चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर फिलहाल रोक नहीं, SC का दखल देने से इंकार

याचिकाकर्ता ने कोर्ट में याचिका देकर मांग की थी कि कोर्ट चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को तुरंत प्रभाव से रोक दे. इसके पीछे का तर्क ये था कि कोर्ट पहले भी ऐसा कर चुकी है.

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर बड़ी टिप्पणी की है. कोर्ट ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के खिलाफ दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि फिलहाल इस नियुक्ति पर रोक नहीं लगा रहे हैं. इस याचिका पर तीन जजों की बेंच सुनवाई कर रही थी. बता दें कि याचिकाकर्ता ने कोर्ट से मांग की थी कि वह फिलहाल इस नियुक्ति पर रोक लगाए. इसके लिए दलील ये दी गई थी कि कोर्ट पहले भी ऐसे फैसले ले चुका है. 

याचिकाकर्ता ने एससी के आगे रखा अपना पक्ष

याचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि नए क़ानून के मुताबिक दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति भी हो गई है. वकील विकास सिंह ने पिछले साल 2 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के फैसले की जानकारी भी दी. विकास सिंह ने कहा कि इस फैसले में SC ने आदेश दिया था कि इन पदों पर नियुक्ति, चीफ जस्टिस,पीएम और विपक्ष के नेता वाली कमेटी द्वारा की जाएं. अगर SC ने अपने फैसले में कोई व्यवस्था दी है तो उसकी यूं अवहेलना नहीं हो सकती. 

मिल रही जानकारी के अनुसार इस याचिका की सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि दो बार ये मामला पहले भी आया था. हमने कहा था कि सामान्य तौर पर हम कानून पर रोक नहीं लगाते हैं. उन्होंने आगे कहा कि हम अंतरिम आदेशों के माध्यम से कानूनों पर रोक नहीं लगाते हैं. 

कल हुआ था चुनाव आयुक्तों के नाम का ऐलान

गौरतलब है कि नौकरशाह सुखबीर सिंह संधू और ज्ञानेश कुमार को गुरुवार को देश का अगला चुनाव आयुक्त चुना गया था. दोनों नौकरशाहों को चुनाव आयुक्त बनाने का फैसला पीएम मोदी नीत पैनल ने किया था. इस पैनल में गृहमंत्री अमित शाह के साथ-साथ कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी भी थे. आपको बता दें कि सुखबीर संधू और ज्ञानेश कुमार 1988-बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं. जहां संधू आईएएस के उत्तराखंड कैडर से हैं, वहीं कुमार केरल कैडर से हैं.

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संधू इससे पहले उत्तराखंड के मुख्य सचिव और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष सहित प्रमुख सरकारी पदों पर रह चुके हैं. कुमार ने संसदीय कार्य मंत्रालय और अमित शाह के नेतृत्व वाले सहकारिता मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्य किया है.