हेट स्पीच के आरोपी जीतेंद्र नारायण त्यागी उर्फ सैयद वसीम रिजवी और यति नरसिंहानंद को गिरफ्तार करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इंकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप किसी को गिरफ्तार करने के लिए कह रहे हैं, क्या जनहित याचिका में कार्यवाही की जाए? मान लीजिए हम अनुमति देते हैं तो ट्रायल का क्या होगा ? आप कार्रवाई की मांग कर रहे हैं लेकिन किसी भी फोरम में नहीं गए. आप सीधे सुप्रीम कोर्ट चले आए. सुप्रीम कोर्ट ने सैयद वसीम रिजवी और यति नरसिंहानंद की गिरफ्तारी की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए ये बात कही.
याचिका में रिज़वी द्वारा लिखित पुस्तक "मुहम्मद" पर प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ दोनों को इस्लाम विरोधी, कुरान विरोधी या पैगंबर विरोधी टिप्पणी नहीं करने का निर्देश देने की प्रार्थना की गई है. CJI यू यू ललित ने कहा कि इस याचिका पर सुनवाई नहीं कर सकते हैं. बेहतर होगा कि वो इसे वापस ले लें.
आरोपी ने अपनी जान को खतरा बताया
वहीं हरिद्वार में घृणा भाषण देने के आरोपी जीतेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने दावा किया है कि उनकी जिंदगी खतरे में हैं और उन्हें आत्मघाती हमले में मारा जा सकता है. हिंदू धर्म स्वीकार करके जीतेंद्र नारायण त्यागी बने आरोपी ने बुधवार को कहा कि जब वह जेल में थे तो हरिद्वार के ज्वालापुर के कुछ बदमाशों की उनका ‘सर कलम करने' की योजना बनाई थी. हालांकि, उन्होंने कहा कि कारागर के सख्त नियमों की वजह से बदमाश सफल नहीं हो पाए. त्यागी ने कहा कि उन्हें अपने जीवन पर मंडरा रहे खतरे की कोई चिंता नहीं है. उन्होंने कहा कि वह सनातन धर्म में विश्वास करते हैं और अपनी अंतिम सांस तक उसके लिए संघर्ष करेंगे. (भाषा इनपुट के साथ)
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