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This Article is From Feb 17, 2023

कश्‍मीर में छद्म राष्‍ट्रवादी समूह ने बदला 'रंग', देशविरोधी कमेंट करने पर तीन गिरफ्तार

अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद अवामी आवाज पार्टी उन कई नई 'पार्टियों' में से थी जो कश्‍मीर घाटी में सामने आई थी.

कश्‍मीर में छद्म राष्‍ट्रवादी समूह ने बदला 'रंग', देशविरोधी कमेंट करने पर तीन गिरफ्तार
पुलिस ने सुहेल खान और उसके दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया है

एक राजनीतिक समूह जो कश्‍मीर घाटी में राष्‍ट्रीय ध्‍वज फहराने और पिछले तीन वर्षों में आतंकी हमलों के खिलाफ प्रदर्शन आयोजित करने में सबसे आगे रहा है, ने अब यूटर्न लेते हुए ऐलान किया है कि वह कश्‍मीर की आजादी के लिए लड़ेगा. इस ऐलान के बाद पुलिस ने अवामी आवाज पार्टी के अध्‍यक्ष सुहेल खान और उनके दो सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया है. अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद अवामी आवाज पार्टी उन कई नई 'पार्टियों' में से थी जो कश्‍मीर घाटी में सामने आई थीं. ग्रुप, श्रीनगर में राष्‍ट्रीय ध्‍वज फहराने, आतंकियों की लक्षित हत्‍याओं (टारगेट किलिंग) के खिलाफ प्रदर्शन के अलावा मुख्‍य धारा की क्षेत्रीय पार्टियों पर निशाना साधते हुए उन्‍हें कश्‍मीर में रक्‍तपात का दोषी ठहराता था.

श्रीनगर में एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस को संबोधित करते हुए सुहेल खान ने कहा कि उनकी पार्टी का गठन सेना ने किया था लेकिन लोगों पर अत्‍याचारों को देखकर उन्‍होंने और उनके सहयोग‍ियों ने अपना मन बदल लिया. उन्‍होंने कहा, "हमारी पार्टी का गठन सेना ने किया . मैंने तिरंगा फहराया है लेकिन जब मैंने आम आदमी पर अत्‍याचारों को देखा तो आजादी के लिए लड़ने का फैसला किया." पुलिस ने राष्‍ट्रविरोधी टिप्‍पणी और मीडियाकर्मियों को धमकाने के आरोप में उसे गिरफ्तार कर लिया है. श्रीनगर पुलिस ने ट्वीट किया है, "सुहैल खान, नदीम शफी राथर और उमर मजीद वानी नाम के तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वे स्‍वयंभू नेता थे और मीडियाकर्मियों को धमकाया था और कल एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में राष्‍ट्रविरोधी टिप्‍पणी की. "

इस बीच, सेना के एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने कहा कि उसने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के वीडियो को देखा है और हो सकता है कि ग्रुप को कुछ व्‍यक्तिगत अधिकारियों का समर्थन हो लेकिन सेना का ऐसे ग्रुप से कोई लेना देना नहीं है. सूत्रों ने कहा कि अवामी आवाज पार्टी जैसे ग्रुप को एक समय सेना का समर्थन था लेकिन अब नीति में बदलाव हुआ है और इन समूहों को अपने दम पर अपना वजूद बनाने को कहा गया था. अधिकारी ने कहा, " यह साफ तौर पर दर्शाता है कि इनका राष्ट्रवाद केवल उन लाभों के लिए था जो उन्हें हासिल हो रहे थे. एक बार जब यह बंद हो गया, तो उन्होंने अपना असली रंग दिखा दिया."

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