सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जस्टिस एनवी रमना (Justice NV Ramana) के खिलाफ आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी (Jagan Mohan Reddy) के आरोपों को बुधवार को खारिज कर दिया. शीर्ष न्यायालय ने इन हाउस प्रक्रिया में 6 अक्टूबर 2020 की आंध्र के मुख्यमंत्री की चिट्ठी में लगाए आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इन हाउस प्रक्रिया गोपनीय रहती है इसलिए उसका विवरण नहीं दिया जाता.
आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एनवी रमन्ना पर गंभीर आरोप लगाते हुए CJI जस्टिस एस ए बोबडे को पिछले साल अक्टूबर में पत्र लिखा था. उन्होंने आरोप लगाया था कि जस्टिस एनवी रमना आंध्र प्रदेश में चुनी हुई सरकार के खिलाफ काम कर रहे थे. सत्ताधारी दल वाईएसआर कांग्रेस के विधायकों के खिलाफ लंबित मुकदमों में तेजी लाने के आदेश का हवाला देते हुए रेड्डी ने आरोप लगाया कि जज विपक्षी पार्टी टीडीपी और पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की ओर से काम कर रहे हैं.
इस मामले में रेड्डी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई थी. इसमें सुप्रीम कोर्ट से रेड्डी को मुख्यमंत्री पद से हटाने के आदेश देने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया था कि जगन मोहन रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट के जज एनवी रमना के खिलाफ 6 अक्टूबर 2020 को सीजेआई को एक आधिकारिक पत्र भेजने के बाद सार्वजनिक और मीडिया में जस्टिस रमना और हाईकोर्ट के जजों पर आंध्र प्रदेश राज्य के मामलों में कथित प्रभाव और भागीदारी का आरोप लगाया जो कि अपने पद का दुरुपयोग है.
वीडियो: जगन मोहन रेड्डी ने चंद्रबाबू नायडू के सारे क़रारों के रिव्यू का आदेश दिया
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