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मार्क जुकरबर्ग ने किया 2024 में बीजेपी की हार का दावा! केंद्रीय मंत्री ने लगा दी क्लास, कही ये बात

केंद्रीय मंत्री ने जुकरबर्ग के बयान का खंडन करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री मोदी की तीसरी बार निर्णायक जीत सुशासन और जनता के विश्वास का प्रमाण है." 

मार्क जुकरबर्ग ने किया 2024 में बीजेपी की हार का दावा! केंद्रीय मंत्री ने लगा दी क्लास, कही ये बात
नई दिल्ली:

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मेटा चीफ मार्क जुकरबर्ग के 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों के दावे को झूठा बताया है. दरअसल, शुक्रवार को पॉडकास्टर जो रोगन के साथ एक इंटरव्यू में, जुकरबर्ग का ये दावा गलत था कि भारत समेत अधिकांश मौजूदा सरकारें 2024 में चुनाव हार गईं. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि जुकरबर्ग का दावा "तथ्यात्मक रूप से गलत है."

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने 2024 में आम चुनावों में जीत हासिल की थी. जुकरबर्ग की गलती को लेकर वैष्णव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "विश्वभर में सबसा बड़े लोकतांत्रिक देश भारत ने 2024 में 640 मिलियन वोटर्स के साथ आम चुनाव 2024 का आयोजन किया था. और भारत के लोगों ने इन चुनावों में पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार पर अपना भरोसा जताया था."

कोविड-19 महामारी ने किस तरह से सरकारों में वैश्विक विश्वास को खत्म किया और चुनावों को प्रभावित किया, इस बारे में बात करते हुए जुकरबर्ग ने कहा था, "2024 दुनिया भर में एक बहुत बड़ा चुनावी वर्ष था और भारत समेत कई देशों में चुनाव हुए. मौजूदा सरकारें मूल रूप से हर एक चुनाव हार गईं. यह किसी न किसी तरह की वैश्विक घटना है - चाहे वह इंफ्लेशन के कारण हो या कोविड से निपटने के लिए आर्थिक नीतियों के कारण... लेकिन ऐसा लगता है कि इसका वैश्विक प्रभाव पड़ा है."

केंद्रीय मंत्री ने जुकरबर्ग के बयान का खंडन करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री मोदी की तीसरी बार निर्णायक जीत सुशासन और जनता के विश्वास का प्रमाण है." 

इस वजह से चिंता की स्थिति पैदा हो गई है, क्योंकि इस कदम को व्यापक रूप से नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को खुश करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. जुकरबर्ग के इस बयान के बाद अंतरराष्ट्रीय फैक्ट चेकिंग नटवर्क ने उन्हें एक ओपन लेटर लिखा जिसमें कहा गया है, "इनमें से कुछ देश गलत सूचनाओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हैं, जो राजनीतिक अस्थिरता, चुनाव में हस्तक्षेप, मोब हिंसा और यहां तक ​​कि नरसंहार को बढ़ावा देती हैं." 

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