हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने बुधवार को कहा कि चुनावों में टिकटों के आवंटन के दौरान नेताओं की नाराजगी सामान्य बात है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बातचीत के जरिए मामले को सुलझाने की कोशिश कर रही है. पिछले महीने राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में मतदान करने वाले और 23 मार्च को पार्टी में शामिल होने वाले कांग्रेस के छह बागियों को पार्टी आलाकमान द्वारा टिकट दिए जाने के बाद भाजपा में बगावत का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी ने इस मुद्दे का समाधान निकालने के लिए कई कार्यकर्ताओं और नेताओं से बातचीत की है.
उन्होंने कहा, ‘‘हम अपना पक्ष उन तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. हम उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं और उनसे अपने फैसले पर दोबारा विचार करने के लिए कह रहे हैं.''
भाजपा ने मंगलवार को लाहौल और स्पीति से कांग्रेस के बागी रवि ठाकुर, धर्मशाला से सुधीर शर्मा, सुजानपुर से राजिंदर राणा, बड़सर से इंदर दत्त लखनपाल, गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ से देविंदर कुमार भुट्टो को उम्मीदवार बनाया है.
मरकंडा जय राम ठाकुर के नेतृत्व वाली पिछली भाजपा सरकार के दौरान कृषि और जनजातीय विकास मंत्री थे. उन्होंने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा' से कहा था, ‘‘मैंने आज अपने समर्थकों के साथ भाजपा छोड़ दी है और निश्चित रूप से विधानसभा चुनाव लड़ूंगा.''
भाजपा नेता एवं पूर्व ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने भी पार्टी द्वारा उनकी जगह कांग्रेस के बागी देविंदर कुमार भुट्टो को टिकट दिये जाने पर नाराजगी व्यक्त की और कहा है कि इस फैसले की समीक्षा की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी हर चीज से ऊपर है लेकिन मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लोग निराश हैं और चाहते हैं कि क्षेत्र में नए सिरे से सर्वेक्षण कराकर पार्टी के फैसले की समीक्षा की जानी चाहिए. भुट्टो ने पिछले 15 महीनों में एक तानाशाह की तरह काम किया है और उन्होंने लोगों का भरोसा खो दिया है.''
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