उत्तरी सिक्किम(North Sikkim) के लाचुंग में हुए भुस्खलन की घटना के बाद फंसे हुए 64 पर्यटकों को बचाया गया और उन्हें मंगन शहर ले जाया गया. मंगन के डीसी हेम कुमार छेत्री ने मीडिया को बताया कि लाचुंग से हवाई मार्ग से लोगों को निकालने की पहली योजना खराब मौसम की स्थिति के कारण सफल नहीं हो पाई. हालांकि, मंगन जिले में सोमवार की सुबह पर्यटकों को बाहर निकालने का कार्य शुरू हो गया.
हाल की घटनाओं के संबंध में, छेत्री ने 10 जून को भूस्खलन के कारण पाकसेप से 3 शव और अंबीथांग से 3 शव बरामद होने की भी जानकारी मीडिया को दी है. उन्होंने आश्वासन दिया, "राहत सामग्री भेजी जा रही है, और टूटी सड़कों के बावजूद सभी प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने के प्रयास जारी हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग की बहाली के संबंध में उन्होंने कहा कि निर्माण में देरी भारी बारिश के कारण पहाड़ी नदियों (झोरा) के प्रभावित होने के कारण इसमें समस्याएं आ रही है.
सिक्किम के मंगन जिले के तूंग से फंसे हुए पर्यटकों को सड़क मार्ग से निकालने का काम आज दोपहर से शुरू हुआ. #Sikkim #Landslide pic.twitter.com/XegKjJTofa
— NDTV India (@ndtvindia) June 17, 2024
अधिकारियों ने बताया कि 12 जून से लगातार हो रही बारिश ने मंगन में कहर बरपाया, जिससे कई भूस्खलन हुए और जिले के अधिकांश हिस्सों से संपर्क टूट गया. कई स्थानों पर सड़कें अवरुद्ध होने के कारण लाचुंग में लगभग 1,200-1,500 पर्यटक फंस गए. उन्होंने कहा कि सांकलांग में नवनिर्मित झूला पुल के ढहने के बाद स्थिति गंभीर हो गई क्योंकि यह उत्तरी सिक्किम और जोंगु को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग था.
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