दिल्ली पुलिस ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्हें अभिनेत्री रश्मिका मंदाना के ‘डीप फेक' वीडियो से संबंधित मामले की जांच में महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं और तकनीकी विश्लेषण के माध्यम से उनका सत्यापन किया जा रहा है. एक अधिकारी ने बताया कि तकनीकी विश्लेषण के तहत अधिकारी उन सभी ‘आईपी एड्रेस' की पहचान कर रहे हैं जहां से वीडियो अपलोड किया गया था और उस ‘एड्रेस' का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं जहां से वीडियो पहली बार इंटरनेट पर अपलोड किया गया था.
‘आईपी एड्रेस' एक ऐसा पता जिससे इंटरनेट या स्थानीय नेटवर्क पर किसी उपकरण की पहचान होती है. पुलिस उपायुक्त (आईएफएसओ, विशेष प्रकोष्ठ) हेमंत तिवारी ने बताया कि उन्हें महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं और आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा. दिल्ली महिला आयोग द्वारा शहर पुलिस को नोटिस भेजे जाने के बाद 11 नवंबर को दिल्ली पुलिस के ‘इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस' (आईएफएसओ) ने मामले के संबंध में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.
‘डीप फेक' तकनीक शक्तिशाली कंप्यूटर और शिक्षा का इस्तेमाल करके वीडियो, छवियों, ऑडियो में हेरफेर करने की एक विधि है. इससे पहले दिन में, केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ‘डीपफेक' के मुद्दे पर सोशल मीडिया मंचों के प्रतिनिधियों से बृहस्पतिवार को मुलाकात की. वैष्णव ने ‘डीप फेक' को लोकतंत्र के लिए नया खतरा करार देते हुए कहा कि सरकार इससे निपटने के लिए जल्द ही नए नियम लाएगी. उन्होंने कहा कि कंपनियां ‘डीपफेक' का पता लगाने, इससे निपटने, इसकी सूचना देने के तंत्र को मजबूत करने और उपयोगकर्ताओं में जागरूकता बढ़ाने जैसी स्पष्ट कार्रवाइयां करने पर सहमत हुईं.
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