
महिला आरक्षण बिल मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया था, जिस पर सदन में आज चर्चा हो रही है. इस विधेयक को 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' नाम दिया गया है. हालांकि दोनों सदनों में पास होने के बाद भी इसका 2029 के आम चुनाव से पहले लागू किया जाना मुमकिन नहीं होगा, क्योंकि ये कानून तभी लागू हो सकता है, जब जनगणना और उसके बाद निर्वाचन क्षेत्रों में परिसीमन लागू हो गई हो.
वहीं भारत में जनगणना साल 2027 में ही होने की संभावना है. आला सरकारी सूत्रों का कहना है कि इस परिसीमन में दक्षिण भारतीय राज्यों की चिंताओं का भी ध्यान रखा जाएगा.
जनगणना 2024 चुनाव के बाद ही होगी. उसके बाद परिसीमन आयोग का गठन होगा. इस तरह 2029 लोकसभा चुनाव से पहले ही महिला आरक्षण लागू हो सकता है.
कहा गया कि परिसीमन के बाद सीटों के विस्तार को लेकर दक्षिण भारत के नेताओं की चिंता जायज़ है. आबादी को नियंत्रित करने वाले राज्यों को सज़ा नहीं दी जा सकती.
लोकसभा सीटों को बढ़ाते समय ऐसे राज्यों का प्रोराटा फ़िक्स करना होगा, ताकि आबादी कंट्रोल करने वाले राज्यों को सज़ा ना मिले. सिटीज़न अमेंडमेंट ऐक्ट के नियमों को भी जल्दी ही अधिसूचित किया जाएगा.
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