शीर्ष भारतीय पहलवान, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के प्रमुख और अन्य प्रशिक्षकों पर महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाते हुए विरोध किया था, ने एक नई पुलिस शिकायत दर्ज कराई है और दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन के लिए एक बार फिर आ गए हैं. सात महिला पहलवानों ने महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मध्य दिल्ली के कनॉट प्लेस पुलिस थाने में यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई है.
पिछली बार हम गुमराह हुए थे-विनेश फोगट
राष्ट्रमंडल और एशियाई दोनों खेलों में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगट (Vinesh Phogat) ने कहा, ''हम किसी पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करेंगे. पिछली बार हम गुमराह हुए थे. हमें उम्मीद है कि इस बार इस मामले में कोई राजनीति नहीं होगी.''
सभी पार्टियों का स्वागत- बजरंग पुनिया
प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि इस बार वे किसी को मना नहीं करेंगे और जो भी उनके विरोध का समर्थन करना चाहता है, वह आ सकता है और इसमें शामिल हो सकता है. दरअसल जनवरी में, प्रदर्शनकारियों ने वाम नेता वृंदा करात से मंच छोड़ने का अनुरोध किया था.
ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया ने कहा कि इस बार विरोध में शामिल होने के लिए सभी पार्टियों का स्वागत है, चाहे वह भाजपा, कांग्रेस, आप, या कोई अन्य पार्टी हो. हम किसी भी पार्टी से संबद्ध नहीं हैं."
#WATCH | Delhi: "This time, all parties are welcome to join our protest whether it is BJP, Congress, AAP or any other party.....we're not affiliated with any party...": Bajrang Punia, Olympic medalist on wrestlers' protest against WFI chief Brij Bhushan Singh pic.twitter.com/g2i8T0TaAS
— ANI (@ANI) April 24, 2023
पुलिस ने कमेटी से जांच की रिपोर्ट मांगी
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने खेल मंत्रालय की कमेटी से जांच रिपोर्ट मांगी है. खेल मंत्रालय की कमेटी महिला पहलवानों के आरोपों की जांच पहले से कर रही है. दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार है. कमेटी ने सभी पहलवानों के बयान भी दर्ज किए हैं. भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ सात महिला पहलवानों ने दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में शारीरिक शोषण की शिकायत दर्ज कराई है. हालांकि दिल्ली पुलिस ने अभी तक कोई केस दर्ज नहीं किया है.
Podium से फुटपाथ तक।
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) April 23, 2023
आधी रात खुले आसमान के नीचे न्याय की आस में। pic.twitter.com/rgaVTM5WGK
दरअसल खेल मंत्रालय ने 23 जनवरी को शीर्ष मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय निगरानी समिति का गठन किया था और उसे एक महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा था. बाद में इसकी समय सीमा दो सप्ताह के लिए बढ़ा दी गई और प्रदर्शनकारी पहलवानों के आग्रह पर बबीता फोगाट को जांच पैनल में छठे सदस्य के रूप में शामिल किया गया था.
समिति ने अप्रैल के पहले सप्ताह में अपनी रिपोर्ट पेश की, लेकिन मंत्रालय ने अभी तक अपने निष्कर्षों को सार्वजनिक नहीं किया है. हालांकि, सूत्रों ने कहा है कि पहलवान कई सुनवाई के दौरान डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को साबित नहीं कर सके.
पहलवानों ने पहले कहा था कि वे कानूनी रास्ता नहीं अपनाना चाहते क्योंकि उन्हें प्रधानमंत्री पर भरोसा है. हालांकि उन्होंने यह चेतावनी भी दी थी कि अगर सरकार ने कार्रवाई नहीं की तो वे पुलिस के पास जाएंगे. उन्होंने कहा कि वे ओलंपियन बबीता फोगाट, जो कि भाजपा की सदस्य हैं और हरियाणा सरकार का हिस्सा हैं, की मध्यस्थता में खेल मंत्रालय से हुई बातचीत से संतुष्ट नहीं हैं. खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी इस मुद्दे पर पहलवानों से मुलाकात की थी और आरोपों को 'गंभीर' बताया था.
दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी
दिल्ली महिला आयोग (DCW) की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में एफआईआर दर्ज करने में विफल रहने पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. पहलवानों ने आयोग से शिकायत की है कि उन्होंने दो दिन पहले दिल्ली पुलिस को लिखित शिकायत दी है लेकिन अभी तक उनकी एफआईआर दर्ज नहीं की गई है.
डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल ने कहा, "शिकायतकर्ता ने आयोग को सूचित किया है कि एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों ने आरोप लगाया है कि आरोपी व्यक्ति भारतीय कुश्ती महासंघ में अपने कार्यकाल के दौरान उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के अपराध में शामिल रहा है."
दावा किया गया है कि शिकायतकर्ताओं ने आयोग को बताया है कि मामले में एफआईआर दर्ज करने के बजाय, कुछ शिकायतकर्ताओं और उनके परिवार के सदस्यों को उनकी पहचान के बारे में खेल मंत्रालय में तैनात एक आईपीएस अधिकारी के फोन कॉल आने लगे हैं.
आरोपों का खंडन किया
भाजपा के सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने आरोपों का खंडन किया है. 66 वर्षीय सिंह ने पहले कहा था, "यौन उत्पीड़न के सभी आरोप झूठे हैं और अगर वे सही पाए गए तो मैं आत्महत्या कर लूंगा." महासंघ ने कहा कि जिन एथलीटों ने डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं, उनका एक गुप्त एजेंडा है.
बता दें विरोध की शुरुआत 18 जनवरी को ट्रिपल कॉमनवेल्थ गेम्स की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट ने की थी, जो कि भारत की सबसे ख्यात महिला पहलवानों में से एक हैं. फोगाट ने कहा था कि उन्होंने खुद कभी इस तरह के शोषण का सामना नहीं किया, लेकिन उन्होंने दावा किया कि कई पहलवान अपनी विनम्रता के कारण आगे आने से डरती हैं.
शीर्ष पहलवानों ने कहा था कि वे सरकार से बातचीत के बाद संतुष्ट नहीं हैं और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक वे कुश्ती नहीं लड़ेंगे. उन्होंने महासंघ के कामकाज में कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए महासंघ के पूर्ण कायापलट की मांग की थी.
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