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This Article is From Jul 25, 2022

चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा उद्धव ठाकरे गुट, समझें पूरा मामला

चुनाव आयोग ने टीम ठाकरे और एकनाथ शिंद गुट से 'शिवसेना' पर अपना अधिकार साबित करने को लेकर दस्तावेज देने को कहा है. चुनाव आयोग ने इसके लिए दोनों ही गुट को 8 अगस्त तक का समय दिया है.

उद्धव ठाकरे ग्रुप चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

महाराष्ट्र में शिवसेना ( Shiv Sena) के बीच खींचतान नया रूप लेती दिख रही है. चुनाव आयोग के आदेश को लेकर उद्धव ठाकरे  शिवसेना गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. ‘असली' शिवसेना के रूप में मान्यता के लिए एकनाथ शिंदे-गुट की याचिका पर चुनाव आयोग की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की है. उद्धव गुट का कहना है कि चुनाव आयोग यह निर्धारित नहीं कर सकता कि बागी विधायकों की अयोग्यता पर फैसला होने तक असली शिवसेना कौन है. चुनाव आयोग के शिंदे गुट और उद्धव गुट को शिवसेना के अधिकार के दावे दस्तावेज़ के साथ 8 अगस्त तक दाखिल करने के आदेश को चुनौती दी. उद्धव गुट  चुनाव आयोग के आदेश को असंवैधानिक और जल्दबाज़ी में लिया फैसला करार दे रहा है. ठाकरे ग्रुप के शिवसेना महासचिव सुभाष देसाई ने याचिका दायर की है.

याचिका में कहा है कि शिंदे गुट "अवैध रूप से संख्या बढ़ाने और संगठन में कृत्रिम बहुमत बनाने" की कोशिश कर रहा है. मुद्दा पहले से ही  सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है. यदि चुनाव आयोग इस मामले पर आगे बढ़ता है तो यह "अपूरणीय क्षति" का कारण बनेगा, जो मामला अदालत  के समक्ष विचाराधीन है,  उसमें जांच करना न्यायिक कार्यवाही में हस्तक्षेप के बराबर है. इस तरह ये अदालत की अवमानना के बराबर है 

बता दें कि चुनाव आयोग ने दोनों गुटों से पार्टी के अंदर चले रहे विरोध की वजहों का ब्योरा भी लिखित में देने को कहा गया है. इससे पूर्व चुनाव आयोग को लिखे एक पत्र में राज्य के सीएम एकनाथ शिंदे और उनके साथी विधायकों ने अपने साथ शिवसेना के 40 विधायक और 12 सांसदों के होने का दावा किया है. 

बता दें कि कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना पार्टी पर दावा ठोंक दिया था. एकनाथ शिंदे जिस तरह तेजी से बढ़ रहे हैं उससे लगता है कि जल्द ही वो तीर-कमान पर अपना कब्जा जमा लेंगे. एकनाथ शिंदे ने चुनाव आयोग को लिखा था कि उद्धव ठाकरे द्वारा नियुक्त शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी (National Executive) भंग कर दी गई है और उन्होंने एक नई कार्यकारिणी का गठन किया है. गौरतलब है कि, BJP की मदद से एकनाथ शिंदे ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के खिलाफ तख्तापलट का नेतृत्व किया था. उद्धव को सत्ता से बेदखल कर खुद महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बने थे.

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