- मध्यप्रदेश पुलिस प्रशिक्षण में गीता का पाठ जोड़ा गया है. यह अध्यात्मिक पहल सियासी बहस का मुद्दा बन गई है.
- कांग्रेस ने इसे धर्म और राज्य संस्थाओं के बीच की रेखा धुंधली करने वाला कदम बताया और भगवाकरण का आरोप लगाया.
- बीजेपी ने कांग्रेस पर पलटवार किया और कहा कि गीता किसी एक धर्म की नहीं, बल्कि जीवन जीने का सार है.
मध्यप्रदेश पुलिस के प्रशिक्षण में अब ध्यान और दौड़ के साथ गीता का पाठ जोड़ा गया है, लेकिन यह अध्यात्मिक पहल अब सियासी बहस का नया मुद्दा बन गई है. कांग्रेस ने इसे पुलिस का भगवाकरण बताया है, जबकि बीजेपी कह रही है गीता कोई धर्म नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का प्रतीक है.
मध्यप्रदेश पुलिस ट्रेनिंग स्कूलों में अब हर रात जवान ध्यान करने से पहले गीता के श्लोक सुनते हैं. एडीजी ट्रेनिंग राजाबाबू सिंह के आदेश के बाद भर्ती आरक्षकों को श्रीमद्भगवद्गीता का एक अध्याय पढ़ाया जा रहा है. इससे पहले रामचरितमानस के दोहे पुलिस ट्रेनिंग में शामिल हैं.
स्ट्रेस रिलीज, रिजल्ट शानदार: एडीजी ट्रेनिंग
एडीजी ट्रेनिंग राजाबाबू सिंह ने बताया हमारे पास सिर्फ 9 महीने का समय होता है, जिसमें गांव के बच्चों और सब-अर्बन युवाओं को प्रोफेशनल पुलिसमैन बनाना है. कानून, साइबर सिक्योरिटी, वेपन ट्रेनिंग के साथ सॉफ्ट स्किल भी जरूरी हैं. हमने सोचा कि श्रीमद्भगवद्गीता से अच्छा कोई पाठ्यक्रम नहीं है. गांधीजी भी गीता को साथ रखते थे. हमारे जवान रोज शाम को गीता का एक अध्याय पढ़ते हैं, ध्यान करते हैं. उन्होंने कहा कि इससे स्ट्रेस रिलीज होता है और रिजल्ट शानदार हैं.
हालांकि विपक्ष ने इसे धर्म और राज्य संस्थाओं के बीच की रेखा धुंधली करने वाला कदम बताया है. कांग्रेस का आरोप है कि पुलिस का भगवाकरण किया जा रहा है.
गीता पढ़ाना है तो अन्य धर्मग्रंथ भी पढ़ाएं: वर्मा
कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि पुलिस में सभी धर्मों के लोग होते हैं. क्या यह अधिकारियों को नहीं पता कि अगर गीता पढ़ाना है तो कुरान, बाइबल और गुरुग्रंथ साहिब भी पढ़ाया जाए. यह मोहन भागवत के एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश है.
वहीं बीजेपी ने कांग्रेस पर पलटवार किया है. बीजेपी का कहना है कि गीता किसी एक धर्म की नहीं, बल्कि जीवन जीने का सार है.
इटली के संस्कार, कांग्रेस क्या जाने गीता का सार: सारंग
मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विश्वास सारंग के मुताबिक, "गीता जीवन जीने का सार है... पुलिस में भर्ती युवा जब गीता का ज्ञान लेंगे तो नई ऊर्जा के साथ प्रदेश की सेवा करेंगे. देश की संस्कृति और सनातन दर्शन का पाठ पढ़ाया जाएगा तो कांग्रेस के पेट में दर्द होगा ही. इटली के संस्कारों में पली-बढ़ी कांग्रेस गीता के सार को क्या जाने."
रामचरित मानस और भागवत के अलावा पुलिस विभाग के जवान हर रात आधे घंटे मेडिटेशन भी कर रहे हैं.
रामचरितमानस से लेकर भगवद्गीता तक, पुलिस ट्रेनिंग में ध्यान और धर्म का मेल अब राजनीति का नया मैदान बन गया है.
जहां एक तरफ गीता को जीवन का विज्ञान कहा जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ इसे संविधान के खिलाफ कदम बताया जा रहा है. फिलहाल मध्यप्रदेश पुलिस के जवान गीता पढ़ते हुए ध्यान में मग्न हैं, लेकिन बाहर राजनीति में मंथन जारी है.
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