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एस जयशंकर ने NDTV समिट में खोल दी थी कनाडा की पोल, आज यूटर्न से सच हुई वो बात

कनाडा की एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि पीएम मोदी, भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी निज्जर की हत्या की साजिश के बारे में जानते थे. इस रिपोर्ट का भारत ने खंडन किया था.

प्रधानमंत्री मोदी और अन्य भारतीय वरिष्ठ अधिकारियों पर लगे आरोप निराधार: कनाडा

नई दिल्ली:

कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार ने भारत पर कई गंभीर आरोप लगाने के बाद अब पलटी मार ली है और NDTV समिट में विदेशमंत्री एस जयशंकर की कही बात सच साबित हो गई है. उन्होंने कनाडा की हरकत को डबल स्टैंडर्ड बताया था. दरअसल,  अब उसी सरकार ने पीएम मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के कनाडा में आपराधिक गतिविधियों से जोड़ने वाली रिपोर्ट यूटर्न लेते हुए कहा कि भारत के खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं. 

दरअसल, कनाडा के ग्लोब एंड मेल न्यूजपेपर की रिपोर्ट में कनाडाई अधिकारियों के हवाले से कहा गया था कि भारत को निज्जर की हत्या की साजिश के बारे में पहले से जानकारी थी. इस साजिश के बारे में भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और विदेश मंत्री जानते थे.  इस रिपोर्ट पर आज जस्टिन ट्रूडो के राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया सलाहकार नथाली जी ड्रौइन का बयान आया है. जिसमें कहा गया है कि इन दावों के किसी भी सबूत के बारे में कनाडाई सरकार को जानकारी नहीं है.

एस जयशंकर की बात हुई सच

भारत सरकार ने कल इस रिपोर्ट को गलत करार दिया था और इसे बेतुका बताया था. वहीं आज कनाडा सरकार ने भी इस रिपोर्ट से किनारा कर लिया है. जिसके साथ ही हाल ही में NDTV वर्ल्ड समिट में विदेश मंत्री एस जयशंकर की कही बात सच हो गई है. जिसमें उन्होंने कनाडा को डबल स्टैंडर्ड बताया था.

Video : डबल स्टैंडर्ड कनाडा के लिए बहुत हल्का शब्द... विदेश मंत्री ने समझाया भारत ने क्यों बुलाए राजदूत

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि, "कनाडा का मुद्दा (India-Canada Tension) एक सामान्य पश्चिमी मुद्दा और कनाडा विशिष्ट मुद्दा है. उसका चरित्र दोहरा है. कनाडा को तब कोई दिक्कत नहीं होती, जब उनके डेप्लोमेट्स भारत आकर हमारी सेना और पुलिस की जानकारी इकट्ठा करती है. वहीं हमारे डेप्लोमेट्स पर पाबंदी लगा दी जाती है. यह कनाडा का डबल स्टैंडर्ड रवैया है. कनाडा दूसरे देशों के डेप्लोमेट्स के साथ जैसा बर्ताव करता है, उससे अलग व्यवहार भारतीय राजनयिकों के साथ कर रहा है. कनाडा खुद भारत में अपने राजनयिकों को मनमानी करने देता है, लेकिन भारतीय राजनयिकों पर बंदिशें लगाता है."

"वो करें, तो आजादी, हम करें, तो गुनाह"

जयशंकर ने भारतीय राजनयिकों को वापस बुलाने को लेकर कनाडा को खरी-खोटी सुनाते हुए कहा था कि "वो करें, तो इसे बोलने की आजादी कहते हैं. हम करें, तो उसे गुनाह और विदेशी दखल कहा जाता है".

कनाडा के साथ भारत के संबंधों में पिछले कुछ महीनों में काफी तल्ख हुए हैं. भारत ने बार-बार कनाडा में उग्रवाद और हिंसा की संस्कृति और भारत विरोधी गतिविधियों के बारे में अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है और कनाडाई अधिकारियों से इन गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है.

भारत पर लगाए थे गंभीर आरोप

कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दावा किया था कि पिछले साल कनाडा में हुई खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ था. हालांकि भारत लगातार कनाडा के आरोपों का खंडन करता आ रहा है. भारत ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका और राजनीति से प्रेरित बताया था. इसके अलावा, भारत ने कनाडा पर अपने देश में चरमपंथी और भारत विरोधी तत्वों को जगह देने का आरोप भी लगाया था.

वहीं भारत सरकार ने कल निज्जर की हत्या की साजिश पर कनाडा की रिपोर्ट की निंदा की थी और भारत ने इसे सिरे से नकारते हुए खारिज किया था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा था कि भारत को खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की साजिश की जानकारी होने का दावा करने वाली कनाडाई रिपोर्ट एकदम बेतुकी है.

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