सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार से गैरकानूनी गतिविधि रोकाथाम कानून (UAPA) के तहत गिरफ्तार पत्रकार सिद्दीक कप्पन का मेडिकल रिकॉर्ड मांगा है. इस मामले पर बुधवार को सुनवाई होगी. उत्तर प्रदेश सरकार ने याचिका का विरोध किया और कहा कि नियमित जमानत याचिका दाखिल हो, कप्पन की ओर से कहा गया कि उसे अस्पताल के बेड पर चेन से बांधा गया है. जिसे यूपी सरकार ने गलत बताया है. दरअसल केरल यूनियन ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट्स ने सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन को एम्स या सफदरजंग अस्पताल ट्रांसफर करने की मांग की है.
अपनी याचिका में केरल यूनियन ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट्स ने कहा है कि 20 अप्रैल 2021 को कप्पन बाथरूम में गिर गया जिससे गंभीर चोटें आईं और बाद में उसका COVID-19 टेस्ट भी पॉजिटिव निकला था. वर्तमान में वह मथुरा के एक अस्पताल में भर्ती हैं. याचिका के अनुसार कप्पन की बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए और न्याय के हित में उन्हें तुरंत एम्स या सफदरजंग अस्पताल में स्थानांतरित करने की मांग की गई है.
गौरतलब है कि कप्पन को पिछले साल पांच अक्टूबर को हाथरस जाते समय गिरफ्तार किया गया था. हाथरस में एक दलित युवती से चार लोगों ने कथित तौर पर दुष्कर्म किया था और उपचार के दौरान उसकी मौत हो गयी थी, पुलिस ने कहा था कि उसने कप्पन समेत चार लोगों को मथुरा में पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) नामक संगठन के साथ कथित जुड़ाव के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
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