विज्ञापन
This Article is From Apr 20, 2017

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, क्या यह जरूरी है कि दूसरे धर्म के व्यक्ति से शादी करके महिला भी पति का धर्म अपनाए?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, क्या यह जरूरी है कि दूसरे धर्म के व्यक्ति से शादी करके महिला भी पति का धर्म अपनाए?
सुप्रीम कोर्ट ने अन्य धर्म के व्यक्ति से शादी के बाद महिला के धर्म परिवर्तन पर सवाल उठाया है.
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
हिंदू व्यक्ति से शादी करने वाली पारसी महिला की याचिका पर सुनवाई
पारसी ट्रस्टियों ने कहा कि महिला अब पारसी नहीं रही
कोर्ट ने याचिका पर अगस्त के पहले हफ्ते में सुनवाई करने को कहा
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि क्या यह जरूरी है कि दूसरे धर्म के व्यक्ति से शादी करने पर महिला को भी पति का धर्म ही अपनाना पड़े. इतिहास में कई किस्से हैं कि दो अलग-अलग धर्मों के होने के बावजूद महिला-पुरुष ने एक-दूसरे से विवाह किया लेकिन दोनों अपने-अपने धर्म को मानते रहे. यहां सवाल महिला की अपनी पहचान का है. इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने एक पारसी महिला की याचिका पर अगस्त के पहले हफ्ते में सुनवाई करने को कहा है.

दरअसल महिला ने याचिका में कहा है कि वह पारसी है लेकिन उन्होंने हिंदू से शादी की है. उनके पिता 80 साल के हैं और उन्हें पता चला कि अगर पारसी महिला दूसरे धर्म में शादी कर ले तो उसे पति के धर्म का ही मान लिया जाता है. पारसी मंदिर में पूजा के अलावा अंतिम संस्कार के लिए पारसियों के टावर आफ साइलेंस में भी प्रवेश नहीं करने दिया जाता.

इसके बाद उन्होंने पारसी ट्रस्टियों से बात की तो कहा गया कि वह अब पारसी नहीं रही. स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत पति के धर्म में परिवर्तित हो गई हैं. महिला इस मामले को लेकर गुजरात हाईकोर्ट गईं लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी. इसके बाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. गुरुवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने सवाल उठाया कि इस मामले को देखा जाए तो यहां महिला की अपनी पहचान के दो मामले  हैं. पहला जन्म की पहचान और दूसरी शादी के बाद उसकी व्यक्तिगत पहचान.  

हालांकि पारसी पंचायत की दलील थी कि यह स्पेशल मैरिज एक्ट का मामला नहीं बल्कि पारसी पर्सनल लॉ का है और यह करीब 35 सौ साल पुरानी प्रथा है. इस संबंध में सारे दस्तावेज और सबूत मौजूद हैं.  बेंच ने कहा कि ये सबूत और दस्तावेज कहां से आए हैं. इस मामले को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और इससे जुड़े तमाम अदालती आदेशों को भी देखना चाहिए.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com