से युकाड़ा द्वारा तैनात किए गए हैं. इसके अतिरिक्त, 2 अन्य हेलीकॉप्टर लगाए जा रहे हैं और अगले दिन से कुल 8 हेलीकॉप्टर को ऑपरेशन में लगाया जाएगा. सेना के एचएएल और चीता हेलीकॉप्टरों के जरिए भी सुबह 7 बजे से ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है.
अब तक 230 लोगों का रेस्क्यू किया गया है, जिनमें से 230 को हेलीकॉप्टर के माध्यम से जौलीग्रांट पहुंचाया गया है, जबकि अन्य को सड़क मार्ग से उनके गंतव्य तक भेजा जा रहा है. रेस्क्यू किए गए 13 घायलों को मातली अस्पताल लाया गया, जिनमें से 3 को गंभीर स्थिति में एम्स ऋषिकेश, 2 को मिलिट्री हॉस्पिटल देहरादून और 8 को जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी में भर्ती कराया गया है.
इस आपदा में अब तक 2 लोगों के शव बरामद किए गए हैं, जबकि 9 सैन्यकर्मी और 7 आम नागरिक अभी भी लापता हैं. राहत कार्य में तेजी लाने के लिए आईसीपी धराली अब फंक्शनल हो चुकी है और एनडीआरएफ का क्विक रिस्पॉन्स यूनिट भी सक्रिय किया जा रहा है.
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