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इनकम बंद हो गई है... केंद्रीय मंत्री ने की इस्तीफे की पेशकश, फिर करना चाहते हैं एक्टिंग

अभिनेता से नेता बने गोपी ने कहा कि वह राज्य के सबसे युवा भाजपा सदस्यों में से एक हैं  और उन्होंने सुझाव दिया कि राज्यसभा सांसद सी सदानंदन मास्टर को उनके स्थान पर केंद्रीय मंत्री नियुक्त किया जाए.

इनकम बंद हो गई है... केंद्रीय मंत्री ने की इस्तीफे की पेशकश, फिर करना चाहते हैं एक्टिंग
  • केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने अभिनय करियर जारी रखने की इच्छा जताई है और फिल्मी दुनिया में वापसी चाहते हैं.
  • गोपी ने बताया कि मंत्री बनने के बाद उनकी आय में काफी कमी आई है और उन्हें अतिरिक्त कमाई की आवश्यकता है
  • सुरेश गोपी ने सुझाव दिया कि नेता सदानंदन मास्टर को उनके स्थान पर केंद्रीय मंत्री नियुक्त किया जाना चाहिए
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केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने एक्टिंग में वापसी की इच्छा जताई है और कहा है कि वह अपना फिल्मी करियर जारी रखना चाहते हैं.कन्नूर में एक कार्यक्रम में त्रिशूर के सांसद और अभिनेता से नेता बने गोपी ने कहा कि मंत्री पद संभालने के बाद से उनकी आय में काफी कमी आई है. उन्होंने कहा कि मैं सचमुच अभिनय जारी रखना चाहता हूं. मुझे और कमाई करनी है, मेरी इनकम पूरी तरह से बंद हो गई है.

अभिनेता से नेता बने गोपी ने कहा कि वह राज्य के सबसे युवा भाजपा सदस्यों में से एक हैं  और उन्होंने सुझाव दिया कि राज्यसभा सांसद सी सदानंदन मास्टर को उनके स्थान पर केंद्रीय मंत्री नियुक्त किया जाए.

उन्होंने कहा कि मैंने कभी भी मंत्री बनने के लिए प्रार्थना नहीं की. चुनाव से एक दिन पहले मैंने पत्रकारों से कहा था कि मैं मंत्री नहीं बनना चाहता, मैं अपना सिनेमा जारी रखना चाहता हूं.

केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री ने कहा कि मैंने अक्टूबर 2008 में पार्टी की सदस्यता ली थी. मैं लोगों द्वारा चुना गया पहला सांसद था और पार्टी को लगा कि मुझे मंत्री बनाना चाहिए.

इस वर्ष की शुरुआत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कन्नूर से भाजपा के वरिष्ठ नेता सदानंदन मास्टर को राज्यसभा के लिए नामित किया था. बता दें कि कन्नूर जिले के भाजपा के वरिष्ठ नेता सदानंदन मास्टर राजनीतिक हिंसा के शिकार रहे हैं. 1994 में माकपा कार्यकर्ताओं के एक कथित हमले में उन्होंने अपने दोनों पैर गंवा दिए थे.

इस बीच कन्नूर में आयोजित कार्यक्रम में अपने संबोधन में सुरेश गोपी ने आरोप लगाया कि कई लोगों ने उनकी बातों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की आदत हो गई है. उन्होंने बताया कि उनके निर्वाचन क्षेत्र त्रिशूर के लोगों के लिए "प्रजा" शब्द का प्रयोग करने पर उनकी आलोचना हुई. गोपी ने कहा कि प्रजा शब्द का प्रयोग करने में क्या गलत है?
 

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