Maharashtra: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA)द्वारा दर्ज टेरर फंडिंग (Terror funding) मामले की जानकारी सदन में रखी. पूर्व सीएम ने स्पष्ट किया कि एनआईए 1993 बम धमाकों की जांच नही कर रही है बल्कि यहां पर मनी लांड्रिंग के जरिए जो टेरर फंडिंग हो रही है उसकी जांच कर रही है और उसमें ये सब जानकारी सामने आई है.फडणवीस के मुताबिक, ड्रग और मानव तस्करी से जुड़ा ये गिरोह 8 राज्यों में सक्रिय है और 300 से अधिक लोग इसमें शामिल हैं. उन्होंने बताया कि पुणे का रहने वाला आरोपी अंबर अब मीरा भायंदर में रहने लगा है और कई लोगों से ठगी कर चुका है.
वर्तमान में एक फर्जीवाड़े के आरोप में ठाणे सेंट्रल जेल में बंद है. शफीक अंसारी उसका सहयोगी है और वह भी ठाणे जेल में है. अंबर हवाला एजेंट भी है. दाऊद इब्राहिम के लिए मनी लॉन्ड्रिंग करने वाले अली हसन उर्फ बाबा के साथ उसका करीबी रिश्ता है.उसकी प्रेमिका का नाम तिया सुनार है, जो जम्मू की रहने वाली है. उसके पास भारत में रहने के लिए वैध दस्तावेज नहीं हैं. वह फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 1990 से कश्मीर में हिंदू बनकर रह रही है. बार डांसर के रूप में काम करती है. आंध्र और बंगाल जैसे राज्यों में एजेंटों की नियुक्ति में उसका हाथ था. उसने कबूल किया है कि उसके कई सहयोगियों के बैंक खातों से पैसे ट्रांसफर किए गए थे.
फडणवीस के अनुसार, तिया सुनार से नीलेश शेट्टी के करीबी रिश्ते हैं. नीलेश एक डांस बार का मालिक है. विक्रम मलकानी, डॉन ब्रेगेंज़ा और अन्य के माध्यम से रूसी, यूक्रेनी गिरोहों से उसके संबंध हैं. अर्पित चतुर्वेदी अंबर का पारिवारिक मित्र है. पहले पुणे और अब नोएडा से काम करता है. दुबई में नियमित रूप से यात्रा करता है. इसके ATM लोकेशन अधिकांश मुस्लिम क्षेत्रों से नकद जमा होने का संकेत देते हैं. उसका सीडीआर देखने के बाद सबसे ज्यादा फोन घाना, बेल्जियम से आए हैं. बैंक खाता और केवाईसी दस्तावेज दूसरे के नाम से है. इसी तरह प्रत्युष कुमार सिंह बिहार के रहने वाला है..नेपाल, पिपरिया, बंगाल की सीमा पर इसके संपर्क है. वह नियमित रूप से नेपाल की यात्रा करता है. उसने मामले को दबाने के लिए बहुत पैसा खर्च किया और वह ऐसा करने में सफल रहा. ये दोनों प्रत्यूष कुमार सिंह के संपर्क में थे. उनमें से एक निशा सिंह, फिरोज काजी के संपर्क में थी. यह जम्मू-कश्मीर में सक्रिय 35 लोगों की कड़ी है.
इसी क्रम में आगे बताया गया कि निखिल कस्बे एक पेशेवर हैकर है. वह बैंक में केवाईसी, इलेक्ट्रॉनिक सबूत नष्ट करने, डार्क नेट का इस्तेमाल करने जैसे सारे काम करता है. उसका लिंक सलीम मर्चेंट के आसपास जाता है, जो डेविड के लिए काम करता है. फडणवीस ने आगे कहा कि अब आप सोच रहे होंगे कि इतने लोगों को सदन में पेश करने का क्या कारण है? कारण है क्योंकि ये एक पेशेवर गिरोह है, इसके 300 से अधिक सदस्य हैं और यह 8 राज्यों में संचालित होता है.
जैसे-जैसे जांच गहरी हुई, यह पता चला कि नशीले पदार्थों और यौन तस्करी में शामिल थे. फर्जीवाड़े का भी अंदेशा है. इसके कुछ संपर्क ISIS से भी हैं.यह एक गंभीर मसला है. इसलिए एनआईए ने टेरर फंडिंग का मामला दर्ज कर जांच कर रही है.
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