घर-घर जाकर कोविड टीकाकरण (door to door Covid vaccination) करने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इनकार कर दिया है. SC ने कहा कि इस तरह के सामान्य निर्देश केंद्र सरकार की प्रशासनिक जरूरतों और नीतिगत फैसलों को देखते हुए जारी नहीं किए जा सकते . जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि इस तरह की याचिकाएं दाखिल करते समय अपने विवेक का इस्तेमाल नहीं करता. बॉम्बे हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया था कि जो लोग नहीं जा सकते उनके घर जाकर टीकाकरण किया जाए लेकिन देश में अलग-अलग जगह हालात अलग हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लद्दाख, केरल और यूपी और ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में हालत अलग हैं. आपको इस तरह देश के डायवरसिटी को देखना चाहिए.पूरे देश को एक सामान्य आदेश से चलाया नहीं जा सकता.अभी एक पॉलिसी के तहत 50 फीसदी लोग कम से कम एक डोज ले चुके हैं. याचिकाकर्ता यूथ बार एसोसिएशन इस मामले में केंद्र सरकार के पास जा सकता है.सुप्रीम कोर्ट ने एक अन्य मामले में भी COVID19 के दौरान ऑक्सीजन, दवाओं आदि की कमी के कारण से मारे गए लोगों के परिवारों को मुआवजे की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार किया और कहा कि SC इस मामले में पहले ही फैसला सुना चुका है. याचिकाकर्ता केंद्र को सुझाव दे.
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