चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे की सेवानिवृत्ति और अरुण गोयल के अचानक इस्तीफे से बनी रिक्तियों को भरने के लिए अगले चार-पांच दिनों में दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति होने की संभावना है. सूत्रों ने कहा कि चयन समिति सदस्यों की सुविधा के आधार पर 13 या 14 मार्च को बैठक कर सकती है और नियुक्तियां 15 मार्च तक होने की संभावना है.
निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की संभावित घोषणा से कुछ दिन पहले ही अरुण गोयल ने शुक्रवार सुबह चुनाव आयुक्त के पद से इस्तीफा दे दिया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया और कानून मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर इसकी घोषणा की. इससे मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार चुनाव प्राधिकरण के एकमात्र सदस्य रह गए हैं. अनूप चंद्र पांडे 14 फरवरी को सेवानिवृत्त हुए हैं.
बाद में, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक चयन समिति, जिसमें एक केंद्रीय मंत्री और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल होंगे, चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति के लिए दो व्यक्तियों का नाम तय करेगी. इसके बाद चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी.
गोयल के इस्तीफे के पीछे के कारणों से जुड़े सवाल पर सूत्रों ने बताया कि हो सकता है कि उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया हो. गोयल और कुमार के बीच मतभेद की अटकलों को खारिज करते हुए सूत्रों ने कहा कि आंतरिक संचार और निर्णयों के रिकॉर्ड से पता चलता है कि गोयल द्वारा कोई असहमति दर्ज नहीं की गई थी.
शुक्रवार की सुबह इस्तीफा देने वाले गोयल चुनाव ड्यूटी के लिए पूरे भारत में केंद्रीय बलों की तैनाती और आवाजाही को सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग और गृह मंत्रालय तथा रेलवे के शीर्ष अधिकारियों के बीच हुई महत्वपूर्ण बैठक में शामिल नहीं हुए थे.
फरवरी में अनूप चंद्र पांडे की सेवानिवृत्ति और गोयल के इस्तीफे के बाद, तीन सदस्यीय निर्वाचन आयोग में अब केवल मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार हैं.
इससे पहले अशोक लवासा ने अगस्त 2020 में चुनाव आयुक्त के पद से इस्तीफा दिया था. उन्होंने निर्वाचन आयोग द्वारा पिछले लोकसभा चुनावों में आचार संहिता उल्लंघन संबंधी निर्णयों पर असहमति जताई थी.
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