दिल्ली के जंतर-मंतर पर महिला पहलवानों का धरना-प्रदर्शन (Wrestlers Protest) तीन दिन से जारी है. महिला पहलवानों ने सोमवार को WFI चीफ और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह (WFI chief Brij Bhushan Singh) के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए याचिका दाखिल की थी. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हो गया है. मामले में शुक्रवार को सुनवाई होगी.
महिला पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर पुलिस के रवैये पर सवाल खड़े किए हैं. महिला पहलवानों ने कहा, "पुलिस का रवैया चौंकाने वाला और असभ्य रहा. कानून कहता है कि शिकायत पर एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं हो रहा. पुलिसकर्मी शिकायत की तस्वीरें ले रहे थे और लोगों को भेज रहे थे. तीन दिन से पुलिस ने कुछ नहीं किया. अगर क्लीन चिट दी गई है, तो समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए."
'पुलिस ने नहीं दी शिकायत की रसीद'
महिला पहलवानों ने कहा, "21 अप्रैल को याचिकाकर्ता आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन गए. पुलिस ने शिकायतें तो ले लीं, लेकिन तीन घंटे तक शिकायत की रसीद भी नहीं दी. शिकायतकर्ताओं के प्रति पुलिस का रवैया चौंकाने वाला था. यह घोर अन्याय है और उनके बुनियादी मानवाधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है."
'रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नहीं की जा रही?'
महिला पहलवानों ने कहा, "ललिता कुमारी के फैसले में कहा गया है कि जब भी पुलिस को संज्ञेय अपराध की सूचना दी जाती है, प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए. समिति के गठन के बावजूद, यौन उत्पीड़न शिकायत के महत्वपूर्ण पहलू के समाधान के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया. इसके अलावा, प्रिंट मीडिया में ऐसी खबरें थीं कि जिस व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी, उसे क्लीन चिट दे दी गई है. समिति की रिपोर्ट खेल मंत्रालय के पास है. अनुरोध के बावजूद रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जा रही है."
#WATCH | On sexual harassment allegations by wrestlers against him, WFI chief & BJP MP Brij Bhushan Singh says, "The matter is in the Supreme Court and the court will decide" pic.twitter.com/Y0DBQP1IAY
— ANI (@ANI) April 25, 2023
'पुलिस यौन उत्पीड़न की शिकायतों को गंभीरता से ले'
उन्होंने कहा, "यह महत्वपूर्ण है कि पुलिस यौन उत्पीड़न की सभी शिकायतों को गंभीरता से ले. तुरंत प्राथमिकी दर्ज करे और प्राथमिकी दर्ज करने में देरी करके एक और बाधा पैदा न करे. ऐसा करने में विफलता न केवल यौन उत्पीड़न के अपराधियों को प्रोत्साहित करती है, बल्कि महिलाओं के लिए आगे आकर ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट करना और भी कठिन बना देती है."
सुप्रीम कोर्ट तय करेगा, क्या करना है- बृजभूषण शरण सिंह
इस मामले में अब WFI अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह का पहला बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो इस पर क्यों बोला जाए, कैसे बोला जाए. सुप्रीम कोर्ट तय करेगा, क्या करना है.
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