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This Article is From Mar 25, 2021

UP पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी, आरक्षण पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि साल 2015 को आधार मानते हुए सीटों पर आरक्षण लागू किया जाए. इसके पूर्व राज्य सरकार ने कहा कि वह साल 2015 को आधार मानकर आरक्षण व्यवस्था लागू करने के लिए तैयार है. 

UP पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी, आरक्षण पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती
याचिका में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव (UP Panchayat Election) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक और याचिका दाखिल की गई है. गोरखपुर के रहने वाले अखिलेश प्रजापति, अमेठी के शिवनंदन और चित्रकूट के उत्तम सिंह ने याचिका दाखिल की है. याचिका में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कुछ दिन पहले ही पुरानी आरक्षण सूची पर रोक लगाते हुए 2015 के आधार पर चुनाव कराने को लेकर फैसला सुनाया था. 

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि साल 2015 को आधार मानते हुए सीटों पर आरक्षण लागू किया जाए. इसके पूर्व राज्य सरकार ने कहा कि वह साल 2015 को आधार मानकर आरक्षण व्यवस्था लागू करने के लिए तैयार है. 

वहीं, उत्तर प्रदेश राज्‍य निर्वाचन आयोग ने सोमवार को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए आवश्यक दिशानिर्देश जारी करते हुए सभी जिलाधिकारियों/ जिला निर्वाचन अधिकारियों को पत्र भेजा है. पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों को पांच से अधिक लोगों के समूह में प्रचार करने की छूट नहीं मिलेगी. 

आयोग ने नामांकन पत्रों के दाखिल करने के लिए आने वाले उम्मीदवारों के लिए सेनेटाइजर, साबुन और पानी के इंतजाम के साथ मास्‍क लगाने और सुरक्षित दूरी पर जोर दिया है, साथ ही यह तय किया है कि निर्वाचन अधिकारी के कक्ष में एक बार में एक ही व्यक्ति (उम्मीदवार) जाए. 

(भाषा के इनपुट के साथ)

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